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पद्मश्री किसान चाची के जीवनी पर निर्मित धारावाहिक कस्तूरी 6 जून से होगा प्रसारित

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Published : Jun 4, 2022, 10:33 PM IST

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पद्मश्री 'किसान चाची' राजकुमारी देवी (Padma Shri Kisan Chachi) की कहानी एक ऐसी महिला की है जो जीवन जीने के लिए अपने तरीके से लड़ती है. जिस तरह से वह हमेशा चाहती थी. 'किसान चाची' राजकुमारी देवी के जीवन से प्रेरित धारावाहिक 'कस्तूरी' का प्रसारण 6 जून से सोमवार से शनिवार रात 8:30 बजे सिर्फ आजाद और एमएक्स प्लेयर पर होगा. पढ़ें पूरी खबर.

पटना: गांव की एक आम महिला, साइकिल चाची बनी, फिर किसान चाची ने पद्मश्री तक का सफर बन तय किया. बिहार के मुजफ्फरपुर के सरैया की रहने वाली राजकुमारी देवी (Kisan Chachi Rajkumari Devi), जिनको लोग आज किसान चाची के नाम से जानते हैं, उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान किसान चाची राजकुमारी देवी ने बताया कि उनका सपना टीचर बनने का सपना था लेकिन साल 1990 से उन्होंने घर की हालत सुधारने के लिए पति के साथ मिलकर खेती की शुरुआत की. फिर जैविक तरीकों से खेती कर उत्पादन को कई गुना बढ़ा दिया. जिसकी वजह से वह आस-पास के किसानों के बीच मशहूर हो गईं.

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बनना चाहती थीं टीचर: उन्होंने कहा कि टीचर तो नही बन पाई लेकिन लोगो के बीच रोल मॉडल बन गई. हमने उनसे सवाल किया कि नब्बे के दशक में महिलाएं घुंघट में रहती थीं. घर की चहारदीवारी से बाहर कदम नहीं रखती थी फिर आपने ये कैसे किया. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि मजबूरी में घर से बाहर निकलना पड़ा. इसका नतीजा है कि आज सभी किसान चाची के नाम से जानते हैं. उस समय लोगों के ताने भी सुनते थे लेकिन लोगों के बातों पर ध्यान ना दे करके अपने कामों में लगी रहती थी. किसान चाची को काफी पारिवारिक और सामाजिक बाधाओं का भी सामना करना पड़ा.

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गांव-गांव घूमकर बेचा अचार: गांवों में जिस जमाने में महिलाएं घर से नहीं निकलती थीं, उस दौर में भी किसान चाची साइकिल से अपना अचार लेकर गांव-गांव घूमकर बेचा करती थीं. कई तरह के ताने भी सुने और आखिरकार अपने दम पर अपनी पहचान बनाई. बता दें कि किसान चाची की चर्चा चारो तरफ फैलने लगी. इसी बीच 2007 में यह बात बिहार सरकार तक पहुंची. बिहार सरकार द्वारा किसान चाची को किसानश्री सम्मान देने का काम किया. यहीं से राजकुमारी देवी किसान चाची के नाम से फेमस हो गईं. किसान चाची ने देश के कई राज्यों में किसान महोत्सवों में अपने स्टॉल लगा अचार का स्वाद लोगों को चखाने लगीं. जिससे उनकी सफलता कि कहानी अब पूरे देश को पता चल चुकी है.

2019 में मिला पद्मश्री: यही वजह है कि आज बिहार के सीएम से लेकर देश के पीएम और राष्ट्रपति तक किसान चाची की तारीफ करते हैं. 2019 में किसान चाची को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया गया था. किसान चाची अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बनी हुई है. अब किसान चाची के जीवन पर आधारित धारावाहिक 'कस्तूरी' बनाया (biography of Kisan Chachi Rajkumari Devi) गया है जो 6 जून से प्रसारित किया जाएगा.

किसान चाची के ऊपर बने धारावाहिक को लेकर किसान चाची ने खुशी जताते हुए कहा कि मैं बहुत ही अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रही हूं कि आज देश-विदेश में लोग हम को जानते हैं और मेरे ऊपर पहले भी दूरदर्शन में कई एपिसोड चलाया गया और अब धारावाहिक बन रहा है काफी खुशी की बात है. हालांकि बातचीत के दौरान किसान चाची ने कहा कि अब आज के जमाने में महिला घुंघट में रहना पसंद नहीं करती हैं .अगर किसी को घुंघट में रहने के लिए कहा भी जाए तो वह घूंघट में नहीं रह सकती हैं .महिलाएं जमाने के अनुसार बदल गई हैं नतीजा यह है कि देश तरक्की कर रहा है महिलाएं पुरुषों से कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं.

आचार की फैक्ट्री लगाने की इच्छा: हालांकि किसान चाची ने यह भी बताया कि वह आचार की फैक्ट्री डालना चाहती हैं. फैक्ट्री के लिए अधिक पैसों की जरुरत है. हालांकि चाची ने कहा कि सरकार से अभी मदद नहीं मिली है. किसान चाची के पुत्र ने उद्यमी योजना के तहत अप्लाई किया है. फॉर्म भरने के बाद यह बताया गया कि आचार की फैक्ट्री डालने में कम पैसे की जरुरत है. इसलिए 10 लाख रुपए का लोन नहीं मिल सकता है. किसान चाची ने कहा कि जिस तरह से महंगाई बढ़ रही है, ऐसे में कम पैसों में अच्छा कारखाना नहीं डाला जा सकता है. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि मैं सरकार से बात करूंगी जिससे कि अन्य लोगों को भी रोजगार मिलेगा और अचार का देश-विदेश में प्रोडक्शन होगा.

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