पटनाः भारतीय रेलवे की ओर से यात्रियों को कई तरह की सुविधाएं दी जाती हैं. उम्र, दिव्यांगता, विशेष प्रकार के रोगियों सहित अन्य श्रेणियों के यात्रियों को खास सुविधाएं मिलती रही हैं. किराये में भी रियायतें दी जाती हैं. हालांकि कोरोना महामारी के बाद से ट्रेनों को स्पेशल बनाकर चलाई जा रही है. इसके बाद सारी रियायतें को बंद कर दिया गया है. ऐसे में वरिष्ठ नागरिकों को ट्रेनों में मिलने वाली छूट बहाल करने का मामला जोर-शोर से पूरे देश में उठाया (Demand for Restore Concessions to Senior Citizens In Railway) जा रहा है. उम्मीद की जा रही है कि रेलवे बोर्ड की बैठक में निर्णय लिया जा सकता है. 30 मई के पहले रेलवे बोर्ड की तरफ से वरिष्ठ नागरिकों के लिए छूट की घोषणा की जा सकती है.
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रेल मंत्री ने कही थी ये बात : वरिष्ठ नागरिकों को रेल यात्रा में मिलने वाली छूट (Concession Rail Ticket) को लेकर पिछले महीने रेल मंत्री अश्निनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) लोकसभा (Lok Sabha) को बताया कि करीब सात करोड़ वरिष्ठ नागरिक करीब दो वर्षों से बिना किसी छूट के ट्रेनों से यात्रा कर रहे हैं. हालांकि अभी इस छूट को बहाल करने की कोई योजना नहीं है.
RTI से मिली जानकारीः वहीं रेलवे बोर्ड के तरफ से अभी तक वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली सुविधाओं को बहाल नहीं किया गया है. ऐसे में पिछले कुछ दिनों से वरिष्ठ नागरिकों की ओर से रेलवे रिजर्वेशन में मिलने वाली छूट पर भी कई सवाल उठ रहे हैं. इसी बीच मध्य प्रदेश के चंद्रशेखर गौड़ ने आरटीआई दायर कर रेलवे बोर्ड से सवाल किया था. सवाल के जबाव में रेलवे ने कहा कि 20 मार्च 2020 और 31 मार्च 2022 के बीच रेलवे ने 7.31 करोड़ वरिष्ठ नागरिक यात्रियों को रियायतें नहीं दी है.
रेलवे को 3,464 करोड़ राजस्व का लाभः इनमें 60 वर्ष से अधिक आयु के 4.46 करोड़ पुरुष, 58 से अधिक आयु की 2.84 करोड़ महिलाएं और 8,310 ट्रांसजेंडर शामिल हैं. आरटीआई से मिले जवाब के अनुसार इस अवधि के दौरान वरिष्ठ नागरिक यात्रियों से प्राप्त कुल राजस्व 3,464 करोड़ का लाभ हुआ है. रियायतों के निलंबन के कारण अर्जित अतिरिक्त 1,500 करोड़ रुपये शामिल हैं. अब ऐसे में सवाल उठ रहा है कि ट्रेनों की परिचालन सामान्य रूप से जारी है. किसी नियम को ट्रेनों में मिलने वाले छूट को क्यों नहीं बहाल किया जा रहा है. बता दें कि प्रतिवर्ष मिलने वाली ट्रेनों में रियायत पर रेलवे को 1600 सौ करोड़ लागत आती है. तो क्या रेलवे बोर्ड सोलह सौ करोड़ रुपए बचाने के लिए सीनियर सिटीजन को मिलने वाले रियायती बहाल नहीं कर रही है.
58 वर्ष की महिलाओं को वरिष्ठ नागरिक माना जाता हैः वहीं अब ट्रेनों का परिचालन सामान्य रूप से जारी है. रेलवे में खान-पान से लेकर बेडरोल की सुविधा धीरे-धीरे बहाल की गई है. रेलवे के नियमों के अनुसार 60 वर्ष से ऊपर के वरिष्ठ नागरिक और 58 वर्ष की महिलाओं को वरिष्ठ नागरिक माना जाता है. ऑनलाइन टिकट के समय ही आयु भरने पर यदि व्यक्ति की आयु वरिष्ठ नागरिक रियायत के लिए वैध है तो किराए में छूट के बारे में पूछा जाता है. विकल्प का चयन करने पर वरिष्ठ नागरिक को रियायती दरों पर टिकट उपलब्ध कराया जाता है. नियमों की बात है तो सीनियर सिटीजन्स को रेलवे की ओर से उम्र और सुविधा का ख्याल रखते हुए उन्हें लोअर बर्थ भी अलॉट किया जाता है.
