अमित शाह का मिशन 2024ः सीमांचल में विवादित मुद्दे ना उठाकर महागठबंधन काे चौंकाया

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Published : Sep 24, 2022, 7:25 PM IST

अमित शाह
अमित शाह ()

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बिहार दौरे ने महागठबंधन नेताओं को पसोपेश में डाल दिया. तमाम प्रयासों को दरकिनार करते हुए अमित शाह ने सीमांचल में मिशन 2024 के लिए पिच तैयार कर दिया. महागठबंधन के 8 घटक दलों से निपटने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री ने रोड मैप भी तैयार कर लिए (BJP Mission 2024 starts from Seemanchal).

पटना: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार के सीमांचल से मिशन 2024 का आगाज कर दिया (BJP Mission 2024 starts from Seemanchal). पूर्णिया में बड़ी रैली के साथ भाजपा ने औपचारिक तौर पर 2024 को फतह करने के लिए शंखनाद किया. अमित शाह के दौरे ने जहां महागठबंधन नेताओं को पसोपेश में डाल दिया वहीं भाजपा के कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने की कोशिश की. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दौरे से पूर्व महागठबंधन खेमा आशंकित था. महागठबंधन नेताओं को इस बात का भय सता रहा था कि केंद्रीय गृह मंत्री सीमांचल से विभाजनकारी सियासत को ताकत देंगे. महागठबंधन नेताओं को उम्मीद थी कि सीएए, एनआरसी, एनपीए, जनसंख्या नियंत्रण, बांग्लादेशी घुसपैठ, रोहिंग्या मसले को लेकर भाजपा नेता हमलावर होंगे.

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मिशन 2024 के लिए अमित शाह ने लिखी पटकथा.

केंद्रीय गृहमंत्री का मास्टर स्ट्रोक: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बिहार दौरे के दौरान भविष्य के सियासत की रूपरेखा तय कर दी सीमांचल दौरे के दौरान अमित शाह ने राजनीतिक विरोधियों को चौंका दिया. पूर्णिया के रैली में अमित शाह अलग अंदाज में दिखे. नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव को केंद्र में रखकर बिहार की सियासत को मोड़ने की कोशिश की. गृह मंत्री अमित शाह ने 2024 के लिए एजेंडा भी तय कर दिया. आने वाले दिनों में भाजपा अमित शाह द्वारा दिए गए मंत्र को लेकर ही बिहार में आगे बढ़ेगी. पार्टी नेता जहां लालू और नीतीश कुमार के शासनकाल की खामियों को लेकर जन जन तक जाएंगे, वहीं नरेंद्र मोदी के विकासात्मक कार्यों को भी भुनाने की योजना है.

लालू-नीतीश के वोट बैंक पर नजरः भाजपा की नजर लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार के वोट बैंक पर है. दोनों के वोट बैंक में सेंधमारी की कोशिश अमित शाह ने की. अति पिछड़ा कार्ड खेल कर पहले ही भाजपा नीतीश कुमार को पसोपेश में डाल चुकी है, तो अल्पसंख्यक वोट बैंक को साधने की भी तैयारी कर ली. अमित शाह ने अल्पसंख्यकों को भी संकेत दिया कि नरेंद्र मोदी की योजनाओं से सीमांचल की गरीब जनता को लाभ मिला है. साथ ही संदेश देने की कोशिश भी हुई कि बिहार में जो कुछ विकास दिख रहा है वह केंद्र की योजनाओं के बदौलत है. सीमांचल में अल्पसंख्यकों की आबादी अच्छी खासी है. पसमांदा वोट बैंक पर भाजपा की नजर है (BJP eyes on Lalu Nitish vote bank).

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"केंद्रीय गृह मंत्री अपने एजेंडे के हिसाब से काम करने वाले थे, लेकिन बिहार का माहौल देखने के बाद उन्होंने अपना इरादा बदल लिया. अमित शाह से उम्मीद थी कि बिहार को स्पेशल स्टेटस मिलेगा, लेकिन उनका भाषण नीतीश कुमार और लालू प्रसाद के इर्द-गिर्द घूमता रहा. बिहार के लिए कुछ खास घोषणा नहीं हुई"- चितरंजन गगन, राजद प्रवक्ता


"हमारी पार्टी को उम्मीद थी कि अमित शाह बिहार दौरे के दौरान स्पेशल स्टेटस को लेकर अपना पुराना वादा निभाएंगे लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. बार-बार उन्हें ताली बजाने के लिए आह्वान करना पड़ा. बिहार की जनता उनके बहकावे में आने वाली नहीं है"-अरविंद निषाद, जदयू प्रवक्ता


"भाजपा सबका साथ सबका विकास चाहती है. सीमांचल में जितनी भी आबादी है उसकी चिंता नरेंद्र मोदी ने की और नरेंद्र मोदी द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ सबको मिला. हम चाहते हैं कि सभी समुदाय के लोग हम से जुड़े"-प्रेम रंजन पटेल, भाजपा प्रवक्ता

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भाजपा की नजर पसमांदा वोटरों परः राजनीतिक विश्लेषक डॉ संजय कुमार का मानना है कि अमित शाह ने अपने भाषण से भविष्य के सियासत की लकीर खींच दी. सीमांचल में जिस तरीके से अमित शाह लालू और नीतीश कुमार को लेकर हमलावर दिखे और नीतीश कुमार से हिसाब देने को कहते रहे उससे साफ है कि अमित शाह की नजर सीमांचल के अल्पसंख्यक पसमांदा वोटरों पर है. उस इलाके में अति पिछड़ा और पसमांदा वोट बैंक को शांत कर भाजपा नीतीश और लालू दोनों को झटका दे सकती है.

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