नई दिल्ली : विदेश मंत्रालय ने भारत और चीन के बीच दो दिवसीय सैन्य वार्ता समाप्त होने के एक दिन बाद बुधवार को कहा कि दोनों देशों ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास लंबित मुद्दों के पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान के लिए विचारों का खुलकर एवं रचनात्मक आदान-प्रदान किया. उसने बताया कि दोनों पक्षों ने प्रासंगिक सैन्य एवं राजनयिक माध्यमों से संवाद एवं वार्ता की लय बनाए रखने पर सहमति जताई. वार्ता के दौरान कोई बड़ी सफलता मिलने का स्पष्ट संकेत नहीं मिला.
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The 20th round of India-China Corps Commander Level Meeting was held at Chushul-Moldo border meeting point on the Indian side on 9-10 October 2023. The two sides exchanged views in a frank, open and constructive manner for an early and mutually acceptable resolution of the…
— ANI (@ANI) October 11, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) October 11, 2023
दोनों देशों के बीच सैन्य वार्ता का इससे पहला दौर 13 और 14 अगस्त को हुआ था. कोर कमांडर स्तर की वार्ता का 20वां दौर एलएसी के पास भारतीय क्षेत्र में चुशुल-मोल्डो सीमा के पास आयोजित किया गया था. विदेश मंत्रालय ने कहा, 'दोनों पक्षों ने पश्चिमी सेक्टर में एलएसी के पास लंबित मुद्दों के शीघ्र एवं आपस में स्वीकार्य समाधान के लिए स्पष्ट, खुलकर और रचानात्मक तरीके से विचारों का आदान-प्रदान किया. यह वार्ता दोनों देशों के राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा मुहैया कराए गए निर्देशों के अनुसार की गई और इस दौरान 13-14 अगस्त को हुई कोर कमांडर स्तर की बैठक के पिछले दौर में हुई प्रगति को आगे बढ़ाया गया.'
बयान में कहा गया, 'वे प्रासंगिक सैन्य और राजनयिक तंत्र के माध्यम से संवाद और वार्ता की गति को बनाए रखने पर सहमत हुए.' विदेश मंत्रालय ने कहा, 'उन्होंने इस बीच सीमावर्ती क्षेत्रों में जमीन पर शांति बनाए रखने की प्रतिबद्धता भी जताई.' पूर्वी लद्दाख में कुछ बिंदुओं पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच तीन साल से अधिक समय से गतिरोध बना हुआ है, लेकिन दोनों पक्षों ने व्यापक राजनयिक और सैन्य वार्ता के बाद कई स्थानों से अपने सैनिकों को वापस बुला लिया है.
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