"ट्रेनों में वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाले रियायत को लेकर लगातार बैठक चल रही है. यात्री सेवा समिति के तरफ से इस बात को बोर्ड के पास रखा गया है. धीरे-धीरे सभी सुविधाएं पुनः बहाल हो रही है. दिल्ली समेत कई राज्यों में फिर से संक्रमण के मामले बढ़े हैं. ऐसे में रेलवे बोर्ड अभी निर्णय लेने में सक्षम नहीं है, लेकिन बहुत जल्द वरिष्ठ नागरिकों के मिलने वाले रियायती को लेकर बैठक होगी और आम जनमानस के हित में रेलवे बोर्ड फैसला लेगी."- रमेश चंद देवरे, यात्री सेवा समिति के चैयरमैन
''वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली रियायत को लेकर रेलवे बोर्ड की तरफ से फैसला होना है. वरिष्ठ नागरिकों का ख्याल रखते हुए ईस्ट सेंट्रल रेलवे की तरफ से इस बात को रखा गया है. बैठक हुई है और बहुत जल्द फिर बैठक होने वाली है. रेल यूनियन के कर्मचारियों के साथ पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक ने बैठक की है. रेल यूनियन ने भी इस मांग को महाप्रबंधक के समक्ष रखा है. इस मांग को महाप्रबंधक ने रेलवे बोर्ड के समक्ष रखा है. बहुत जल्द वरिष्ठ नागरिकों के हित में निर्णय रेलवे बोर्ड की तरफ से लिया जाएगा.''- वीरेंद्र कुमार, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, पूर्व मध्य रेल
"कोरोना संक्रमण काल के कारण रेलवे को क्षति हो रही थी जिस कारण से कुछ अवधि के लिए छूट बंद कर दिया गया था. लेकिन अब ट्रेनें सुचारू रूप से चल रही है. ऐसे में रेलवे बोर्ड को निर्णय लेकर सीनियर सिटीजंस को भी छूट देना चाहिए.वरिष्ठ नागरिक क्या जनता को सरकार से ही उम्मीद रहती है ऐसे में सरकार को जल्द से जल्द फैसला लेना चाहिए. अगर रेलवे को घाटा हो रहा है तो उसका भरपाई करे लेकिन कंसेशन को बंद करके भरपाई करना कहीं से उचित नहीं है." -सुनील कुमार सिंह, ईस्ट सेंटर रेलवे मेंस कांग्रेस के सदस्य
"कोरोना संक्रमण के पहले वरिष्ठ नागरिकों को 40% छूट दी जा रही थी. लेकिन कोरोना संक्रमण का हवाला देते हुए रेलवे प्रशासन की ओर से ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है. सभी सुख सुविधाएं ट्रेनों में दी जा रही है. वहीं वरिष्ठ नागरिकों का जो रियायत मिलता था वह अभी तक बहाल नहीं किया गया है. उन्होंने आगे कहा कि इससे मध्यम वर्गीय वरिष्ठ नागरिकों पर इसका बोझ पड़ रहा है तो सरकार को विचार कर वरिष्ठ नागरिकों को छूट देना चाहिए."- 67 वर्षीय राम जीतन
सरकार से अपील करते हैं कि जो छूट पूर्व में वरिष्ठ नागरिकों को दिया जा रहा था उसे बहाल किया जाए. इससे वरिष्ठ नागरिकों को राहत मिलेगी और उनके जेब पर कम असर पड़ेगा.- सुखदेव सिंह, रेल यात्री
इस देश में लोगों को जबरदस्ती गरीब बनाया जा रहा है. जरूरत है कि ट्रेनों में सफर कर रहे रेल यात्रियों को ज्यादा से ज्यादा सुख सुविधा दिया जाए. छूट मध्यमवर्गीय लोगों के लिए है ना कि सभी के लिए. -कमलेश्वर सहाय, रेल यात्री
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