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बांका: 18 सूत्री मांगों को लेकर खौरा और आदिवासी समुदाय के लोगों ने रैली निकालकर भरी हुंकार

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Published : Nov 8, 2019, 11:42 AM IST

जनपहल मंच के बैनर तले खीरा और आदिवासी समुदाय के लोगों की जमीन की मांग को लेकर डीएम के कार्यालय परिसर में जमकर प्रदर्शन किया.

Banka demanding land

बांका: भारत जनपहल मंच के बैनर तले खैरा और आदिवासी सहित दर्जनों समुदाय के लोगों ने समारहणालय में जमकर प्रदर्शन किया. वहीं, नेशनल कॉर्डिनेटर विनोद झा की अगुवाई में एक शिष्टमंडल ने खैरा समुदाय को जनजाति का दर्जा देने सहित 18 मांगे को लेकर डीएम को ज्ञापन डीएम को ज्ञापन सौंपा. साथ ही लोगों ने सरकार से गैरमजरूआ जमीन का खाता खसरा प्रकाशित करने की मांग की है.

'भूमिहीन किसानों जल्द दिया जाए जमीन'
भारत जनपहल मंच के नेशनल कॉर्डिनेटर बलदेव झा ने कहा कि सभी गैरमजरूआ, सीलिंग, भूदान, सैरात और मठ, मंदिर और धार्मिक ट्रस्टों की परती जमीन जो अभी तक भूमिहीन गरीब किसानों के दखल में नहीं दिया गया है. उन्होंने कहा कि ऐसे जमीन का खाता खसरा की सूची सरकार प्रकाशित करे और 4 महीने के अंदर कब्जा के साथ सरकारी पर्चा भी प्रदान किया जाए. जगल क्षेत्र में उपयोगी फलदार पेड़ लगाने का अधिकार और अनुदान की राशि खैरा जनजाति सहित अन्य समुदाय के लोगों को दिया जाए. कॉर्डिनेटर ने कहा कि वन विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों और माफियाओं पर जिला प्रशासन कड़ी कार्रवाई करे.

Banka demanding land
प्रदर्शन करते लोग

किसानों को जमीन के अनुसार मिले बीज
कॉर्डिनेटर ने कहा कि किसानों को उनकी जमीन के अनुसार बीज, खाद, कीटनाशक, जुताई और सिंचाई की लागत का प्रतिवर्ष ब्यौरा लेकर सरकार भुगतान करे. उन्होंने कहा कि बैंक में जमा जनता की राशि से बड़े पूंजीपतियों, व्यापारियों और बहुराष्ट्रीय कंपनी को सरकार रुपया दे सकती है, तो किसानों को क्यों नहीं दी जा सकती. वालमार्ट जैसी बहुराष्ट्रीय से सरकार समझौता रद्द कर देसी खुदरा व्यापारियों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए ढांचागत परिवर्तन किया जाए.

खैरा और आदिवासी समुदाय के लोगों ने किया प्रदर्शन

मनरेगा से भ्रष्टाचार को किया जाए समाप्त
नेशनल कॉर्डिनेटर ने कहा की अनाज सहित दलहन और तिलहन के मूल्य को बढ़ा बढ़ाया जाए. मूल्य पर किसानों की सुविधा अनुसार सरकार और व्यापारी उनसे खरीदें और तत्काल उसका भुगतान करें. वहीं, मनरेगा के माध्यम से मजदूरों को साल भर काम मिले इसके लिए मनरेगा में व्याप्त भ्रष्टाचार को सरकार समाप्त करे.
मोबलीचिंग पर जल्द लगे अंकुश
कॉर्डिनेटर ने कहा मजदूरों को प्रति माह 10 हजार बेरोजगारी भत्ता दी जाए. छात्र-छात्राओं इंटर तक सरकारी या निजी स्कूलों में मुफ्त में खाना,कपड़ा और निवास के साथ पढ़ाई कराने की भी मांग की . उन्होंने दलितों के साथ हो रहे उत्पीड़न यानी मॉबलीचिंग पर सख्ती से अंकुश लगाने का भी मांग की.

