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प्रदेशभर में शिक्षकों ने फूंका सीएम नीतीश का पुतला, 5 सितंबर के आंदोलन पर मुकदमे को लेकर हैं आक्रोशित

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Published : Sep 14, 2019, 11:58 PM IST

5 सितंबर को हुए शिक्षकों के धरना प्रदर्शन में शिक्षकों पर लाठीचार्ज किया गया था. सरकार ने 8 हजार शिक्षकों के ऊपर मुकदमा भी दर्ज किया है. इसके विरोध में प्रदेश के विभिन्न जिलों में शिक्षकों ने सरकार का पुतला दहन किया.

पुतला दहन

पटना: प्रदेश के विभिन्न जिलों में शनिवार को शिक्षकों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. शिक्षकों ने सीएम नीतीश कुमार और शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा का पुतला भी फूंका. शिक्षकों की मानें तो 5 सितंबर को पटना में शिक्षकों ने समान वेतन की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया था. इसमें सरकार के इशारे पर शिक्षकों पर लाठीचार्ज किया गया और सरकार ने 8 हजार शिक्षकों के ऊपर मुकदमा भी दर्ज किया है. इसी के विरोध में उनलोगों ने विरोध मार्च निकाला.

किशनगंज में हंगामा
किशनगंज में शिक्षकों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. शिक्षकों ने कहा कि समान वेतन और सेवाशर्त के मसले पर बिहार के शिक्षक लाठी-गोली या जेल-मुकदमे से बिल्कुल नहीं डरने वाले हैं. सरकार के इस दमनकारी रवैये के खिलाफ टीएसयूएनएसएस गोप गुट ने जिले में प्रतिरोध का आह्वान किया. टीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षकों ने शहर के रुइधासा मैदान में नीतीश कुमार का पुतला फूंका. इस दौरान संघ के दर्जनों शिक्षक मौजूद रहे.

किशनगंज में हंगामा

भागलपुर में हंगामा
भागलपुर के जिला शिक्षा कार्यालय से शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के घटक संगठन ने सरकार के खिलाफ प्रतिरोध मार्च निकाला. इस मार्च में सैकड़ों की संख्या में शिक्षक-शिक्षिकाओं ने हिस्सा लिया. उनलोगों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा का पुतला भी फूंक कर विरोध किया. संघ के जिला अध्यक्ष ने शिक्षकों के ऊपर दर्ज मुकदमें को वापस लेने की मांग की. उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुई, तो आंदोलन को तेज किया जाएगा और आने वाले विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार को इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा.

बिहार
भागलपुर में हंगामा

नवादा में हंगामा
नवादा के प्रजातंत्र चौक पर एसटेट उत्तीर्ण शिक्षक संघ के बैनर तले शिक्षकों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री और शिक्षामंत्री का पुतला दहन किया. संघ के जिलाध्यक्ष ने कहा कि सरकार उनलोगों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है. शिक्षा मंत्री ने शिक्षकों पर बड़ा ही बेतुका बयान दिया है कि वे शिक्षकों को सड़क से उठा कर विद्यालय लाए हैं. अध्यक्ष ने कहा कि वे सभी बतौर टीईटी की परीक्षा पास कर चुके हैं. उन्होंने सवाल उठाया कि उनके पास तमाम सर्टिफिकेट मौजूद हैं, तो क्या वे सब सड़कछाप हैं.

Intro:किशनगंज मे शिक्षकों ने सीएम नीतीश कुमार का पुतला दहन कर जमकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी और शिक्षा मंत्री मुरादाबाद के नारे लगाए।शिक्षकों ने कहा समान वेतन, सेवाशर्त, के मसले पर बिहार के शिक्षक लाठी-गोली, जेल मुकदमा से न तो डरे है और न ही डरेगा। दमन के जरिये शिक्षक आदोलन को दबाने के सरकारी मंसूबों को बिहार के नियोजित शिक्षक मटियामेट करने का काम करेगा। शिक्षक नेताओं समेत आठ हजार शिक्षकों पर मुकद्दमा करने के खिलाफ शिक्षक संगठनों में आक्रोश है। लाठी, गोली, जेल, मुकद्दमा से ना डरे हैं ना डरेंगे समान वेतन सेवाशर्त की लड़ाई तेज होगी।TSUNSS गोप गुट ने सरकार के दमनकारी रवैये के खिलाफ प्रतिरोध का किया आह्वान। वहीं आज शहर के रुइधासा मैदान में TET-STET उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ जिला ईकाई किशनगंज के शिक्षकों के द्वारा सीएम नीतीश कुमार का पुतला फूंका और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।इस दौरान संघ के दर्जनों शिक्षक मौजूद रहे।सरकार टीईटी उत्तीर्ण शिक्षकों के साथ भेदभाव कर रहे हैं।

बाइटः ताजदार हुसैन, जिलाध्यक्ष, TSUNSS
बाइटः विक्रम मिश्रा, महासचिव, TSUNSS


Body:शिक्षक नेताओं ने कहा नीतीश सरकार शिक्षकों के वाजिब मांगो पर तेज हो रहे आंदोलन से घबरा गई है। पहले लाठीचार्ज, मुकदमे और जेल की धमकी देकर सरकार अपनी लाचारी का भोंड़ा प्रदर्शन कर रही है। आत्मविश्वास खो चुकि नीतीश सरकार अब आंदोलन को क्रुरता से दबाना चाहती है। बिहार के नियोजित शिक्षक भी अब चुप नहीं बैठने वाले हैं। शांतिपूर्ण वेदना रैली में शामिल शिक्षकों एवं नेताओं पर मुकदमा किए जाने के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध दिवस मनाया जायेगा। जिसकी तिथि की घोषणा अन्य संघों से बात कर जल्द की जाएगी। समान वेतन, सेवाशर्त हासिल करने तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी।


Conclusion:शिक्षक नेताओं ने बताया कि बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर शिक्षक दिवस के मौके पर पटना में आयोजित शिक्षक वेदना रैली से भर की सरकार ने शिक्षक नेता मार्कडेय पाठक, ब्रजनंदन शर्मा, नवनीत कुमार व प्रदीप कुमार समेत आठ हजार अज्ञात शिक्षकों पर मुकदमा दर्ज कराई है सरकार ने। शिक्षक नेताओं ने कहा की सरकार का आरोप है कि शिक्षक नेताओं ने बगैर अनुमति के आंदोलन छेड़ा। जबकि शिक्षक नेताओं का कहना है कि सरकार ने अलोकतांत्रिक और विधि विरूद्ध तरीके से पहले गांधी मैदान फिर संजय गांधी स्टेडियम में शिक्षकों के शांतिपूर्ण वेदना रैली पर रोक लगाई।बताया कि सुशासन सरकार के खिलाफ एक लाख से भी अधिक नियोजित शिक्षक ने पटना की सड़कों पर शांतिपूर्ण वेदना प्रदर्शन के जरिए अपना लोकतांत्रिक प्रतिरोध जाहिर किया है।
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