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चारा घोटाले में 7वीं बार जेल जाएंगे लालू, अदालत ने मंजूर की RIMS भेजने की अर्जी

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Published : Feb 15, 2022, 2:01 PM IST

Updated : Feb 15, 2022, 6:28 PM IST

Lalu Yadav Fodder Scam
Lalu Yadav Fodder Scam

लालू प्रसाद यादव (lalu prasad yadav) चारा घोटाले ( Fodder Scam Case ) के डोरंडा केस में भी दोषी करार हुए हैं. यह मामला 139 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़ा है. सजा का ऐलान अब 21 फरवरी (सोमवार) को होगा. पढ़ें पूरी खबर...

पटना/रांची: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ( RJD Chief Lalu Yadav ) चारा घोटाले में सातवीं बार जेल जायेंगे. रांची स्थित सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ( CBI Court ) ने डोरंडा ट्रेजरी से 139.5 करोड़ की अवैध निकासी के मामले में मंगलवार को दोषी करार दिया. इसके तुरंत बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में ले लिया गया. आज ही सीबीआई अदालत ने फैसला लिया है कि लालू प्रसाद यादव को फिलहाल रिम्स भेजा जाएगा. हांलाकि पहले वो रांची के होटवार जेल जाएंगे (Lalu go to jail for the seventh time) उसके बाद कागजी फॉर्मेलिटी पूरी करने के बाद उन्हें रिम्स में शिफ्ट कर दिया जाएगा.

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दरअसल लालू यादव ने सीबीआई अदालत में दरख्वास्त लगाई थी कि उनका स्वास्थ्य बेहद खराब है. इस आधार पर उन्हें जमानत दी जाये या न्यायिक हिरासत में रिम्स (राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज) (Lalu admitted in RIMS on health ground) भेजा जाये. इस पर अदालत ने मंजूरी दे दी है. जिसके बाद यह तय हो गया कि लालू यादव फिलहाल रिम्स में ही रहेंगे.

'21 फरवरी को सजा पर सुनवाई होगी. हमने दर्खास्त की है उनकी(लालू प्रसाद यादव) तबियत ठीक नहीं है, जेल प्राधिकरण को निर्देश दिया जाए कि उन्हें रिम्स में शिफ्ट किया जाए: प्रभात कुमार, लालू प्रसाद यादव के वकील 36 लोगों को तीन साल की सजा सुनाई गई है. लालू प्रसाद यादव को दोषी ठहराया गया है, सजा अभी नहीं सुनाई गई है': संजय कुमार, अधिवक्ता बचाव पक्ष

इस मामले में अदालत आगामी 21 फरवरी को सजा सुनाएगी. लालू प्रसाद यादव के अलावा 74 अन्य अभियुक्तों को भी अदालत ने दोषी पाया है, जबकि 24 अभियुक्तों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया है. दोषी ठहराये गये अभियुक्तों में पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, बिहार की लोक लेखा समिति के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत भी शामिल हैं. 36 अभियुक्तों को तीन वर्ष तक की सजा सुनायी गयी है. दोषी ठहराये गये सभी अभियुक्तों पर जुमार्ना भी लगाया गया है. लालू प्रसाद यादव को कितने वर्षों की सजा होती है, इस पर सबकी नजर रहेगी.

अदालत ने जिन अभियुक्तों को बरी किया है, उनमें राजेन्द्र पांडे, साकेत, दीनानाथ सहाय, रामसेवक साहू, एनुल हक, सनाउल हक, मो एकराम, मो हुसैन, सैरून्निशा, कलसमनी कश्यप, बलदेव साहू, रंजीत सिन्हा, अनिल कुमार सिन्हा, निर्मला प्रसाद, कुमारी अनिता प्रसाद, रामावतार शर्मा, चंचला सिंह, रमाशंकर सिन्हा, बसन्त, सुनील श्रीवास्तव, हरीश खन्ना, मधु और डॉ कामेश्वर प्रसाद शामिल हैं.

बता दें कि 26 साल तक चले इस मुकदमे की सुनवाई के दौरान सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में अभियोजन की ओर से कुल 575 लोगों की गवाही कराई गई, जबकि बचाव पक्ष की तरफ से 25 गवाह पेश किये गये. इस मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कुल 15 ट्रंक दस्तावेज अदालत में पेश किये थे. पशुपालन विभाग में हुए इस घोटाले में सांढ़, भैस, गाय, बछिया, बकरी और भेड़ आदि पशुओं और उनके लिए चारे की फर्जी तरीके से ट्रांसपोटिर्ंग के नाम पर करोड़ों रुपये की अवैध रूप से निकासी की गयी. जिन गाड़ियों से पशुओं और उनके चारे की ट्रांसपोटिर्ंग का ब्योरा सरकारी दस्तावेज में दर्ज किया था, जांच के दौरान उन्हें फर्जी पाया गया. जिन गाड़ियों से पशुओं को ढोने की बात कही गयी थी, उन गाड़ियों के नंबर स्कूटर, मोपेड, मोटरसाइकिल के निकले.

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बहुचर्चित चारा घोटाले के इस पांचवें मामले में रांची के डोरंडा थाने में वर्ष 1996 में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. बाद में सीबीआई ने यह केस टेकओवर कर लिया. मुकदमा संख्या आरसी-47 ए/96 में शुरूआत में कुल 170 लोग आरोपी थे. इनमें से 55 आरोपियों की मौत हो चुकी है, जबकि आठ आरोपियों को सीबीआई ने सरकारी गवाह बना लिया. दो आरोपियों ने अदालत का फैसला आने के पहले ही अपना दोष स्वीकार कर लिया. छह आरोपी आज तक फरार हैं.

यह चारा घोटाले से जुड़ा पांचवां मुकदमा है, जिसमें अदालत ने उन्हें दोषी माना है. इसके पहले चारा घोटाले के चार मुकदमों में अदालत ने लालू प्रसाद यादव को कुल मिलाकर साढ़े 27 साल की सजा दी है, जबकि एक करोड़ रुपए का जुमार्ना भी उन्हें भरना पड़ा.

चारा घोटाले के सभी मामले 1990 से 1996 के बीच के हैं. बिहार के सीएजी (मुख्य लेखा परीक्षक) ने इसकी जानकारी राज्य सरकार को समय-समय पर भेजी थी लेकिन सरकार ने ध्यान नहीं दिया. सीबीआई ने अदालत में इस आरोप के पक्ष में दस्तावेज पेश किये कि मुख्यमंत्री पर रहे लालू यादव ने पूरे मामले की जानकारी रहते हुए भी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की. कई साल तक वह खुद ही राज्य के वित्त मंत्री भी थे, और उनकी मंजूरी पर ही फर्जी बिलों के आधारराशि की निकासी की गयी. चारा घोटाले के चार मामलों में सजा होने के चलते राजद सुप्रीमो को आधा दर्जन बार जेल जाना पड़ा. इन सभी मामलों में उन्हें हाईकोर्ट से जमानत मिली है.

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Last Updated :Feb 15, 2022, 6:28 PM IST
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