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NSA डोभाल ने धार्मिक नेताओं से कट्टरपंथी ताकतों का मुकाबला करने का आह्वान किया

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Published : Jul 30, 2022, 8:16 PM IST

Updated : Jul 30, 2022, 10:17 PM IST

कुछ लोग धर्म और विचारधारा के नाम पर वैमनस्यता पैदा करते हैं जो पूरे देश को प्रभावित करता है और इसका मुकाबला करने के लिए सभी धर्मगुरुओं को मिलकर काम करना होगा. उक्त बातें एक अंतरधार्मिक सम्मेलन में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल (National Security Adviser Ajit Doval) ने कहीं. इस दौरान पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने को लेकर एक प्रस्ताव भी पारित किया गया.

NSA Ajit Doval
एनएसए अजीत डोभाल

नई दिल्ली : राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल (National Security Adviser Ajit Doval) ने शनिवार को विभिन्न धर्मों के नेताओं से धर्म और विचारधारा के नाम पर वैमनस्यता पैदा करने की कोशिश कर रही कट्टरपंथी ताकतों का मुकाबला करने का आग्रह किया, जो देश पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं. डोभाल ने ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल (AISSC) द्वारा आयोजित एक अंतरधार्मिक सम्मेलन में विभिन्न धर्मों के धार्मिक नेताओं की उपस्थिति में यह टिप्पणी की. 'विभाजनकारी एजेंडा' को आगे बढ़ाने और 'राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों' में शामिल होने के लिए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) जैसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की वकालत करते हुए सम्मेलन में एक प्रस्ताव पारित किया गया.

प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि किसी के द्वारा चर्चा या बहस के दौरान किसी भी देवी, देवता या पैगंबर को निशाना बनाने की निंदा की जानी चाहिए और इससे कानून के अनुसार निपटा जाना चाहिए. डोभाल ने कहा कि सभी तक पहुंचने की जरूरत है, उन सबको कट्टरपंथी ताकतों के खिलाफ लड़ाई में शामिल करना चाहिए और उन्हें बताना चाहिए कि भारत में किसी भी धर्म के खिलाफ नफरत और मुहिम के लिए कोई जगह नहीं है. उन्होंने कहा कि गलतफहमियों को दूर करने और हर धार्मिक संस्था को भारत का हिस्सा बनाने के लिए प्रयास करने की जरूरत है.

डोभाल ने सम्मेलन में कहा, 'कुछ लोग धर्म के नाम पर वैमनस्यता पैदा करते हैं जो पूरे देश पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है. हम इसके मूकदर्शक नहीं हो सकते. धार्मिक रंजिश का मुकाबला करने के लिए हमें एक साथ काम करना होगा और हर धार्मिक संस्था को भारत का हिस्सा बनाना होगा. इसमें हम सफल होंगे या नाकाम होंगे.' डोभाल ने धर्मगुरुओं से कहा कि उन्हें देश में माहौल सुधारने में प्रमुख भूमिका निभानी होगी. उन्होंने कहा, 'यह भावना पैदा करने की जरूरत है कि हम देश की एकता से समझौता नहीं होने देंगे. हमें सबके दिल में यह विश्वास पैदा करना होगा कि यहां हर भारतीय सुरक्षित है. हमें संगठित होना होगा, आवाज उठानी होगी और गलतियों को सुधारना होगा.'

उन्होंने कहा कि देश का नुकसान सबका नुकसान है, इसलिए इसकी रक्षा के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा. उन्होंने कहा, 'हर धर्म ने देश के विकास में योगदान दिया है. हमें यह सोचना होगा कि हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को कैसा भारत देंगे. आपके (धार्मिक नेताओं) कंधों पर बड़ी जिम्मेदारियां हैं.' आयोजकों ने कहा कि सम्मेलन का उद्देश्य 'बढ़ती धार्मिक असहिष्णुता' पर हिंदू, इस्लाम, ईसाई, सिख, बौद्ध और जैन सहित विभिन्न धर्मों के प्रतिनिधियों के बीच गहन चर्चा करना था. अंतरधार्मिक सम्मेलन द्वारा पारित प्रस्ताव में शांति और सद्भाव का संदेश फैलाने और कट्टरपंथी ताकतों के खिलाफ लड़ाई के लिए सभी धर्मों को शामिल करते हुए एक नया संगठन बनाने का प्रस्ताव रखा गया है.

प्रस्ताव में कहा गया, 'पीएफआई जैसे संगठनों और ऐसे किसी भी अन्य मोर्चा जो देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं, विभाजनकारी एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं और हमारे नागरिकों के बीच कलह पैदा कर रहे हैं, उन्हें प्रतिबंधित किया जाना चाहिए और देश के कानून के अनुसार उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए.'

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(पीटीआई-भाषा)

Last Updated :Jul 30, 2022, 10:17 PM IST
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