नैनो यूरिया में किसानों की कोई रूचि नहीं, कहा- 'जिसके बारे में पता ही नहीं, उस पर कैसे करें विश्वास'

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Published : Jan 11, 2022, 1:01 PM IST

किसानों को नैनो यूरिया पर विश्वास नहीं

बिहार के किसानों को नैनो यूरिया पर विश्वास नहीं (No interest of farmers in Nano Urea in Bihar) है. यही कारण है कि किसान नैनो यूरिया में कोई खास रूचि नहीं दिखा रहे हैं. भारत सरकार द्वारा नए साल में किसानों के लिए लांच किए गए नैनो यूरिया के प्रचार प्रसार का घोर अभाव है, जिसके चलते किसानों का कहना है कि हम इसे खेतों में बिना प्रयोग किए हुए नहीं डाल सकते हैं. पढ़ें रिपोर्ट..

पटना: इफको ने नये साल में किसानों को नैनो यूरिया की सौगात (Nano Urea for Farmers) दी है. जहां दानेदार यूरिया खाद की जगह महज 500 मिलीलीटर नैनो यूरिया का प्रयोग किया जा सकता है. लेकिन, पटना के ग्रामीण इलाकों में इन दिनों नैनो यूरिया के प्रति किसानों में कोई रुचि नहीं दिख रही है. लोग इसे लेने से कतराते दिख रहे हैं. ईटीवी भारत की पड़ताल में लोगों ने कहा कि हमें इस पर विश्वास नहीं है. नैनो यूरिया के प्रचार का अभाव (Lack of promotion of nano urea) है. भारत सरकार द्वारा नए साल में किसानों के लिए लांच किए गए नैनो यूरिया का इन दिनों काफी नाम हो रहा है.

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कहा जा रहा है कि नैनो यूरिया खेतों की उर्वरा शक्ति को बढ़ाती है और फसल का उत्पादन अच्छे ढंग से करती है. वहीं, दानेदार यूरिया जहां 1 बोरा लगता है वहां महज 500 मिलीलीटर के लिक्विड नैनो यूरिया अच्छे ढंग से काम करती है. लेकिन, पटना के ग्रामीण इलाकों में इन दिनों नैनो यूरिया के प्रति किसानों में कम रुचि देखी जा रही है, लोग इसे लेने से कतराते नजर आ रहे हैं.

किसानों को नैनो यूरिया पर विश्वास नहीं

मसौढ़ी के बिस्कोमॉन में खाद लेने आए किसानों से जब ईटीवी भारत ने बातचीत की तो उन्होंने कहा कि नैनो यूरिया के प्रति हमारा विश्वास नहीं है, हम कैसे लें जब तक सरकार गांव-गांव में इसको प्रयोग करके हमें नहीं बताएगी, हम कैसे विश्वास कर सकते हैं. हम सदियों से यूरिया खाद का प्रयोग खेतों में करते आ रहे हैं, लेकिन अभी गांवों में इसको लेकर कोई जागरूकता नहीं है, इसलिए हम सभी नैनो यूरिया का प्रयोग नहीं करेंगे. इफको द्वारा नए साल में नई सौगात किसानों के लिए लाई गई नैनो यूरिया के बारे में कहा जा रहा है कि यह खेतों में न केवल उर्वरा शक्ति को बढ़ावा देती है, बल्कि फसल के उत्पादन में अधिक लाभकारी होती है, जिसके कई फायदे भी हैं.

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''भारत सरकार द्वारा लाया गया नैनो यूरिया बहुत ही फायदेमंद है. नैनो यूरिया को घोलकर किसान इसे खेतों में डाल कर अपनी फसल का उत्पादन अच्छे से कर सकते हैं. जहां एक बोरा खाद की कीमत 265 रुपए है, वहीं 500 एमएल नैनो यूरिया का दाम 240 रुपए है. ऐसे में सभी किसानों को जागरूक होना होगा. किसान सलाहकारों को निर्देश दिया गया है कि गांव-गांव में लोगों को जागरूक करें.''- नवीन कुमार सिंह, प्रभारी कृषि पदाधिकारी, मसौढ़ी प्रखंड

बता दें कि दानेदार यूरिया का एक बोरा खरीदने में करीब 265 रुपए लागत पड़ती है, जबकि नैनो यूरिया 500 एमएल 240 रुपए की कीमत पर ही उपलब्ध है. इसके बावजूद किसानों में इसके प्रति कोई रुचि नहीं दिख रही है. लोग इसे लेने से कतराते नजर आ रहे हैं. लोगों ने साफ कहा कि मुझे इस पर कोई विश्वास नहीं है. हम इसे खेतों में बिना प्रयोग किए हुए नहीं डाल सकते हैं. मसौढ़ी के किसान विरेंद्र सिंह ने कहा कि ''नैनो यूरिया सरकार द्वारा लाया गया है, जो लिक्विड यूरिया है. उसके प्रति मुझे विश्वास नहीं है. पहले इसे गांव-गांव में सरकार प्रयोग करके दिखलाएं, तब इसको प्रयोग में लाया जा सकता है.''

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