पटनाः बिहार म्यूजियम में वर्ल्ड हेरिटेज डे पर 'बिहार के विविध रंग' विषय पर एकदिवसीय कार्यशाला (Workshop on World Heritage Day In Bihar Museum Patna) का आयोजन किया गया. कार्यशाला में बच्चों को बिहार के ट्रेडिशनल आर्ट (Traditional Arts of Bihar) से जुड़े अलग-अलग पहलुओं के बारे में जानकारी दी गयी. इस दौरान बच्चों को पुस्तक की मदद से हेरिटेज के महत्व के बारे में बताया गया. कार्यक्रम में बिहार के सैकड़ों स्कूली बच्चों ने हिस्सा लिया.
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बिहार के फोक आर्ट से अवगत हुए बच्चेः बिहार म्यूजियम के महानिदेशक अंजनी कुमार सिंह (Director General of Bihar Museum Anjani Kumar Singh) ने बताया कि वर्ल्ड हेरिटेज डे के मौके पर आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (Archaeological Survey of India) और फेसीस नामक संस्था के साथ मिलकर बिहार म्यूजियम की ओर से राज्य के विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों के लड़के-लड़कियां को फोक आर्ट से अवगत कराया गया. टेराकोटा आर्ट, मधुबनी पेंटिंग, मंजूषा कला सहित अलग-अलग कलाओं और फोक डांस के बारे में जानकारी दी जा रही है. इसके अलावा इन बच्चों को पेंटिंग से संबंधित प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है.
बच्चों ने जाना अपना इतिहासः बिहार म्यूजियम के डीजी ने बताया कि बच्चों को 'आओ अपने इतिहास के बारे में जाने' नामक एक पुस्तक की मदद से धरोहरों और कलाओं के बारे में जानकारी दी गयी. उन्होंने बताया कि बिहार का काफी गौरवशाली और समृद्ध इतिहास रहा है. ऐसे में इस इतिहास से बच्चों को रूबरू कराया जा रहा है.
बच्चियों ने देखा और बताया कैसा है बिहार म्यूजियमः अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि इसके अलावा शास्त्री नगर बालिका विद्यालय और किलकारी के 25 से अधिक छात्राएं पहुंची हुई हैं, जिन्हें म्यूजियम का भ्रमण कराया जा रहा है, ताकि उन्हें बिहार के समृद्ध इतिहास से रूबरू कराया जाय. बच्चे खुद से पूरा म्यूजियम का भ्रमण करेंगे. इसके बाद इन बच्चियों के लिए अलग से वर्कशॉप कराया जाएगा, जिसमें म्यूजियम में रखी गई वस्तुओं के बारे में कितनी जानकारी उन्हें मिल पायी और क्या कुछ सीख पाए हैं, यह पता लगाया जायेगा.
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