ETV Bharat / city

मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार का कहर, एक दर्जन बच्चे बीमार

author img

By

Published : Apr 12, 2022, 10:38 PM IST

मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार का कहर
मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार का कहर

मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार (Chamki Bukhar in Muzaffarpur) के मामलों में एक बार फिर से इजाफा देखने को मिल रहा है. चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों का आंकड़ा एक दर्जन पहुंच गया है. जिसमें दो बच्चें पीकू वार्ड में भर्ती हैं. वहीं पांच बच्चों में चमकी बुखार का लक्षण पाया गया है. हालांकि अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है. पढ़िए पूरी रिपोर्ट...

मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार (Twelve Case Of Chamki Bukhar In Muzaffarpur) के अबतक 12 केस सामने आए हैं, जबकि एक बच्चे की मौत हो गई है. गर्मी और उमस बढ़ते ही मुजफ्फरपुर और आसपास के इलाकों में बच्चों के लिए काल बनकर सामने आने वाली बीमारी चमकी बुखार धीरे-धीरे अपना पांव पसार रही है. एसकेएमसीएच की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार अब तक 12 मामले सामने आए हैं. जिसमें से 9 बच्चों को ठीक होने के बाद घर भेजा गया है. वहीं एक बच्चे की मौत हो गई है. 2 बच्चे अभी भी पीकू वार्ड में भर्ती हैं. साथ ही अन्य पांच बच्चे, जिनमें चमकी के बुखार जैसे लक्षण हैं, उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया है. हालांकि अभी इन बच्चों में चमकी बुखार की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है.

ये भी पढ़ें: मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार के आंकड़ों में फिर इजाफा.. SKMCH में 3 बच्चे भर्ती, ऐसे रखें बच्चों का ख्याल

मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से एक दर्जन बच्चे पीड़ित: वहीं, दूसरी ओर चमकी बुखार को लेकर प्रचार-प्रसार और इलाज के लिए बनाए गए प्रोटोकॉल का पालन नहीं करवाने को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार देर शाम मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन को निलंबित कर दिया था. ये स्वास्थ्य विभाग की ओर से की गई अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है. दरअसल, अब तक इस बीमारी का मूल कारण सामने नहीं आया है ना ही अब तक इसका पता चल पाया है लेकिन डॉक्टरों और विशेषज्ञों की टीम ने काफी मंथन कर इसके लिए एक प्रोटोकॉल बनाया है. उसी के आधार पर बच्चों का इलाज किया जाता है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए गांव-गांव जागरूकता अभियान चलाया जाता है.

चमकी बुखार के लक्षण : इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम को आम भाषा में दिमागी बुखार कहा जाता है. इसकी वजह वायरस को माना जाता है. इस वायरस का नाम इंसेफेलाइटिस वाइरस है. इसे अक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (Acute Encephalitis Syndrome) यानी एईएस (AES) भी कहा जाता है. एईएस पीड़ित बच्चे की अचानक तबीयत बिगड़ जाती है. अचानक बच्चा कोमा में चला जाता है. इस बीमारी के सामान्य लक्षण होते हैं. गर्मी के दौरान इन लक्षणों को काफी गंभीरता से लेने की आवश्यकता है. तेज बुखार, सिर दर्द, गर्दन में अकड़न, उल्टी होना, सुस्ती, भूख कम लगना इत्यादि इसके लक्षण होते हैं. साथ ही बच्चे के मुंह में झाग निकलना और उसको झटका लगना. अगर बच्चों को सास लेने में दिक्कत हो या दांत बंद हो जाए. तो तुरंत उसे अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए.

ये भी पढ़ें: मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग तैयार, लोगों से अपील- बच्चों का रखें विशेष ख्याल

इन बातों का रखें ध्यान : बच्चों को गंदे पानी के संपर्क में न आने दें. मच्छरों से बचाव के लिए घर के आसपास पानी न जमा होने दें. तेज धूप में बच्चों को बाहर नहीं निकलने दें. बच्चे में चमकी व तेज बुखार होते ही नजदीकी पीएचसी लेकर पहुंचे. अपने मन से और गांव के कथित डॉक्टरों से इलाज नहीं कराएं. पीएचसी, आशा, सेविका को जानकारी देने पर एम्बुलेंस की सुविधा मिलेगी. एम्बुलेंस से बच्चे को एसकेएमीएच में इलाज के लिए लाने में कोई परेशानी नहीं होगी. चमकी व तेज बुखार बीमारी है यह देवता व भूत प्रेत का लक्षण नहीं है. ओझा से झाड़फूंक करवाने की जगह सरकारी अस्पताल लेकर बच्चे को जाएं. स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं कि पीड़ित इंसान के शरीर में पानी की कमी न होने दें. बच्चों को सिर्फ हेल्दी फूड ही दें. रात को खाना खाने के बाद मीठा जरूर दें. बच्चों को थोड़ी-थोड़ी देर बार तरल पदार्थ देते रहें, ताकि उनके शरीर में पानी की कमी न हो.

विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.