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Symptoms of burning mouth syndrome: हल्का मिर्च वाला खाना भी आपको करता है परेशान, जानिए किस बीमारी के हैं लक्षण

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Published : Feb 22, 2023, 9:33 PM IST

अक्सर आपने देखा होगा कि कुछ लोग खाने में थोड़ा भी स्पाइसी बर्दाश्त नहीं कर पाते.जैसे ही खाना उनके मुंह में जाता है वो पानी पीने के लिए दौड़ते हैं.हल्का मिर्च वाला खाना भी उनके मुंह में जलन पैदा करता है. दरअसल ये जलन एक बीमारी का लक्षण है. जो विटामिन की कमी से होती है.

Symptoms of burning mouth syndrome
बर्निंग माउथ सिंड्रोम की वजह

बर्निंग माउथ सिंड्रोम की वजह

सरगुजा : कुछ लोगों को खाने में मिर्च बहुत लगती है. हल्का स्पाइसी खाना भी उनके मुंह में जलन पैदा करता है. ऐसे लोग बहुत सी इंडियन डिश का आनंद भी नहीं ले पाते हैं. यह एक तरह की बीमारी ही है जिसे बर्निंग माउथ सिंड्रोम कहा जाता है. शरीर में कुछ आवश्यक विटामिन की कमी के कारण ऐसा होता है. हमने इस विषय पर विषय विशेषज्ञ डॉक्टर से बात की.


बर्निंग माउथ सिंड्रोम की वजह : डॉक्टर शैलेंद्र गुप्ता कहते हैं " इस तरह की समस्या अभी बढ़ी हुई है. ये मुख्य रूप से विटामिन्स की कमी की वजह से होता है. क्योंकि विटामिन्स नसों की रिजनरेशन के लिए अर्थात नसों को प्रॉपर काम करने के लिये उत्तरदायी होता है. इसमें से जो प्रमुख विटामिन हैं जिसका रोल माउथ बर्निंग सिंड्रोम या मुंह में जो जलन होता है, मिर्च बिल्कुल खा नहीं पाते हैं इसमें देखते हैं. इसका जो मेन विटामिन रहता है वो बी12 विटामिन रहता है"


विटामिन बी12 के सोर्स : डॉ शैलेन्द्र बताते हैं " ये विटामिन प्रचुर मात्रा में नानवेज के उत्पाद रहते हैं जिसमें से मछली, अंडा, मीट और चिकन में तो भरपूर मात्रा मे रहता है. लेकिन इस तत्व की कमी वेजिटेरियन फूड में प्रायः कम पाई जाती है. लेकिन ऐसा नही है कि वेजिटेरियन फ़ूड में बिल्कुल नहीं पाई जाती है. वेजिटेरियन फूड में चुकन्दर, केला, लो फैट का दूध, काजू, बादाम, अखरोट हैं. लेकिन ये सब खाद्य पदार्थ थोड़े मंहगे रहते हैं. जिस कारण से इनकी कमी होती है और मुंह में जलन की समस्या देखी जाती है"


ब्लड टेस्ट कराएं : डॉक्टर शैलेंद्र गुप्ता आगे कहते हैं " बी 12 की कमी है तो इसका संबंध नसों से होता है. इसके लक्षण होते है जैसे मुंह में जलन, छाले बार बार आ जाते हैं, कुछ हेडेक या चक्कर की भी कम्पलेन आती है. मोटे तौर पर समझा जाए कि नसों से होने वाली समस्या बी 12 की कमी से कई बार हम लोग रिलेट करते हैं. इसके लिये सामान्य सा तरीका होता है कि ब्लड टेस्ट के लिये हम लोग देते हैं"

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ऐसे होगा इलाज : डॉ गुप्ता कहते हैं "टेस्ट से इसकी मात्रा अगर निर्धारित मापदंड 200 माइक्रॉन से अगर कम होती है तो उससे तुरंत पता चल जाता है कि हमारे शरीर मे बिटामिन बी12 की कमी है. अब जो कमी है उसको केवल खान पान में सुधार करके नही पूरा किया जा सकता है. इसकी कमी को पूरा करने के लिये विटामिन्स की टेबलेट होती हैं. इंजेक्शन होते है जिससे त्वरित उसकी कमी को पूरा किया जा सकता है. फिर भविष्य के लिए इसकी कमी दोबारा ना हो इसके लिये ऐसे पौष्टिक पदार्थ जैसे सोया मिल्क हो गया, सोयाबीन की बरी हो गई इसका उपयोग किया जा सकता है."

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