जब सरकार से नहीं बनी बात तो गांववालों ने लगाया पोस्टर- 'दारू, ताड़ी, गांजा सब मना है वरना..'

author img

By

Published : Jun 7, 2022, 5:45 PM IST

Banner Poster
Banner Poster ()

बिहार में पूर्ण शराबबंदी (Liquor Ban in Bihar) है. दरंभाग में शराबंबदी को लेकर बैनर पोस्टर लगाया गया है. ग्रामीणों ने इसे खुद लगाया है. आगे पढ़ें पूरी खबर...

दरभंगा : बिहार में नीतीश कुमार की सरकार ने 2016 से पूर्ण शराबबंदी कानून (Prohibition Law in Bihar) लागू कर रखा है. इसके बावजूद यहां शराब बेचने और पीने-पिलाने पर रोक नहीं लग पा रही है. इसकी वजह से अपराध लगातार बढ़ रहा है. इस कानून के बेअसर होने से परेशान जिले के बहादुरपुर प्रखंड के सिमरा नेहालपुर पंचायत के लोगों ने खुद ही नशाबंदी का बीड़ा उठा लिया है.

ये भी पढ़ें - शराबबंदी पर बोले मांझी- 'मेरे माता-पिता शराब पीते थे, घर में दारू बेची जाती थी लेकिन मैने छुई तक नहीं'

गांववाले पिए शराब तो जाएंगे पुलिस के पास : इसके तहत पंचायत के वार्ड 6 के लोगों ने गांव में दारू, ताड़ी और गांजा बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया है और इस सूचना के पोस्टर गांव में जगह-जगह लगा दिए हैं. लोग गांव में जगह-जगह घूम कर नशाबंदी के खिलाफ नारे लगा रहे हैं और लोगों को ताकीद कर रहे हैं. लोगों ने तय किया है कि अब से शराब, ताड़ी और गांजा बेचनेवालों को वे लोग खुद पकड़ कर पुलिस के हवाले कर देंगे.

''राज्य में शराबबंदी कानून लागू है. इसके बावजूद लोग धड़ल्ले से गांव में शराब बेच रहे थे. लोगों पर समझाने का कोई असर नहीं हो रहा था. इसलिए हमलोगों ने गांव में एक बैठक की और नशाबंदी लागू करने के लिए सख्त कदम उठाने का फैसला किया. अब से गांव में जो भी व्यक्ति शराब, ताड़ी या गांजा बेचेगा उसे पकड़कर वे लोग खुद ही पुलिस को दे देंगे.''- विनोद राम, निवासी, सिमरा नेहालपुर पंचायत

बैनर-पोस्टर लगाकर लोगों को किया जा रहा जागरूक : विनोद राम ने कहा कि वे लोग गांव में जगह-जगह पोस्टर-बैनर लगाकर लोगों को इसके लिए जागरूक कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसके लिए स्थानीय मब्बी ओपी पुलिस से भी उन लोगों की बात हुई है. पुलिस ने भी गांव के लोगों का समर्थन किया है और नशा बेचनेवालों को खबरदार किया है.

इस संदेश को दूर-दूर तक फैलाने की जरूरत : बता दें कि बिहार में शराब की वजह से कानून-व्यवस्था की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है. सरकारी महकमा और पुलिस की लाख कोशिशों के बावजूद शराब पर लगाम लगती नहीं दिख रही है. ऐसे में सिमरा नेहालपुर पंचायत के वार्ड 6 के लोगों की ये मुहिम तारीफ के काबिल है और इसके संदेश को दूर-दूर तक फैलाने की जरूरत है.

बिहार में 2016 से शराबबंदी : बता दें कि बिहार सरकार ने 2016 में शराबबंदी कानून लागू किया गया था. कानून के तहत शराब की बिक्री, पीने और बनाने पर प्रतिबंध है. शुरुआत में इस कानून के तहत संपत्ति कुर्क करने और उम्र कैद की सजा तक का प्रावधान था, लेकिन 2018 में संशोधन के बाद सजा में थोड़ी छूट दी गई थी. बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से बिहार पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों के मुताबिक, अब तक मद्य निषेध कानून उल्लंघन से जुड़े करीब 3 लाख से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं.

अब जुर्माना देकर छूट जाएंगे शराबी : हालांकि, 6 साल बाद शराबबंदी कानून में समीक्षा के बाद बड़ा बदलाव किया गया है. जिसके बाद यदि को व्यक्ति पहली बार शराब पीते पकड़ा जाता है तो उसे जुर्माना लेकर छोड़ दिया जाएगा. लेकिन बार-बार पकड़ें जाने पर जेल और जुर्माना दोनों की सजा हो सकती है. पहली बार शराब पीते हुए पकड़े जाने वालों को कार्यकारी मजिस्ट्रेट के निर्णय के अनुसार 2,000 रुपये से 5,000 रुपये के बीच जुर्माना लेकर रिहा किया जाएगा. यदि पहली बार अपराध करने वाला व्यक्ति जुर्माना अदा करने में विफल रहता है तो उसे एक माह की कैद हो सकती है. अगर आप दूसरी बार शराब पीते पकड़े गए तो अनिवार्य रूप से एक वर्ष की जेल की सजा का प्रावधान किया गया है.

विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP



ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.