Intro:भारत जन पहल मंच के बैनर तले खैरा और आदिवासी सहित दर्जनों समुदाय के दो हजार लोगों ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। भारत जन पहल मंच के नेशनल कोऑर्डिनेटर बलदेव झा ने कहा कि खैरा, आदिवासी, जंगल वासी को जंगल की जमीन पर चास बास करने जो उनके दखल और कब्जा में है। इसके लिए सरकारी पर्चा भी दी गई थी। इसके अलावा नेशनल कॉर्डिनेटर विनोद झा की अगुवाई में एक शिष्टमंडल ने खैरा समुदाय को जनजाति का दर्जा देने सहित 18 मांगो का ज्ञापन डीएम को शिष्टमंडल ने सौंपा।


Body:गैरमजरूआ जमीन का खाता खसरा सरकार करे प्रकाशित
भारत जन पहल मंच के नेशनल कॉर्डिनेटर बलदेव जान ने कहा कि सभी गैरमजरूआ, सीलिंग, भूदान, सैरात और मठ, मंदिर व धार्मिक ट्रस्टों की परतीजमीन जो अभी तक भूमिहीन गरीब किसानों तथा खेत मजदूरों को अभी तक दखल में नहीं दिया है। ऐसे जमीन का खाता खसरा की सूची सरकार प्रकाशित करे। साथ ही 4 महीने के अंदर कब्जा के साथ सरकारी पर्चा देने का मांग किया। जंगल क्षेत्र में उपयोगी फलदार पेड़ लगाने का अधिकार और अनुदान की राशि खैरा जनजाति सहित अन्य समुदाय के लोगों को दिया जाए। वन विभाग के भ्रष्ट पदाधिकारियों व माफियाओं और दबंगों पर कड़ी कार्रवाई जिला प्रशासन अविलंब करे।
किसानों को जमीन के अनुसार मिले बीज
सभी किसानों को उनकी जमीन के अनुसार बीज, खाद, कीटनाशक, जुताई और सिंचाई की लागत का प्रतिवर्ष ब्यौरा लेकर सरकार भुगतान करे। सिंचाई की लागत का प्रतिवर्ष ब्यौरा लेकर सरकार भुगतान करे। नेशनल कॉर्डिनेटर विनोद झा ने कहा कि बैंक में जमा जनता की राशि से बड़े पूंजीपतियों, व्यापारियों और बहुराष्ट्रीय कंपनी को सरकार रुपया दे सकती है तो किसानों को क्यों नहीं दी जा सकती। वालमार्ट जैसी बहुराष्ट्रीय से सरकार समझौता रद्द कर देसी खुदरा व्यापारियों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए ढांचागत परिवर्तन किया जाए और अतिरिक्त कृषि उपज के लिए 70% भारतीय बाजार किसानों एवं देसी खुदरा व्यापारियों के लिए सुरक्षित रखा जाए।

मनरेगा से भ्रष्टाचार को किया जाए समाप्त
नेशनल कॉर्डिनेटर ने कहा की अनाज सहित दलहन व तिलहन के मूल्य को बढ़ा बढ़ाया जाए। मूल्य पर किसानों की सुविधा अनुसार सरकार और व्यापारी उनसे खरीदें और तत्काल उसका भुगतान करें। वहीं मनरेगा के माध्यम से मजदूरों को साल भर काम मिले इसके लिए मनरेगा में व्याप्त भ्रष्टाचार को सरकार समाप्त करे। का मजदूरों को प्रति माह 10 हजार बेरोजगारी भत्ता दी जाए। बंदोपाध्याय आयोग की सिफारिशों को किया जाए। छात्र-छात्राओं इंटर तक सरकारी या निजी स्कूलों में मुफ्त में खाना,कपड़ा और निवास के साथ पढ़ाई कराने की भी मांग की। 100 सीटों और दलितों के साथ हो रहे उत्पीड़न यानी मोबलीचिंग पर सख्ती से अंकुश लगाने का भी मांग किया।


Conclusion:किसी के बहकावे या उकसावे में नहीं स्वतःस्फूर्त है भीड़
नेशनल कॉर्डिनेटर विनोद झा ने कहा कि किसी के बांकावे या उकसावे में नहीं बल्कि यह भीड़ स्वत अर्थ है। अपनी मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट पर यह लोग एकत्रित हुए हैं। सरकार मांग पूरा नहीं करती है तो चरणबद्ध तरीके से आंदोलन का सिलसिला इसी तरह बदस्तूर जारी रहेगा।
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