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Azadi Ke Amrit Mahotsav में PM Modi बोले- दुनिया भारत को सही रूप में जाने ये हमारा दायित्व

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Published : Jan 20, 2022, 11:33 AM IST

Updated : Jan 20, 2022, 3:08 PM IST

पीएम मोदी ने गुरुवार को 'आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर' (Azadi Ke Amrit Mahotsav se Swarnim Bharat Ke Ore) कार्यक्रम के शुभारंभ समारोह को संबोधित किया. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को धूमिल करने के लिए बहुत कुछ चलता रहता है, ऐसे में हमारा दायित्व बनता है कि दुनिया भारत को सही रूप में जाने. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को राजनीति कहकर पल्ला नहीं झाड़ा जा सकता. मोदी ने कहा,' ये राजनीति नहीं है, ये हमारे देश का सवाल है.'

pm modi amrit mahotsav
पीएम मोदी आजादी का अमृत महोत्सव

नई दिल्ली : पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को 'आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर' (Azadi Ke Amrit Mahotsav se Swarnim Bharat Ke Ore) कार्यक्रम के शुभारंभ समारोह को संबोधित किया. पीएम मोदी ने कहा कि हमारे और राष्ट्र के सपने एक ही हैं. एक नया सवेरा होने वाला है. जब संकल्प से साधना जुड़ी तो कालखंड बनना तय है. उन्होंने कहा कि सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास देश का मूल मंत्र है. कार्यक्रम को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी संबोधित किया.

ब्रह्मकुमारी मुख्यालय की सात पहलों के तहत (seven initiatives of Brahma Kumaris) बड़े अभियान की शुरुआत हुई. इसके तहत देशभर में 15,000 कार्यक्रम होंगे. पीएम ने कार्यक्रम में कहा, कितना भी अंधेरा छाए, भारत मूल स्वभाव नहीं छोड़ता. पीएम मोदी ने कहा, आज करोड़ों भारतवासी स्वर्णिम भारत की आधारशिला रख रहे हैं. हमारी प्रगति राष्ट्र की प्रगति में निहित है. राष्ट्र का अस्तित्व हमसे है और राष्ट्र से ही हमारा अस्तित्व है. यह अहसास नए भारत के निर्माण में भारतीयों की सबसे बड़ी ताकत बनता जा रहा है. हम ऐसा समाज बना रहे हैं, जिसमें कोई भेदभाव न हो. पीएम मोदी ने कहा कि आजादी में नारी शक्ति का बड़ा योगदान है.

पीएम ने कहा, हम एक ऐसे भारत को उभरते हुए देख रहे हैं, जिसकी सोच और अप्रोच नई है, और जिसके निर्णय प्रगतिशील हैं. पीएम मोदी ने कहा कि भारत गार्गी, मैत्रेयी और अनुसूया का देश है.

प्रधानमंत्री मोदी माउंट आबू स्थित ब्रह्म कुमारीज संस्थान द्वारा आयोजित 'आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर' कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह को ऑनलाइन संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा, 'आप सभी इस बात के साक्षी रहे हैं कि भारत की छवि को धूमिल करने के लिए किस तरह अलग-अलग प्रयास चलते रहते हैं. इसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बहुत कुछ चलता रहता है.'

मोदी ने कहा, 'इससे हम यह कहकर पल्ला नहीं झाड़ सकते कि ये सिर्फ राजनीति है. ये राजनीति नहीं है, ये हमारे देश का सवाल है. जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं तो ये भी हमारा दायित्व है कि दुनिया भारत को सही रूप में जाने.'

प्रधानमंत्री ने कहा कि ब्रह्म कुमारीज जैसी संस्थाएं इस काम को आगे बढ़ाने में योगदान कर सकती हैं. उन्होंने कहा, 'ऐसी संस्थाएं जिनकी अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति है, वे दूसरे देशों के लोगों तक भारत की सही बात को पहुंचाएं, भारत के बारे में जो अफवाहें फैलाई जा रही हैं, उनकी सच्चाई वहां के लोगों को बताएं, उन्हें जागरूक करें, ये भी हम सबका कर्तव्य है.'

मोदी ने कहा, 'हमारे और राष्ट्र के सपने अलग-अलग नहीं हैं. हमारी निजी व राष्ट्रीय सफलताएं अलग-अलग नहीं हैं. राष्ट्र की प्रगति में ही हमारी प्रगति है. हमसे ही राष्ट्र का अस्तित्व है और राष्ट्र से ही हमारा अस्तित्व है. यह बोध नए भारत के निर्माण में हम भारतवासियों की सबसे बड़ी ताकत बन रहा है.'

