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PFI पर लगा बैन तो बलियावी ने पूछा- 'RSS के लिए पैसा कहां से आता है, ये भी बताएं'

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Published : Sep 28, 2022, 5:34 PM IST

जनता दल यूनाइटेड के पूर्व विधान पार्षद गुलाम रसूल बलियावी ने आरएसएस पर निशाना साधते (Ghulam Rasool Baliavi Targets RSS) हुए कहा कि वो संस्था किस तरह काम करती है, सबको पता है. आरएसएस का रजिस्ट्रेशन कहां से है और आरएसएस जो चलती है, वो पैसा कहां से आता है. क्या स्वतंत्रता के आंदोलन में आरएसएस के लोगो का कोई योगदान है, ये भी लोगों को बताना चाहिए. पीएफआई पर प्रतिबंध लगाना गलत है. पढ़ें पूरी खबर...

गुलाम रसूल बलियावी
गुलाम रसूल बलियावी

पटना: जदयू के पूर्व विधान पार्षद गुलाम रसूल बलियावी (Former JDU MLC Ghulam Rasool Baliavi) ने आरएसएस पर तंज कसते हुए कहा कि कहा कि आरएसएस किस तरह की संस्था है, सबको पता है. पीएफआई पर प्रतिबंध लगाया गया है लेकिन किस आधार पर पीएफआई जैसे संस्था पर प्रतिबंध लगा है, वो जनता भी यह जानना चाहती है. पीएफआई पर बैन क्यों लगाया गया है?. उन्होंने कहा कि जनता जानना चाहती है कि किन-किन देशों से पीएफआई को पैसा आता था, साथ ही देशद्रोह का क्या काम पीएफआई संगठन से जुड़े लोगों ने किया है, इसका भी खुलासा सरकार को करना चाहिए.

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'आरएसएस किस तरह की संस्था है, यह सब लोग जानते हैं. उन्हें बताना चाहिए कि आरएसएस का रजिस्ट्रेशन कहां से है और आरएसएस जो चलती है, वो पैसा कहां से आता है. क्या स्वतंत्रता के आंदोलन में आरएसएस के लोगों का कोई योगदान है, किस आधार पर आरएसएस पर कोई प्रतिबंध नहीं लगता है. और पीएफआई पर खुलेआम बिना कारण बताए प्रतिबंध लग जाता है. सरदार पटेल ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया था और जो लोग स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई में शामिल थे, उसमें आरएसएस कहीं नही थी. आरएसएस हमेशा अंग्रेजों की सहायता करता रहा था जबकि अब्दुल हमीद जिन्होंने पाकिस्तान का टैंक नष्ट किया था, वो हमारे समाज से थे. ये भी बीजेपी को याद रखना होगा.' - गुलाम रसूल बलियावी, पूर्व एमएलसी

गुलाम रसूल बलियावी ने RSS पर निशाना साध : उन्होंने कहा कि जो लोग आज पीएफआई को कोस रहे हैं, उन्हें बता देना चाहता हूं कि अगले चुनाव में जनता उनसे पाई-पाई का हिसाब लेगी. उन्हें जनता बॉय-बॉय करेगी. जनता देख रही है कि किस तरह से बीजेपी ने रेल को बेचा, हवाई जहाज बेच दिया, यहां तक प्लेटफार्म को भी बेच दिया है. देश की जनता ऐसे सरकार में शामिल सभी दलों को इस बार बाहर का रास्ता दिखाने का काम करेगी. पीएफआई जैसे संस्था पर जो प्रतिबंध लगा है, उसे हम गलत मानते हैं. सरकार को इसका खुलासा करना होगा कि किस तरह पीएफआई देशद्रोही है.

पीएफआई पर 5 सालों के लिए प्रतिबंध: दरअसल, केंद्र की मोदी सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर प्रतिबंध लगा दिया है. बता दें, कई राज्यों से इस संगठन PFI को प्रतिबंधित करने की मांग हो रही थी. हाल कि कुछ दिनों में NIA और कई राज्यों की पुलिस और एजेंसियों ने पीएफआई (Popular Front of India) के ठिकानों पर छापेमारी कर सैकड़ों गिरफ्तारियां की थीं. गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने पीएफआई (PFI) को 5 साल प्रतिबंधित संगठन घोषित किया है. पीएफआई के अलावा 9 सहयोगी संगठनों पर भी कार्रवाई की गई है.

PFI समेत कई संस्थाओं पर लगा प्रतिबंध : जानकारी के मुताबिक PFI के अलावा रिहैब इंडिया फाउंडेशन (RIF), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (AIIC), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (NCHRO), नेशनल वीमेन फ्रंट (National Women Front), जूनियर फ्रंट (National Junior Front), एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन (Empower India Foundation and Rehab Foundation), केरल जैसे सहयोगी संगठनों पर भी बैन लगाया गया है.

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