गया : बिहार के गया में एकसाथ 22 पुलिस अफसरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज (FIR Against 22 Police Officer In Gaya) की गई है. संभवत: बिहार में पहली बार एक साथ इतनी बड़ी कार्रवाई हुई है, जब चार्ज नहीं सौंपने वालों पर प्राथमिकी दर्ज की गई हो. फिलहाल गया के सिविल लाइन थाना में तत्कालीन इंस्पेक्टर हरि ओझा समेत 22 पुलिस अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई है. गया एसएसपी हरप्रीत कौर (Gaya SSP Harpreet Kaur) के निर्देश पर यह प्राथमिकी दर्ज की गई है.
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आरोपितों में इंस्पेक्टर, दरोगा व जमादार शामिल : एसएसपी हरप्रीत कौर ने अपने ही विभाग के 22 पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सिविल लाइंस थाने में केस दर्ज करवाया है. इन पुलिस पदाधिकारियों में इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर और सहायक अवर निरीक्षक जैसे रैंक के पुलिसकर्मी शामिल हैं. इन पुलिस पदाधिकारियों पर आरोप है, कि ये पिछले वर्षों में दर्ज हुए 185 प्राथमिकियों की जांच से संबंधित फाइल को लेकर अपने साथ चले गये हैं और उसे अब तक सिविल लाइंस थाने को नहीं लौटाया है. इस मामले को एसएसपी ने गंभीरता से लिया और ऐसा करने वाले 22 पुलिस पदाधिकारियों पर प्राथमिकी दर्ज करने के लिए निर्देश दिए.
हरि ओझा वर्तमान में पटना सीआईडी में पोस्टेड : 185 केसों से संबंधित फाइल व प्रभार नहीं देने के मामले को लेकर 22 पुलिस पदाधिकारियों पर केस दर्ज किया गया है. जबकि, पहले ही पुलिस मुख्यालय से कई बार निर्देश दिया गया है, कि ट्रांसफर होते ही संबंधित केस का प्रभार संबंधित थाने के पुलिस पदाधिकारियों को सौंप दें, ताकि उसके आगे के अनुसंधान में कोई व्यवधान नहीं हो सके. किंतु छानबीन के दौरान पता चला कि सिविल लाइंस थाने में इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर व सहायक अवर निरीक्षक के पद पर रह चुके 22 पुलिस पदाधिकारियों ने सैकड़ों केसों का प्रभार ही नहीं दिया है. हरी ओझा वर्तमान में पटना सीआईडी में पोस्टर बताए जाते हैं.
इन पुलिस अफसरों पर हुआ केस : जिन 22 पुलिस पदाधिकारियों पर केस से जुड़ी फाइल लेकर जाने का आरोप है. उनके नाम के साथ सरकारी फाइलों की संख्या भी सामने आई है. सिविल लाइंस के थानाध्यक्ष अब्दुल गफ्फार ने बताया कि इंस्पेक्टर हरि ओझा (Inspector Hari Ojha) ने 17 केसों का प्रभार नहीं दिया है. इसी तरह सब इंस्पेक्टर रंजन कुमार ने 21 केस, सब इंस्पेक्टर रामकृष्ण बैठा ने सात, सब इंस्पेक्टर विजय पासवान ने 14, सब इंस्पेक्टर मानमती सिन्हा ने 15, सब इंस्पेक्टर कृष्ण कुमार टू ने नौ, सब इंस्पेक्टर अखिलेश सिंह ने छह, सब इंस्पेक्टर प्रसिद्ध कुमार सिंह ने सात, सब इंस्पेक्टर दुर्गेश गहलौत ने चार केसों के फाइल जमा नहीं किए हैं. इसी तरह सब इंस्पेक्टर विनय कुमार राय ने 15, सब इंस्पेक्टर परमहंस सिंह ने 10, सब इंस्पेक्टर लालमुनी दूबे ने चार, सब इंस्पेक्टर दिलीप कुमार सिंह ने पांच, सब इंस्पेक्टर दीपक कुमार ने पांच, सब इंस्पेक्टर दिलेश्वर महतो ने सात, सब इंस्पेक्टर अशोक चौधरी ने पांच, सब इंस्पेक्टर गौरव सिंधु ने छह व सब इंस्पेक्टर अखिलेश्वर शर्मा ने चार केसों का प्रभार नहीं दिया है. थानाध्यक्ष ने बताया कि सहायक अवर निरीक्षक अवधेश सिंह ने छह, सहायक अवर निरीक्षक किशोर कुमार झा ने 17 व सहायक अवर निरीक्षक प्रदीप पासवान ने चार केसों को प्रभार नहीं दिया है.
''सिविल लाइन थाना में 22 पुलिस अफसरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. आरोप है कि स्थानांतरण होने के बाद ये फाइल लेकर चले गए, जिसके कारण चार्जशीट दाखिल नहीं हो सकी है. इससे वादी को परेशानियां हो रही है. इस मामले को लेकर एसएसपी के निर्देश पर सिविल लाइन थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष हरि ओझा समेत 22 पुलिस अफसरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. यदि जो अफसर केस का प्रभार नहीं सौंपेंगे तो उन्हें जेल जाने की नौबत आ सकती है.''- अब्दुल गफ्फार, थानाध्यक्ष, सिविल लाइन