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चंदा इकट्ठा कर ग्रामीणों ने बनाई सड़क, निर्माण के नाम पर जिला परिषद ने निकाले सरकारी रुपये

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Published : Feb 14, 2020, 12:09 PM IST

जिला परिषद की धांधली का ये मामला तब उजागर हुआ जब सड़क निर्माण के बाद परिषद ने वहां शिलालेख लगा दिया. मामला डीएम के संज्ञान में आने के बाद कड़ी कार्रवाई की बात कही गई है.

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शिलालेख

अरवलः जिले के बौध बिगहा गांव में जिस सड़क का निर्माण ग्रामीणों ने श्रमदान और चंदा इकट्ठा कर किया, उसी सड़क के निर्माण के नाम पर जिला परिषद ने पैसे की अवैध निकासी कर ली. ये सड़क कलेर प्रखंड के नेशनल हाईवे 139 पर स्थित है.

अवैध निकासी का मामला उजागर
जिले के कलेर प्रखंड के बौध बिगहा गांव में जिला परिषद के जरिए पैसे की अवैध निकासी का मामला उजागर हुआ है. ग्रामीणों से मिलीजानकारी के अनुसार बौध बिगहा और फेकू बीघा जो औरंगाबाद पटना मुख्य मार्ग पर बसा हुआ है, उसमें आने जाने में काफी परेशानी होती थी. जिससे तत्कालीन मुखिया योगेन्द्र पासवान ने 2015 में मनरेगा योजना से सुरक्षा दीवार और मिट्टी भराई का काम कर पैसे की निकासी की गई.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

पहले भी हो चुकी थी रुपये की निकासी
बता दें कि पहलेजा पंचायत की मुखिया विमला कुमारी ने भी 2017 में इसे मनरेगा के जरिए मिट्टी भराई कर 3,22000 की निकासी की गई है. जबकि 2018 में उसी योजना को दिखाते हुए वर्तमान जिला परिषद सदस्य ललिया देवी ने 70,2300 की फर्जी निकासी कर ली गई है.

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योगेंद्र पासवान, पूर्व मुखिया

ये भी पढ़ेंः दबंगों की दबंगई: CRPF जवान के परिवार को घर से किया बेघर, प्रशासन नहीं कर रहा कार्रवाई

परिषद ने लगाया अपना शिलालेख
जिला परिषद की धांधली का ये मामला तब उजागर हुआ जब सड़क निर्माण के बाद परिषद ने वहां शिलालेख लगा दिया. मामला जिलाधिकारी के संज्ञान में जाने के बाद आनन-फानन में कड़ी कार्रवाई करने की बात कही जा रही है. वहीं, पूर्व मुखिया योगेंद्र पासवान ने जिला परिषद के जरिए निकाले गए पैसे को पूरी तरह से अवैध करार दिया है.

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रवि शंकर चौधरी, जिलाधिकारी

जांच के बाद होगी सख्त कार्रवाई
मामले में जिलाधिकारी रवि शंकर चौधरी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि मामला मेरे संज्ञान में आया है. जांच के बाद दोषी लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. हालांकि मामला पटल पर आने के बाद जिला परिषद में हड़कंप मच गया है.

अरवलः जिले के बौध बिगहा गांव में जिस सड़क का निर्माण ग्रामीणों ने श्रमदान और चंदा इकट्ठा कर किया, उसी सड़क के निर्माण के नाम पर जिला परिषद ने पैसे की अवैध निकासी कर ली. ये सड़क कलेर प्रखंड के नेशनल हाईवे 139 पर स्थित है.

अवैध निकासी का मामला उजागर
जिले के कलेर प्रखंड के बौध बिगहा गांव में जिला परिषद के जरिए पैसे की अवैध निकासी का मामला उजागर हुआ है. ग्रामीणों से मिलीजानकारी के अनुसार बौध बिगहा और फेकू बीघा जो औरंगाबाद पटना मुख्य मार्ग पर बसा हुआ है, उसमें आने जाने में काफी परेशानी होती थी. जिससे तत्कालीन मुखिया योगेन्द्र पासवान ने 2015 में मनरेगा योजना से सुरक्षा दीवार और मिट्टी भराई का काम कर पैसे की निकासी की गई.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

पहले भी हो चुकी थी रुपये की निकासी
बता दें कि पहलेजा पंचायत की मुखिया विमला कुमारी ने भी 2017 में इसे मनरेगा के जरिए मिट्टी भराई कर 3,22000 की निकासी की गई है. जबकि 2018 में उसी योजना को दिखाते हुए वर्तमान जिला परिषद सदस्य ललिया देवी ने 70,2300 की फर्जी निकासी कर ली गई है.

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योगेंद्र पासवान, पूर्व मुखिया

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परिषद ने लगाया अपना शिलालेख
जिला परिषद की धांधली का ये मामला तब उजागर हुआ जब सड़क निर्माण के बाद परिषद ने वहां शिलालेख लगा दिया. मामला जिलाधिकारी के संज्ञान में जाने के बाद आनन-फानन में कड़ी कार्रवाई करने की बात कही जा रही है. वहीं, पूर्व मुखिया योगेंद्र पासवान ने जिला परिषद के जरिए निकाले गए पैसे को पूरी तरह से अवैध करार दिया है.

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रवि शंकर चौधरी, जिलाधिकारी

जांच के बाद होगी सख्त कार्रवाई
मामले में जिलाधिकारी रवि शंकर चौधरी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि मामला मेरे संज्ञान में आया है. जांच के बाद दोषी लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. हालांकि मामला पटल पर आने के बाद जिला परिषद में हड़कंप मच गया है.

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