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आजादी को लेकर कंगना रनौत की टिप्पणी पर बोले वरुण गांधी - इसे पागलपन कहूं या देशद्रोह

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Published : Nov 11, 2021, 2:57 PM IST

Updated : Nov 12, 2021, 1:13 PM IST

Kangana Ranaut
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वरुण गांधी ने अभिनेत्री का एक वीडियो क्लिप भी साझा किया जिसमें एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम के दौरान रनौत को यह कहते सुना जा सकता है कि, 'वह आजादी नहीं, बल्कि भीख थी और जो आजादी मिली है वह 2014 में मिली.'

नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद वरुण गांधी ने बृहस्पतिवार को अभिनेत्री कंगना रनौत की उस कथित टिप्पणी पर निशाना साधा, जिसमें रनौत ने कहा था कि भारत को आजादी 2014 में मिली और जो 1947 में मिली, वो भीख थी.

वरुण गांधी ने अभिनेत्री का एक वीडियो क्लिप भी साझा किया जिसमें एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम के दौरान रनौत को यह कहते सुना जा सकता है कि, 'वह आजादी नहीं, बल्कि भीख थी और जो आजादी मिली है वह 2014 में मिली.'

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हाल में पद्म श्री सम्मान पाने वाली रनौत का इशारा 2014 में भाजपा के सत्ता में आने की तरफ था. अभिनेत्री पूर्व में भी अपने दक्षिणपंथी बयानों को लेकर विवादों में रही हैं. कंगना रनौत की आलोचना करते हुए गांधी ने ट्वीट कर कहा, 'कभी महात्मा गांधी जी के त्याग और तपस्या का अपमान, कभी उनके हत्यारे का सम्मान, और अब शहीद मंगल पाण्डेय से लेकर रानी लक्ष्मीबाई, भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और लाखों स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों का तिरस्कार. इस सोच को मैं पागलपन कहूं या फिर देशद्रोह?'

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पढ़ेंः पर्सनल लाइफ पर बोलीं कंगना रनौत- अगले 5 साल में शादी-बच्चे करने का है प्लान

वहीं, कंगना रनौत ने सोशल मीडिया पर पलटवार करते हुए कहा, 'मैंने बिल्कुल साफ कहा है कि 1857 की क्रांति, पहली स्वतंत्रता संग्राम थी, जिसे दबा दिया गया और इसके परिणामस्वरूप अंग्रेजों के जुल्म व क्रूरता और बढ़ गए तथा करीब एक शताब्दी बाद हमें गांधी जी के भीख के कटोरे में आजादी दी गई.'

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने जताई आपत्ति.

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने जताई आपत्ति

वहीं अभिनेत्री कंगना रनौत के बयान पर दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) ने कड़ी आपत्ति जताई है. कमेटी अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा (Manjinder Singh Sirsa) ने कहा है कि कंगना का बयान उन सभी देश भक्तों के लिए है अपमान की बात है जिन्होंने अपने प्राण देश की आजादी के लिए न्योछावर किए. इसी के चलते मांग की गई है कि राष्ट्रपति कंगना रनौत को दिए गए पद्मश्री सम्मान (Padma Shri Award 2021) पर पुनर्विचार करें. साथ ही मामले में कंगना माफी मांगें.

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि कंगना का बयान घटिया मानसिकता वाली सोच को दर्शाता है. ये महान शहीदों की शहादत का अपमान है. शहीद भगत सिंह और ऊधम सिंह जैसे लोगों ने महान शहादत देकर देश को आजाद कराया. क्या ऐसे मानसिकता के लोगों को इतना बड़ा सम्मान दिया जा सकता है. मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि अगर कंगना ने अपने बयान पर माफी नहीं मांगी तो हम मजबूर होंगे उन पर एक क्रिमिनल केस दर्ज करवाने के लिए.

अभिनेत्री कंगना का बयान दुर्भाग्यपूर्ण

राजद ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण
वहीं राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रोफेसर सुबोध मेहता ने अभिनेत्री कंगना के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि RSS, BJP के लोग कंगना के जानने वाले हैं. ये लोग भी इसी तरह की भाषा बोलते हैं. स्वतंत्रता सेनानियों को अपमान करने का काम करते थे. कंगना आज उन्हीं की भाषा बोल रही हैं. उन्होंने कहा की वह अपनी पार्टी की तरफ से मांग करते हैं की कंगना के खिलाफ कठोर से कठोर एवं सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों एवं भारत माता का अपमान किया है. इस तरह की भाषा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

'कंगना मानसिक रूप से बीमार'

कांग्रेस नेता उदित राज ने कंगना को मानसिक रूप से बीमार बताया है. उन्होंने ट्वीट किया, 'मोदी सरकार ने मानसिक बीमार कंगना रनौत को पद्मश्री देकर संविधान, जनतंत्र और स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान किया है. पद्मश्री छिनकर इस पागल को गिरफ़्तार किया जाए. उदित राज से तंज कसते हुए कहा कि भाजपा प्रचारक पद्मश्री कंगना रनौत ने कहा कि आजादी 2014 में मिली. RSS ने 11 दिसम्बर 1948 को संविधान व डॉ. आंबेडकर का पुतला जलाया था. ये दलित, आदिवासी, पिछड़े एवं महिलाओं की आजादी को मानते ही नहीं.

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अखिल भारतीय महिला कांग्रेस अध्यक्ष नेट्टा डिसूजा ने गुरुवार को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को एक पत्र लिख अभिनेत्री कंगना रनौत पर तत्काल कार्रवाई की मांग की. डिसूजा ने विवादास्पद टिप्पणी करने पर पद्मश्री पुरस्कार को वापस लेने की मांग की. डिसूजा ने अपने पत्र में कहा, शब्दों और वाक्यांशों का उपयोग, पद्मश्री पुरस्कार विजेता, स्वतंत्रता सेनानियों और स्वतंत्रता प्राप्त करने में उनके योगदान की मंशा और अनादर का स्पष्ट प्रकटीकरण है.

Last Updated :Nov 12, 2021, 1:13 PM IST
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