ETV Bharat / city

पटना हाई कोर्ट ने क्वासी ज्यूडिशियल कोर्ट मामले और मतदाता सूची मामले पर की सुनवाई

author img

By

Published : Nov 15, 2019, 6:50 PM IST

कोर्ट

पटना हाई कोर्ट ने क्वासी ज्यूडिशियल कोर्ट और तिरहुत प्रमंडल के मतादाता सूची मामले पर सुनवाई की. वकील ने क्वासी ज्यूडिशियल कोर्ट मामले में उसके साथ असम्मानजनक व्यवहार होने की शिकायत की थी.

पटना: पटना हाई कोर्ट ने क्वासी ज्यूडिशियल कोर्ट में वकील के साथ असम्मानजनक व्यवहार और मतदाता सूची में शिक्षकों का नाम नहीं होने के मामले पर सुनवाई की है. पहला मामला क्वासी ज्यूडिशियल कोर्ट का है, जो एक नॉन-ज्यूडिशियल बॉडी है और लॉ के आधार पर किसी मामले की सुनवाई कर सकती है. वहीं, दूसरा मामला तिरहुत प्रमंडल के निर्वाचन क्षेत्र का है, जहां निजी बीएड कॉलेज, डीएलईडी कॉलेज सहित अन्य कॉलेजों के शिक्षकों का नाम मतदाता सूची में नहीं है.

क्वासी ज्यूडिशियल कोर्ट का मामला
प्रदेश के सचिवालय और सरकारी कार्यालयों में अपने न्यायिक कार्य के लिए गए वकीलों के साथ असम्मानजनक व्यवहार किया गया. वकील एसवीके मंगलम ने इस बात की शिकायत पटना हाई कोर्ट में की. हाई कोर्ट जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने इस बात पर कड़ी नाराजगी जतायी. उन्होंने निर्देश दिया कि क्वासी ज्यूडिशियल कोर्ट में वकीलों को विभागीय मंत्री या सचिव के नहीं होने की सूचना पहले दी जाएगी. साथ ही विभागीय कर्मचारी वकीलों के पास जाकर उपस्थिति दर्ज करेंगे. वकीलों के बैठने और काम करने की उचित व्यवस्था होनी चाहिए.

कोर्ट ने आदेश की प्रति सभी सरकारी विभागों और कार्यालयों को भेजने का निर्देश दिया है. आदेश का पालन नहीं करने पर कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेने की बात कही.

यह भी पढ़ें- छपरा: असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ देशद्रोह समेत कई धाराओं में परिवाद दायर

मतदाता सूची में शिक्षकों के नाम का मामला
तिरहुत प्रमंडल के निर्वाचन क्षेत्र में निजी बीएड कॉलेज, डीएलईडी कॉलेज सहित अन्य कॉलेजों के कई शिक्षक ऐसे हैं, जिनके नाम मतदाता सूची में नहीं है. इस मामले पर जस्टिस मोहित कुमार शाह ने राज्य निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया कि वीआर अम्बेडकर यूनिवर्सिटी से सूची मंगवा कर सभी योग्य मतदाताओं को मतदाता सूची में शामिल करें.

इस मामले पर राजीव कुमार ने याचिका दायर की थी, जिसमें आरोप लगाया था कि मतदाता सूची में विभिन्न कॉलेजों के कई शिक्षकों के नाम छूट गए हैं. इस मामले पर 18 नवंबर को अगली सुनवाई की जाएगी.

राज्य के सचिवालय व सरकारी कार्यालयों में अपने न्यायिक कार्य के गये वकीलों के हो रहे असम्मानजनक व्यवहार पर पटना हाई कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जाहिर की।जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने वकील एस वी के मंगलम की शिकायत पर निर्देश दिया कि quasi judicial कोर्ट में जाने वाले वकीलों को विभागीय मंत्री या सचिव के नहीं होने की पूर्व सूचना वकीलों को दी जाये।साथ ही उनकी उपस्थिति दर्ज करने के विभागीय कर्मचारी वकीलों के पास जा कर उपस्थिति दर्ज करेंगे।उनके बैठने और काम करने की उचित व्यवस्था की जाये।कोर्ट ने स्पष्ट किया कि आदेश का पालन नहीं करने को काफी गम्भीरता से लिया जायेगा।कोर्ट ने आदेश की प्रति सभी सरकारी विभागों और कार्यालयों भेजने का निर्देश देते हुए इसे निष्पादित कर दिया ।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.