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तेज के दिल में तेजस्वी... दिमाग में क्या, 'डर' से लालू ने राबड़ी को दिल्ली से भेजा पटना?

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Published : Oct 11, 2021, 9:18 AM IST

Lalu Yadav
Lalu Yadav

राबड़ी देवी पटना आ गईं हैं. 20 अक्टूबर को लालू यादव भी आ रहे हैं. इन सबके बीच एक सवाल ये भी है कि अचानक राबड़ी देवी पटना क्यों आईं? पति लालू के साथ भी आ सकती थीं लेकिन ऐसा नहीं हुआ. पढ़ें पूरी खबर...

पटना: बिहार के सबसे बडे सियासी परिवार में विवाद चल रहा है. लालू यादव ( Lalu Yadav ) के बडे़ बेटे तेज प्रताप ( Tej Pratap Yadav ) नाराज है. अपने बयानों से पार्टी के साथ-साथ परिवार को भी सकते में डाल देते हैं. पार्टी और परिवार में सब ठीक करने के लिए राबड़ी देवी रविवार को दिल्ली से पटना पहुंचीं. पटना एयरपोर्ट से सीधे तेज प्रताप के आवास गईं लेकिन बड़े बेटे से मुलाकात नहीं हो सकी. कुछ देर इंतजार करने के वाद वो वापस अपने सरकारी आवास आ गईं.

दरअसल, तेज प्रताप यादव आज जनशक्ति यात्रा निकालने वाले हैं. पटना के गांधी मैदान से जेपी आवास तक पैदल मार्च करेंगे. तेज प्रताप ने तेजस्वी यादव और आरजेडी नेताओं को भी इस शांति मार्च में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया है. यहां तक तो सब ठीक है लेकिन अंदर की जो बात है उससे लालू-राबडी के साथ-साथ पूरी पार्टी सकते में है.

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दिल्ली में बैठे लालू यादव को इस बात की चिंता सता रही है कि जनशक्ति यात्रा के दौरान तेज प्रताप कुछ ऐसा ना कर दें, जिससे पार्टी के साथ परिवार भी बैकफुट पर आ जाए. दरअसल बिहार में दो सीटों पर उप चुनाव होना है. पार्टी दोनों सीट पर चुनाव लड़ रही है. उपचुनाव को लेकर तेज प्रताप खामोश हैं लेकिन लालू को डर है.

जानकारी के अनुसार, लालू यादव ने आनन-फानन में राबड़ी को रविवार को पटना भेजा और तेज प्रताप को मनाने और समझाने को कहा है. यही कारण है कि राबड़ी देवी एयरपोर्ट से सीधे तेज प्रताप के आवास गईं, लेकिन बड़े बेटे से मुलाकात नहीं हो पायी. बताया जा रहा है कि लालू ने राबड़ी से कहा कि जनशक्ति यात्रा को किसी भी कीमत पर रोका जाए, लेकिन लगता है कि अब ये संभव नहीं है.

20 अक्टूबर को आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव भी पटना पहुंच रहे हैं. संभव है कि मां और पिता की मौजूदगी पर तेज प्रताप को समझाया जाए, मनाया जाए. लेकिन तेज प्रताप के तेवर बता रहे हैं कि वो बैक नहीं होने वाले हैं. हालांकि अभी भी वो बोल रहे हैं कि तेजस्वी उनके दिल में बसते हैं लेकिन दिमाग में क्या चल रहा है, ये कहना मुश्किल है. शायद इसी बात का डर लालू-राबड़ी को सता रहा है. उप चुनाव में जाने से पहले तेज प्रताप खेला ना कर दें.

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दरअसल, रविवार को पटना में पत्रकारों से बात करते हुए तेज प्रताप ने पार्टी नेताओं पर जमकर निशाना साधा. तेज प्रताप ने कहा कि स्टार प्रचारकों की लिस्ट में मेरा नाम नहीं है, तो कोई फर्क नहीं पड़ता है, लेकिन मां का नाम होना चाहिए था. राबड़ी देवी बिहार की प्रथम महिला मुख्यमंत्री रहीं हैं. नवरात्र चल रहा है. कहा जाता है कि मां के चरणों में स्वर्ग होता है.