महिलाओं के बलिदान को किया याद: दुनिया जब अंधकार के गहरे दौर में थी, महिलाओं को लेकर पुरानी सोच में जकड़ी थी, तब भारत मातृशक्ति की पूजा, देवी के रूप में करता था. हमारे यहां गार्गी, मैत्रेयी, अनुसूया, अरुंधति और मदालसा जैसी विदुषियां समाज को ज्ञान देती थीं. कठिनाइयों से भरे मध्यकाल में भी इस देश में पन्नाधाय और मीराबाई जैसी महान नारियां हुईं. अमृत महोत्सव में देश जिस स्वाधीनता संग्राम के इतिहास को याद कर रहा है, उसमें भी कितनी ही महिलाओं ने अपने बलिदान दिए हैं. कित्तूर की रानी चेनम्मा, मतंगिनी हाजरा, रानी लक्ष्मीबाई, वीरांगना झलकारी बाई से लेकर सामाजिक क्षेत्र में अहल्याबाई होल्कर और सावित्रीबाई फुले तक, इन देवियों ने भारत की पहचान बनाए रखी.

पीएम मोदी ने कहा कि हमें अपनी संस्कृति, अपनी सभ्यता, अपने संस्कारों को जीवंत रखना है, अपनी आध्यात्मिकता को, अपनी विविधता को संरक्षित और संवर्धित करना है साथ ही टेक्नोलॉजी, इनफ्रास्ट्रक्चर, एजुकेशन, हेल्थ की व्यवस्थाओं को निरंतर आधुनिक भी बनाना है. अमृतकाल का ये समय सोते हुए सपने देखने का नहीं बल्कि जागृत होकर अपने संकल्प पूरे करने का है. आने वाले 25 साल परिश्रम की पराकाष्ठा, त्याग, तप-तपस्या के 25 वर्ष हैं. सैकड़ों वर्षों की गुलामी में हमारे समाज ने जो गंवाया है ये 25 वर्ष का कालखंड उसे दोबारा प्राप्त करने का है.

इससे पहले प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के अनुसार आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत 30 से अधिक अभियान और 15,000 से ज्यादा कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. इस कार्यक्रम में ब्रह्म कुमारियों द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव को समर्पित साल भर चलने वाली पहलों का अनावरण किया जाएगा. इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ब्रह्म कुमारियों की सात पहलों को हरी झंडी दिखाएंगे. इन पहलों में ‘मेरा भारत स्‍वस्‍थ भारत’ आत्‍मनिर्भर भारत: आत्मनिर्भर किसान, महिलाएं- भारत की ध्वजवाहक, शांति बस अभियान की शक्ति, अनदेखा भारत साइकिल रैली, यूनाइटेड इंडिया मोटर बाइक अभियान और स्वच्छ भारत अभियान के तहत हरित पहल शामिल हैं.

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मेरा भारत स्‍वस्‍थ भारत पहल में, मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में विविध आयोजन और कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनमें आध्यात्मिकता, कल्‍याण और पोषण पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा. इन कार्यक्रमों में चिकित्सा शिविरों, कैंसर जांच, डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों के लिए सम्मेलनों के आयोजन आदि शामिल हैं.

आत्मनिर्भर किसान
आत्मनिर्भर किसानों के तहत 75 किसान सशक्तिकरण अभियान, 75 किसान सम्मेलन, 75 सतत यौगिक कृषि प्रशिक्षण कार्यक्रम और किसानों के कल्याण के लिए ऐसी ही अनेक पहलों का आयोजन किया जाएगा.

स्वच्छ भारत अभियान
इसके तहत पहल में मासिक स्वच्छता अभियान, सामुदायिक सफाई कार्यक्रम और जागरूकता अभियान शामिल किए जाएंगे. इस कार्यक्रम के दौरान, ग्रैमी अवार्ड विजेता श्री रिकी केज द्वारा आजादी के अमृत महोत्‍सव को समर्पित एक गीत भी जारी किया जाएगा. ब्रह्म कुमारी एक विश्वव्यापी आध्यात्मिक आंदोलन है, जो व्यक्तिगत बदलाव और विश्व नवीकरण के लिए समर्पित है. ब्रह्म कुमारी की स्‍थापना वर्ष 1937 में हुई थी, जिसका 130 से अधिक देशों में विस्‍तार हो गया है. यह आयोजन ब्रह्मकुमारियों के संस्थापक पिता पिताश्री प्रजापिता ब्रह्मा की 53वीं अधिरोहण वर्षगांठ के अवसर पर हो रहा है.

Last Updated :Jan 20, 2022, 3:08 PM IST
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