जानिए, अजय मिश्रा के वकील से केंद्रीय गृह राज्यमंत्री बनने का सफर

author img

By

Published : Oct 9, 2021, 7:23 PM IST

Updated : Oct 9, 2021, 8:03 PM IST

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री

लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा मुख्य आरोपी बनाए गये हैं. जानिए अजय मिश्रा टेनी वकील से कैसे केंद्रीय गृह राज्यमंत्री बन गए?

हैदराबाद : लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri violence) की आग की गरमी पूरे देश में महसूस की जा रही है. एक चिंगारी भड़की और वह शोला बन गई. केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा इस केस में मुख्य आरोपी बनाए गए हैं. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अजय मिश्रा टेनी का इलाके में अच्छा दबदबा है. टेनी का वह बयान भी काफी वायरल हो रहा है जिसमें उन्होंने आंदोलनकारियों को सुधारने के लिए केवल दो मिनट का वक्त लगने की बात कही थी. अजय मिश्रा टेनी का अब तक का राजनीतिक सफर और इस विवाद की तह तक जाती पेश है यह खास रिपोर्ट...

अजय मिश्रा के वकील से केंद्रीय गृह राज्यमंत्री बनने तक की कहानी

'सुधर जाओ, नहीं तो...'
बता दें कि लखीमपुर में हिंसा से कुछ दिन पहले एक बैठक में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा ने एक जनसभा को संबोधित किया था. इस दौरान उन्होंने किसान आंदोलन के प्रति आक्रमक तेवर दिखाए थे. वायरल वीडियो में अजय मिश्रा कहते हैं, 'ऐसे लोगों को कहना चाहता हूं कि सुधर जाओ, नहीं तो सामना करो आकर, हम आपको सुधार देंगे. दो मिनट लगेगा केवल. मैं केवल मंत्री, सांसद या विधायक नहीं हूं, जो विधायक और सांसद बनने से पहले मेरे मेरे विषय में जानते होंगे, उनको यह भी मालूम होगा कि मैं किसी चुनौती से नहीं भागता. जिस दिन मैंने उस चुनौती को स्वीकार करके काम कर लिया, उस दिन पलिया नहीं, लखीमपुर तक छोड़ना पड़ जाएगा, यह याद रखना.'

इस वीडियो को ही लखीमपुर हिंसा का जड़ माना जा रहा है.

राजनीति में आने से पहले दंगल में आजमाते थे दांव
लखीमपुर में महाराज के नाम से मशहूर अजय मिश्रा धाकड़ पहलवानों की तरह कुश्ती में दांव आजमाते थे. अब भी समय-समय पर दंगल का आयोजन करवाते रहते हैं. दबंग छवि वाले नेता मिश्रा का जन्म लखीमपुर खीरी जिले के बनवीरपुर गांव में 25 सितंबर, 1960 में हुआ था. अजय मिश्रा ने छत्रपति साहू जी महाराज विश्वविद्यालय- कानपुर से बैचलर ऑफ साइंस और बैचलर ऑफ लॉ की डिग्री प्राप्त की है.

इसे भी पढ़ें- आशीष मिश्रा का पुलिस करती रही इंतजार, लेकिन हाजिर नहीं हुए गृह राज्य मंत्री के बेटे

संपन्न किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले अजय मिश्रा राजनीति में आने से पहले वकालत करते थे. वर्ष 2000 में तिकोनिया के रहने वाला प्रभात गुप्ता हत्याकांड में अजय मिश्रा पर आरोप लगे थे. हालांकि 2004 में वह इस मामले में बरी हो गए. इसके बाद राजनीति में भाजपा के सहारे एंट्री मारी और जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित हुए.

2012 में पहली बार बने विधायक
अजय मिश्रा ने 2012 के विधानसभा चुनाव में निघासन सीट पर भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीतकर विधानसभा पहुंचे. हालांकि तब प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार बनी. अजय मिश्रा लगभग दो साल तक विधायक रहे. इसी बीच 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने भरोसा जताते हुए अजय मिश्रा को लखीमपुर खीरी से अपना उम्मीदवार बनाया.

अजय मिश्रा इस भरोसे पर खरे उतरते हुए प्रतिद्वंदी बसपा के अरविंद गिरि को करीब एक लाख वोटों से पराजित किया. 2019 में भी भाजपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव में उतरे और दो लाख से अधिक वोटों से जीत हासिल की. 2019 से 2021 तक मिश्रा कई संसदीय समितियों के सदस्य रहे. इसी बीच यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में ब्राह्मण कार्ड खेलते हुए मोदी सरकार ने सात जुलाई को कैबिनेट विस्तार में अजय मिश्रा को जगह दी और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री बनाया.

अजय मिश्रा टेनी के साथ बेटे आशीष का भी बढ़ा कद
राजनीति में जैसे-जैसे अजय मिश्रा टेनी का कद बढ़ रहा था, वैसे-वैसे उनके बेटे आशीष मिश्रा की क्षेत्र में सक्रियता बढ़ गई. जब 2012 विधानसभा चुनाव में अजय मिश्रा को टिकट मिला तो आशीष ने ही चुनाव की कमान संभाली और सफलता दिलाई. इसी तरह अन्य चुनाव में सक्रियता दिखाते हुए आशीष ने अपने पिता को राजनीति के ऊंचे पायदान पर पहुंचाया. 2017 के विधानसभा चुनाव में आशीष मिश्रा ने भाजपा से टिकट मांगा, लेकिन नहीं मिला.

17 सालों से लंबित है अजय मिश्रा के खिलाफ सरकार की अपील
लखीमपुर खीरी के तिकुनिया थाना क्षेत्र में वर्ष 2000 में एक युवक प्रभात गुप्ता की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में अन्य अभियुक्तों के साथ-साथ अजय मिश्रा भी नामजद थे. मामले के विचारण के पश्चात लखीमपुर खीरी की एक सत्र अदालत ने अजय मिश्रा व अन्य को पर्याप्त साक्ष्यों के अभाव में वर्ष 2004 में बरी कर दिया था.

आदेश के खिलाफ वर्ष 2004 में ही राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में अपील दाखिल कर दी थी. केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के खिलाफ राज्य सरकार की ओर से दाखिल की गई अपील 17 वर्षों से हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में लंबित है. हाईकोर्ट की वेबसाइट के मुताबिक, यह मामला पिछली बार सुनवाई के लिए 25 फरवरी 2020 को सूचीबद्ध हुआ था. मामले में एक बार सुनवाई पूरी कर न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय व न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने 12 मार्च 2018 को फैसला सुरक्षित कर लिया था.

इसे भी पढ़ें-भूख हड़ताल पर बैठे सिद्धू, कहा- जब तक अजय मिश्रा के बेटे पर नहीं होती कार्रवाई रहूंगा मौन

हालांकि, 25 अक्टूबर 2018 को अग्रिम सुनवाई के लिए मामले को पुनः 15 नवम्बर 2018 को सूचीबद्ध करने का आदेश न्यायालय ने दिया. इसके पूर्व वर्ष 2012 मे इस मामले के शिकायतकर्ता ने अपने अधिवक्ता के द्वारा एक प्रार्थना पत्र दाखिल करते हुए, मामले की सुनवाई मे तेजी लाने की कोर्ट से मांग की थी.

Last Updated :Oct 9, 2021, 8:03 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.