अब समझा जा सकता है कि तेज प्रताप ने 'मां के चरणों में स्वर्ग होता है' बोलकर किस पर निशाना साध रहे हैं. हालांकि इस दौरान उन्होंने ये जरूर कहा कि तेजस्वी उनके दिल में बसते हैं लेकिन उनके दिमाग में क्या चल रहा है, लालू को इसी बात का डर है. डर है कि जनशक्ति यात्रा दौरान कुछ ऐसा ना बोल दें कि फिर कुछ बोलने के लिए बचे ही नहीं.

क्योंकि तेज प्रताप ने आगे जो कहा वह वास्तव में 'डर' वाली बात है. तेज प्रताप ने कहा जो भी ऐसा किया है, उसका वध होगा. मुस्कुराते हुए तेज प्रताप ने कहा कि मैं वध नहीं करूंगा. वध मां दुर्गा करेंगी. नारी शक्ति का अपमान नहीं करना चाहिए. जब उनसे पूछा गया कि ये कौन लोग हैं जो इस तरह की हरकत कर रहे हैं? इस सवाल के जवाब में तेज प्रताप ने कहा कि ये हम नहीं बता सकते हैं, जो भी कर रहे हैं, उनके लिए ठीक नहीं है.

जब उनसे पूछा गया कि क्या आप आरजेडी से अलग हो गए हैं? इस सवाल के जवाब में तेज प्रताप ने कहा कि हम 'छात्र जनशक्ति परिषद' नाम से एक संगठन बनाकर छात्र, युवाओं के लिए काम कर रहे हैं. आगे उन्होंने कहा कि पार्टी के कुछ नेता लफुआ हो गए हैं. उनका कुछ नहीं हो सकता. उन पर हम कुछ नहीं बोल सकते.

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तेज प्रताप से जब पूछा गया कि आप पार्टी की बैठक में नहीं जाते हैं? इस सवाल के जवाब में तेज प्रताप ने कहा कि पार्टी की बैठक में मुझे बुलाया ही नहीं जाता है. जब बुलाया जाएगा, तो हम जाएंगे. आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद का नाम लिए बिना तेज प्रताप यादव ने कहा कि जब रामचंद्र पूर्वे प्रदेश अध्यक्ष थे, तब वे पार्टी के हर कार्यकर्ता के घर चले जाते थे. सबको बुलाते थे. उनमें वो सारे गुण थे जो एक प्रदेश अध्यक्ष में होना चाहिए. आज भी मेरे लिए पूर्वेजी ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं.

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि विरोधियों का काम है सवाल उठाना. उससे मुझे फर्क नहीं पड़ता है. माता-पिता का आशीर्वाद हमारे साथ है. तेज प्रताप से जब उप चुनाव को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस पर मैं कोई टिप्पणी नहीं करूंगा.

बिहार में महागठबंधन टूट गया ? इस सवाल के जवाब में तेज प्रताप ने कहा कि इसके लिए चार-पांच लोग ही दोषी हैं. अब पिताजी ( लालू ) को सोचना पड़ेगा. तेजस्वी को मोहरा बना कर खेल खेला जा रहा है. पार्टी के कुछ लोग नहीं चाहते हैं कि तेजस्वी सीएम बने लेकिन हम अर्जुन को मुख्यमंत्री बनाकर रहेंगे.

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आगे तेज प्रताप ने कहा कि जब दो भाई एक रहते हैं, तो कुछ लोगों को जलन होती है. हमारा तेजस्वी को फुल सपोर्ट है. लेकिन पार्टी के कुछ नेता चाहते हैं कि हम दोनों अलग हो जाएं. लेकिन ये सब नहीं होने वाला है. नाराजगी को लेकर जब तेज प्रताप से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हम नाराज थोड़े हैं. जहां तक मां की बात है तो हम मां से कभी नाराज नहीं हो सकते. पिताजी ( लालू यादव ) भी आ रहे हैं. हम सब एक हैं, कोई किसी से नाराज नहीं है.

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