पटना में 100 से अधिक चिकित्सक कोरोना पॉजिटिव, विशेषज्ञ बोले- 'समय से पहले आ गई तीसरी लहर'

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Published : Jan 3, 2022, 7:49 PM IST

बिहार में कोरोना

बिहार में कोरोना के मामलों में इजाफा हो रहा है. विशेषज्ञों की मानें तो आईएमए के वार्षिक अधिवेशन में देशभर से पहुंचे डॉक्टर्स के कारण कोरोना विस्फोट हुआ है. पढ़ें रिपोर्ट...

पटना: कोरोना महामारी लगातार तीसरे साल दुनिया भर के लिए मुसीबत बनी हुई है. बिहार में कोरोना के मामलों में इजाफा (Corona Cases Increased In Bihar) हुआ है. एक्टिव मामलों की संख्या 1300 से अधिक हो गई है. इसमें 100 से अधिक पटना के चिकित्सक भी शामिल हैं. ऐसे में चिकित्सा जगत के विशेषज्ञों का दावा है कि बिहार में कोरोना की तीसरी लहर आ चुकी है. यह समय से काफी पहले आया है. ऐसे में अब लोगों को सावधान और सतर्क हो जाने की आवश्यकता है.

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डॉक्टरों का मानना है कि कोरोना गाइडलाइंस के प्रति सख्ती बरतने की आवश्यकता है. अन्यथा यह लापरवाही बहुत भारी पड़ सकती है. लापरवाही इसलिए भी भारी पड़ सकती है क्योंकि तीसरी लहर में प्रदेश में अब तक सभी मामले डेल्टा वैरीएंट के ही मिले हैं. डेल्टा वैरीएंट कितना खतरनाक है, इसका मंजर प्रदेश ने दूसरे लहर में बखूबी देखा था.

बिहार में समय से पहले आ गई कोरोना की तीसरी लहर, डॉक्टर ने सतर्क रहने की दी सलाह

बताते चलें की राजधानी पटना में इन दिनों तेजी से संक्रमण के मामलों में इजाफा हुआ है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का 96वां राष्ट्रीय वार्षिक अधिवेशन 26 नवंबर से 28 नवंबर के बीच चला. 26 नवंबर के दिन जूनियर डॉक्टर्स का कार्यक्रम था. आईएमए बिहार के पदाधिकारियों की मानें तो इस अधिवेशन में शामिल होने के लिए देश भर से लगभग 5000 की संख्या में चिकित्सक आए हुए थे. इस अधिवेशन में शामिल होने वाले कई डॉक्टर्स कोरोना से संक्रमित हो गए हैं. इनमें जूनियर डॉक्टर्स की संख्या काफी अधिक है.

एनएमसीएच के 96 चिकित्सक पॉजिटिव हुए हैं. वहीं पीएमसीएच के 4 डॉक्टर, पटना एम्स के 2 डॉक्टर और आईजीआईसी के डायरेक्टर डॉ. सुनील कुमार समेत तीन चिकित्सक पॉजिटिव हुए हैं. आईएमए के वार्षिक अधिवेशन में कोरोना विस्फोट हुआ है. यह कार्यक्रम एसके मेमोरियल हॉल और ज्ञान भवन में आयोजित किया गया था. ज्ञान भवन वाले कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे, शिक्षा मंत्री विजय चौधरी, विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा शामिल हुए थे. सभी चिकित्सक वैक्सीन के दोनों डोज से वैक्सीनेटेड हैं.

'जिस प्रकार से हाल के दिनों में संक्रमण के मामले में बहुत तेजी से वृद्धि हुई है, उससे ऐसा प्रतीत होता है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर आ गयी है. अब हमें इस बात पर प्रयास करना है कि संक्रमण की डेंसिटी कम हो. इसके लिए हमें बचाव पर अधिक ध्यान देना होगा और चेहरे पर मास्क, हैंड हाइजीन और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों का गंभीरता से पालन करना होगा. आईएमए के कार्यक्रम में शामिल होने वाले काफी अधिक चिकित्सक संक्रमित हुए हैं. कार्यक्रम में जरूर चिकित्सकों ने सही से चेहरे पर मास्क नहीं पहन रखा होगा. सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो नहीं की गई होगी. इसी वजह से डॉक्टरों में संक्रमण के मामले बढ़े हैं.' -डॉ. मनीष मंडल, सुपरिटेंडेंट, आईजीआईएमएस

उन्होंने कहा, जितने भी डॉक्टर संक्रमित हुए हैं, वे सभी उस कार्यक्रम में शामिल हुए थे. कार्यक्रम एक जगह ही आयोजित था. ऐसे में चिकित्सकों की लापरवाही का ही नतीजा है कि इतनी संख्या में चिकित्सक संक्रमित हुए हैं. उन्होंने कहा कि तीसरी लहरा गई है. ऐसे में अब लोगों को बहुत अधिक सचेत हो जाने की आवश्यकता है. सावधानी ही बचाव का एकमात्र रास्ता है. सरकार कोरोना गाइडलाइंस को लेकर लगातार प्रचार-प्रसार कर रही है. मीडिया के माध्यम से भी प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. ऐसे में लोगों को इन तमाम गाइडलाइंस को गंभीरता से पालन करने की आवश्यकता है ताकि स्थिति को कंट्रोल में रखा जा सके.

डॉ. मनीष मंडल ने कहा कि आईजीआईएमएस में जिनोम सीक्वेंसिंग शुरू हो गई है. देश और दुनिया भर में ओमिक्रॉन के मामले तेजी से बढ़े हैं और बिहार में भी प्रतिदिन काफी संख्या में नए संक्रमित आने लगे हैं. ऐसे में अभी के समय अस्पताल के माइक्रोबायोलॉजी लैब में जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए 20 सैंपल को रन में लगाया गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे देखा भी है. 7 दिनों में इसकी रिपोर्ट आएगी.

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