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उपचुनाव में चिराग पासवान के माध्यम से दलित वोटरों पर निशाना साधेगी BJP

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Published : Oct 17, 2022, 11:11 PM IST

Updated : Oct 18, 2022, 1:41 PM IST

उपचुनाव
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बिहार विधानसभा उपचुनाव 2022 (Bihar Assembly By Election 2022) लोक जनशक्ति रामविलास पार्टी दोनों सीटों पर उम्मीदवार नहीं उतारेंगे. दोनों सीटों पर उपचुनाव में बीजेपी चिराग के माध्यम से दलित वोटों को साधने की कोशिश करेगी. पढ़ें पूरी खबर...

पटना: बिहार विधानसभा उपचुनाव 2022 (Bihar Assembly By Election 2022) लोक जनशक्ति रामविलास पार्टी दोनों सीटों पर उम्मीदवार नहीं उतारेंगे. दोनों सीटों पर उपचुनाव में बीजेपी चिराग के माध्यम से दलित वोटों को साधने की कोशिश करेगी. पॉलिटिकल एक्सपर्ट का मानना है कि चिराग पासवान अगर बीजेपी की मदद कर देते हैं तो जीत हार का समीकरण बदल सकता है. मोकामा और गोपालगंज में अति पिछड़ा वर्ग वोटर अहम भूमिका निभा सकते हैं. मोकामा विधानसभा क्षेत्र 52000 से ज्यादा दलित वोटर्स हैं वहीं गोपालगंज विधानसभा क्षेत्र में भी 50 हजार दलित वोटर हैं जिसको बीजेपी चिराग के माध्यम से साधने की कोशिश करेगी.

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दलित वोटों को साधने की कोशिश करेगी बीजेपी: बिहार में होने वाले दोनों सीटों पर उपचुनाव में बीजेपी चिराग के माध्यम से दलित वोटों को साधने की कोशिश करेगी. पॉलिटिकल एक्सपोर्ट डॉक्टर संजय कुमार की माने तो मोकामा गोपालगंज में 20% के लगभग दलित वोटर है. उन्होंने कहा कि चिराग पासवान और बीजेपी दोनों एक दूसरे के लिए जरूरी है. चिराग पासवान को भी पता है कि बीजेपी के बिना आगे नहीं बढ़ सकती हैं. बीजेपी कहीं ना कहीं दलित वोटरों को साधने में चिराग पासवान की मदद लेंगे. इसके अलावा आगामी विधानसभा चुनाव में उन्हें एक युवा चेहरा भी मिल सकता है. चिराग पासवान को भी पता है कि उनके लिए महागठबंधन में स्पेस नहीं है क्योंकि पहले से ही तेजस्वी यादव युवा चेहरा महागठबंधन में हैं और चिराग पासवान भी कहीं ना कहीं केंद्रीय मंत्रिमंडल में बीजेपी के साथ के बिना नहीं जा सकते हैं.

बीजेपी और चिराग पासवान के बीच 95% मुद्दों पर बात हो चुकी है: पॉलिटिकल एक्सपर्ट डॉ संजय कुमार की माने तो चिराग पासवान जिस तरह से पर चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारते हैं और इस उपचुनाव में उन्होंने अपने उम्मीदवार नहीं दिया है. जिससे यह माना जा सकता है कि मौन रूप से उन्होंने कहीं ना कहीं बीजेपी को समर्थन देने का निर्णय लिया है. हालांकि चिराग पासवान के द्वारा औपचारिक मन से इस बात की पुष्टि होना बाकी है. बीजेपी और चिराग पासवान के बीच 95% मुद्दों पर बात हो चुकी है. महज सिर्फ 5% मुद्दा फंस रहा है. वह भी उनके चाचा पशुपति पारस को लेकर वह भी जल्दी ही निपटारा हो जाएगा.

"आज के कार्यकारिणी की बैठक के बाद ही यह स्पष्ट हो जाएगा कि उपचुनाव में वह किसके साथ खड़े होंगे. मोकामा में 20% के करीब दलित वोटर हैं. कुल वोटरों की बात करें मोकामा में तो 288000 हैं. इनमें लगभग 52000 से ज्यादा दलित वोटर से और इन वोटरों में से 12000 पासवान वोटर हैं. इन वोटर को बीजेपी चिराग पासवान के माध्यम से साधना चाहेगी." -डॉ विनीत सिंह, प्रदेश प्रवक्ता, LJPR

गोपालगंज और मोकामा में उपचुनाव : गौरतलब है कि बिहार में मोकामा विधानसभा सीट से आरजेडी विधायक रहे अनंत सिंह के सजायाफ्ता घोषित होने के बाद उनकी सदस्यता समाप्त कर दी गई थी, जिसके बाद मोकामा विधानसभा की सीट खाली हो गई थी. वहीं गोपालगंज में प्रदेश के पूर्व सहकारिता मंत्री रहे सुभाष सिंह की बीमारी से मौत हो जाने के कारण सीट खाली हुई थी. बिहार के 2 विधानसभा सीटों में मोकामा (178) और गोपालगंज (101) पर विधानसभा का उपचुनाव होगा. दोनों सीटों पर भाजपा और महागठबंधन के उम्मीदवार ताल ठोकेंगे. मोकामा की सीट बाहुबली अनंत सिंह की सदस्यता रद्द होने के बाद खाली हुई है. जबकि गोपालगंज की सीट यहां से जीत दर्ज किये भाजपा नेता सुभाष सिंह के निधन के बाद खाली है. दोनों खेमा दोनों सीटों पर जीत के लिए ताकत झोंकेगी. इस बीच चिराग पासवान की एंट्री ने चुनाव को दिलचस्प बना दिया है.

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Last Updated :Oct 18, 2022, 1:41 PM IST
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