बिहार में सोने और खनिज का भंडार, अर्थव्यवस्था को लगने वाले हैं पंख

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Published : Dec 7, 2021, 7:41 AM IST

minerals reserves in Bihar
minerals reserves in Bihar ()

झारखंड बंटवारे के बाद बिहार खनिज के मामले में (Minerals Reserves In Bihar) असहाय महसूस कर रहा था. अब ताजा शोध के बाद बिहार में एक ओर जहां सोने के भंडार मिले हैं. वहीं दूसरी तरफ दूसरे कई खनिज भंडारों का पता चला है. यह बिहार के लिए आर्थिक रूप से संजीवनी का काम कर सकता है. पढ़ें पूरी खबर...

पटना: बिहार के लिए बड़ी खुशखबरी है. शराबबंदी के बाद (Liquor Ban in Bihar) आर्थिक संकट से जूझ रहे बिहार की अर्थव्यवस्था को पंख लग सकता है. बिहार में सोने के अलावा कई खनिज पदार्थ के अकूत भंडार (gold and minerals reserves in Bihar) मिले हैं. केंद्र ने बिहार को चार मिनरल ब्लॉक आवंटित किया है. केंद्र सरकार से बिहार को क्रोमियम और पोटेशियम के चार खनिज ब्लॉक मिले हैं. केंद्र की पुष्टि के बाद बिहार खनन विभाग को खुदाई करने की मंजूरी दे दी गई है. आने वाले दिनों में शीघ्र ही नीलामी की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी.

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आपको बता दें कि फिलहाल बिहार को 3 पोटेशियम और एक क्रोमियम के ब्लॉक आवंटित हुए हैं. सासाराम, रोहतास के 10 वर्ग किलोमीटर में नावाडीह ब्लॉक 8 वर्ग किलोमीटर में टीपा खनिज क्लॉक और शाहपुर में 7 वर्ग किलोमीटर में ब्लॉक है. यह तीनों पोटेशियम के ब्लॉक हैं. औरंगाबाद और गया में क्रोमियम के ब्लॉक 8 वर्ग किलोमीटर में फैले हैं.

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बिहार के जमुई जिले में सोने का भंडार (Gold reserves in Jamui) मिला है. जमुई जिले के सोनू क्षेत्र में 35.6 टन धातु अयस्क सहित 222. 88 मिलियन टन स्वर्ण धातु से संपन्न भंडार का पता चला है. बिहार में सोने का सबसे बड़ा भंडार मिला है. लोकसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान इस बात का खुलासा हुआ कि बिहार अकेले पूरे देश का 44% सोना दे सकता है. बता दें कि बहुत पहले स्थानीय लोग करमटिया इलाके के मिट्टी को पानी में धोकर और छानकर सोना निकाला करते थे.

भागलपुर के कलगांव इलाके में फायर क्ले का पता चला है. इसके अलावा कहलगांव इलाके में कोयले के भंडार का भी पता चला है. इसके अलावा रोहतास में चूना पत्थर पाइराइट मुंगेर में सैलेड प्रचुर मात्रा में है. पाइराइट उत्पादन के मामले में बिहार पहले स्थान पर है. रोहतास जिले में लगभग 109 वर्ग किलोमीटर में पायराइट पाया जाता है. इसका अनुमानित संचित भंडार 40 करोड़ टन बताया जाता है.

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भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार मुंगेर जिले के खड़कपुर इलाके में 100 मीटर से नीचे लगभग 44.9 करोड क्वार्ट्ज नाईट का पता चला है जिसमें शीलता की मात्रा 97 से 99% है. इसका उपयोग कांच उद्योग में किया जाता है.

बिहार के खनन मंत्री जनक राम (Bihar Mining Minister Janak Ram) ने कहा है कि हमने खनन नीति में संशोधन किया है. इसका नतीजा सबके सामने है. फिलहाल राज्य में जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की 2 टीमें काम कर रही हैं. क्रोमियम, निकेल और पोटेशियम का सर्वे हो चुका है. शीघ्र ही सोने का सर्वे पूरा कर लिया जाएगा. मंत्री ने कहा कि नवादा के रजौली में माईका का भंडार है. खनन के जरिए भी हम बिहार को अग्रणी राज्यों की सूची में शामिल कर सकते हैं.

अर्थशास्त्री डॉ. विद्यार्थी विकास का मानना है कि बिहार के लिए बड़े पैमाने पर खनिज संसाधनों का मिलना खुशखबरी तो है लेकिन बिहार को भी खनन के मामले में बेहतर प्रबंधन करना होगा. कई राज्य ऐसे हैं जहां खनिज प्रचुर मात्रा में है लेकिन वहां के लोगों के जीवन स्तर में सुधार नहीं हुआ है. सरकार को खनिज उत्खनन के लिए बेहतर नीति बनानी होगी. जिससे सरकार को ज्यादा से ज्यादा रॉयल्टी मिले और उसका उपयोग बिहार के विकास में हो.

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