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Bihar News: एक ससुराल प्रेमी का दर्द सुनिए.. आप भी बोलेंगे- 'बात तो सही है'

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Published : Jun 2, 2023, 6:49 PM IST

Updated : Jun 2, 2023, 8:07 PM IST

एक ससुराल प्रेमी का ऐसा दर्द कि शादी के 14 साल बाद वह 4 बार भी ससुराल नहीं जा पाए. उन्होंने कहा कि ससुराल नहीं जाने पर पत्नी से क्या क्या सुनना पड़ता है, वह तो नितिन गडकरी भी जानते होंगे. उन्होंने सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से एक खास अपील की है. पढ़ें पूरी खबर...

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मधेपुराः बिहार की सड़कें बनी हैं, लेकिन कुछ की हालत लंबे समय से दयनीय है. हम बात कर रहे हैं बिहार के मधेपुरा जिले की. यहां की सड़के इतनी जर्जर है कि एक ससुराल प्रेमी ने इसका दर्द बयां किया है. ये ससुराल प्रेमी कोई और नहीं बल्कि जदयू प्रदेश महासचिव निखिल मंडल हैं. उन्होंने भारत सरकार के सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से सड़क बनवाने की अपील की है ताकि वे आराम से ससुराल जा सके. उन्होंने कहा कि उसकी शादी के 14 साल हो गए लेकिन सड़क खराब होने के कारण 4 बार भी ससुराल नहीं जा पाए हैं.

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गडकरी बोले थे, अमेरिका जैसी बनेगी सड़कः निखिल मंडल ने सोशल मीडिया पर इसको लेकर पोस्ट जारी किया है. उसमें उन्होंने सड़क की जर्जर हालत का वीडियो भी डाला है. इस पोस्ट में उसने नितिन गडकरी के उस बयान दो याद दिलाई है, जिसमें गडकरी ने कहा था कि बिहार की सड़के अमेरिका की तरह बनेगी, लेकिन आज तक यह सड़क नहीं बनी है. उससे इस जर्जर सड़क से ससुराल जाने का हिम्मत नहीं होता है.

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निखिल मंडल ने पोस्ट में लिखा है कि "नितिन गडकरी जी, प्रणाम, मुझे मालूम है, आप काम करने वाले मंत्री है, पर ना जाने क्यों मधेपुरा से मेरे ससुराल (आलमनगर, बालाटोल) जाने वाली सड़क एनएच-106 वर्षों से इसी हालत में है. शादी के 14 साल हो गए पर 4 बार भी ससुराल नहीं जा पाया. एक तरफ ससुराल का अच्छा भोजन और लौटते वक़्त विदाई में आशीर्वाद रूप पैसे याद आते हैं तो दूसरी तरफ ये एनएच-106 याद आते ही ससुराल जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाता हूं.

ससुराल नहीं जाने पर बीवी की तरफ से क्या क्या सुनाया जाता होगा, वो तो आप समझ ही सकते हैं. 14 साल में तो राम भगवान का वनवास भी ख़त्म हो गया था पर ना जाने मेरा ससुराल का वनवास कब ख़त्म होगा..?? जिस तरह से इस सड़क पर धूल उड़ती है, अगर कम रंग वाले दामाद जी आलमनगर की ओर जाए तो वो गोरा बनकर पहुंचेंगे. यदि गोरा रंग वाला दामाद जाए तो अंग्रेज बनकर पहुंचेंगे. ऐसे में ससुराल वालों को अपने दामाद को पहचानने में भी दिक्कत होती है.

सबके लिए ससुराल गेंदा फूल होता है, पर मेरे लिए ससुराल गंदा धूल बनकर रह गया है. अमेरिका तो मैं गया नहीं, तो वहां की सड़क कैसी है नहीं जानता पर हां बिहार में सड़क में बहुत काम हुआ है. कम से कम बिहार के अन्य सड़क जैसा ही ये सड़क बनवा दें और मुझे ससुराल पंहुचा दें. आपका निखिल मंडल, बिहार का सामान्य नागरिक (ससुराल प्रेमी)."

Last Updated :Jun 2, 2023, 8:07 PM IST
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