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बजट 2020: डेयरी उद्योग के लिए अधिक राशि आवंटन करने की मांग

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Published : Jan 29, 2020, 11:26 PM IST

Updated : Feb 28, 2020, 11:12 AM IST

अमूल इंडिया के प्रबंध निदेशक आर.एस. सोढ़ी ने कहा कि पिछले बजट में डेयरी उद्योग के लिए आवंटन राशि केवल 2,900 करोड़ रुपये थी. इस साल हमें 45,000 करोड़ रुपये की उम्मीद है.

बजट 2020: डेयरी उद्योग के लिए अधिक राशि आवंटन करने की मांग
बजट 2020: डेयरी उद्योग के लिए अधिक राशि आवंटन करने की मांग

आणंद: डेयरी उद्योग को आगामी केंद्रीय बजट से बहुत उम्मीदें हैं. लाखों घर इस महत्वपूर्ण क्षेत्र पर निर्भर रहते है. इसलिए उद्योग चाहता है कि सरकार इसके तरफ ध्याने दें और बजट में उच्च आवंटन करें.

अमूल इंडिया के प्रबंध निदेशक आर.एस. सोढ़ी ने कहा कि पिछले बजट में डेयरी उद्योग के लिए आवंटन राशि केवल 2,900 करोड़ रुपये थी. इस साल हमें 45,000 करोड़ रुपये की उम्मीद है.

अमूल इंडिया के प्रबंध निदेशक आर.एस. सोढ़ी
पशुपालन ग्रामीण क्षेत्रों में एक प्रमुख आर्थिक गतिविधि है. यह भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में लगभग 4.6 प्रतिशत का योगदान देता है. इसलिए इस उद्योग के लोग बजट आवंटन में समान हिस्सेदारी की मांग कर रहें हैं.

ये भी पढ़ें- बजट 2020: आम-आदमी के हाथों में दें ज्यादा पैसा

सोढ़ी ने कहा, "कृषि की तरह, डेयरी फार्मिंग को भी आईटीआर दाखिल करने या आयकर का भुगतान करने से छूट दी जानी चाहिए."

उन्होंने यह भी कहा कि हाल ही में कॉर्पोरेट टैक्स में 25 प्रतिशत की कटौती अमूल जैसी कंपनियों तक नहीं पहुंची है और वे अभी भी 35 प्रतिशत कॉर्पोरेट टैक्स का भुगतान करते हैं.

सोढ़ी ने कहा कि सरकार का ग्रामीण क्षेत्रों के बीच पीड़ा को भांपते हुए मेगा ट्रेड डील रीजनल कॉम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप (आरसीईपी) में शामिल नहीं होना एक अच्छा फैसला था.

सोढ़ी की राय है कि भारत के बाहर से दूध पाउडर का आयात करना भारतीय किसानों और स्थानीय डेयरी उद्योग के लिए अच्छा नहीं है.

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बजट 2020: डेयरी उद्योग के लिए अधिक राशि आवंटन करने की मांग

आणंद: डेयरी उद्योग को आगामी केंद्रीय बजट से बहुत उम्मीदें हैं. लाखों घर इस महत्वपूर्ण क्षेत्र पर निर्भर रहते है. इसलिए उद्योग चाहता है कि सरकार इसके तरफ ध्याने दें और बजट में उच्च आवंटन करें. 

अमूल इंडिया के प्रबंध निदेशक आर.एस. सोढ़ी ने कहा, "पिछले बजट में इस सेक्टर के लि आवंटन केवल 2,900 करोड़ रुपये थे. इस साल हमें 45,000 रुपये की उम्मीद है.

पशुपालन ग्रामीण क्षेत्रों में एक प्रमुख आर्थिक गतिविधि है. यह भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में लगभग 4.6 प्रतिशत का योगदान देता है. इसलिए इस उद्योग के लोग बजट आवंटन में समान हिस्सेदारी की मांग कर रहें हैं.

सोढ़ी ने कहा, "कृषि की तरह, डेयरी फार्मिंग को भी आईटीआर दाखिल करने या आयकर का भुगतान करने से छूट दी जानी चाहिए."

उन्होंने यह भी कहा कि हाल ही में कॉर्पोरेट टैक्स में 25 प्रतिशत की कटौती अमूल जैसी कंपनियों तक नहीं पहुंची है और वे अभी भी 35 प्रतिशत कॉर्पोरेट टैक्स का भुगतान करते हैं. 

सोढ़ी ने कहा कि सरकार का ग्रामीण क्षेत्रों के बीच पीड़ा को भांपते हुए मेगा ट्रेड डील रीजनल कॉम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप (आरसीईपी) में शामिल नहीं होना एक अच्छा फैसला था.

सोढ़ी की राय है कि भारत के बाहर से दूध पाउडर का आयात करना भारतीय किसानों और स्थानीय डेयरी उद्योग के लिए अच्छा नहीं है.


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Last Updated : Feb 28, 2020, 11:12 AM IST
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