पटना: गांधी जयंती के मौके पर बिहार म्यूजियम में गांधी जी के जीवन एवं व्यक्तित्व के ऊपर कला प्रदर्शनी का शुभारंभ किया गया. यह कला प्रदर्शनी 23 अक्टूबर तक बिहार म्यूजियम में चलेगी. इस कला प्रदर्शनी का म्यूजियम के डायरेक्टर अंजनी कुमार ने उद्घाटन किया और इस प्रदर्शनी में एक चावल के दाने पर उकेरी गई महात्मा गांधी की पूरी आकृति और मूंग दाल के एक दाने पर उकेरा गया गांधी का चेहरा लोगों के बीच कौतूहल और आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. लोग इस कारीगरी को करने वाले कलाकार की काफी तारीफ भी कर रहे हैं. म्यूजियम के बहुद्देशीय सभागार में मैग्नीफाइंग ग्लास के नीचे मोम के ऊपर महात्मा गांधी के इन बारीक तस्वीरों को रखा गया है (Gandhi Jayanti 2022).
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गांधी के बिहार यात्रा का पूरा विवरणः गांधी के जीवन एवं व्यक्तित्व को लेकर आयोजित की गई इस कला प्रदर्शनी में महात्मा गांधी के बिहार यात्रा का पूरा विवरण है. बिहार में महात्मा गांधी को पहली बार लाने वाले और किसान आंदोलन से जोड़ने वाले पंडित राजकुमार शुक्ला के बारे में भी प्रदर्शनी में तस्वीरें हैं. बिहार के बेहतर कलाकारों के चयनित प्रदर्श को इस प्रदर्शनी में रखा गया है. खादी के कपड़े पर धागे से महात्मा गांधी की तस्वीर बनाने वाले नंदन कुमार बताते हैं कि यह एक लुप्त होती हुई कला है जिसमें कपड़े पर धागे से आकृति तैयार की जाती है. महात्मा गांधी खादी को काफी बढ़ावा देते थे और खुद चरखा चलाते थे ऐसे में उन्होंने खादी के कपड़े पर महात्मा गांधी के पूरे रूप को तैयार किया है.
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मैग्नीफाइंग ग्लास से देखी जा सकती है तस्वीरः बिहार कला एवं शिल्प महाविद्यालय के पूर्ववर्ती छात्र अश्विनी आनंद ने महात्मा गांधी का एक बेहद संजीदा तस्वीर बनाया है. इस तस्वीर में कई थीम है. तस्वीर ब्लैक एंड वाइट है और पीछे बैकग्राउंड में जो सीधी रेखा है वह उनका सरल जीवन का व्यक्तित्व खान करता है. चावल के दाने और मूंग के दाल के दाने पर महात्मा गांधी की तस्वीर उकेरने वाले चंपारण के कलाकार एमएस साहिल ने बताया कि उन्होंने कुल 3 कलाकृतियां तैयार की है. चावल के एक दाने पर महात्मा गांधी की लाठी समेत पूरा तस्वीर कलरफुल तैयार की है. वहीं उन्होंने एक चावल के दाने पर एक ब्लैक एंड वाइट तस्वीर तैयार की है. इसके अलावा मूंग दाल के छोटे दाने पर उन्होंने महात्मा गांधी का चेहरा तैयार किया है. उन्होंने बताया कि एक तस्वीर को पूरा करने में पूरे दिन भर का समय लग जाता है और इसे मैग्नीफाइंग ग्लास के माध्यम से ही देखा जाता है.
![गांधी](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/16537178_916_16537178_1664726952647.png)
"चावल के एक दाने पर महात्मा गांधी की लाठी समेत पूरा तस्वीर कलरफुल तैयार की है. मूंग दाल के छोटे दाने पर महात्मा गांधी का चेहरा तैयार किया है. एक तस्वीर को पूरा करने में पूरे दिन भर का समय लग जाता है. इसे हेवी मैग्नीफाइंग ग्लास के माध्यम से ही देखा जा सकता है"- एमएस साहिल, कलाकार
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वेस्ट मटेरियल से तस्वीर तैयार कीः चावल के सूक्ष्म जाने पर महात्मा गांधी की तैयार की गई तस्वीर को लेंस के माध्यम से देख रही श्वेता शर्मा ने बताया कि यहां आकर उन्हें काफी अच्छा लग रहा है. महात्मा गांधी के बारे में कई नई चीजें जाने का मौका मिल रहा है. वह पंजाब की है और बिहार में बीते 2 वर्षों से रह रही हैं और यहां विभिन्न कला पद्धति के माध्यम से महात्मा गांधी की जो तस्वीर तैयार की गई है वह आकर्षित कर रही है. पास मौजूद छोटी बच्ची तृषा ने बताया कि उन्हें यहां महात्मा गांधी का कला प्रदर्शनी घूमकर काफी अच्छा लग रहा है. कई नई चीजें जानने का मौका मिल रहा है. वही टूटे-फूटे सीडी कैसेट से महात्मा गांधी की लाफिंग गांधी तस्वीर तैयार करने वाले कला एवं शिल्प महाविद्यालय के छात्र आलोक भूषण ने बताया कि चरखा महात्मा गांधी को प्रिय था और चरखी के ऊपर उन्होंने लाफिंग गांधी के थीम पर वेस्ट मटेरियल से एक तस्वीर तैयार की है.
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