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फ्रीस्टाइल फुटबॉलर संदीप सिंह को सरकारी मदद की दरकार, करतब ऐसा की देखते रह जाएंगे

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Published : Nov 22, 2021, 8:25 PM IST

sandeep
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रांची के फ्रीस्टाइल फुटबॉलर संदीप सिंह को सरकारी मदद की दरकार है. उनके हुनर के लोग दीवाने हैं, लेकिन अब तक उन्हें सरकारी स्तर पर लाभ नहीं मिला है.

रांचीः देश में कई ऐसे हुनरमंद युवा हैं जो अपनी कला के बल पर ऊंचाई तक पहुंचने की काबिलियत रखते हैं. लेकिन हुनर रहने के बावजूद भी कई बार लोगों पर शासन और सरकार की नजर नहीं पड़ती. ऐसे ही एक हुनरमंद युवा हैं रांची के संदीप सिंह.

संदीप सिंह एक फ्रीस्टाइल फुटबॉलर हैं, उन्हें फ्रीस्टाइल फुटबॉलर इसीलिए कहते हैं, क्योंकि वह फुटबॉल को जादूगर की तरह नचाते हैं. इसीलिए उन्हें फुटबॉल का जादूगर भी कहा जाता है. संदीप को फुटबॉल से इस कदर लगाव हो गया है कि बगैर हाथ लगाए ही वो फुटबॉल को हवा में नचाते रहते हैं. उनके इस हुनर को देखकर हर कोई यही कहता है कि एक ना एक दिन संदीप अपने देश और राज्य का नाम रोशन जरूर रोशन करेगा.

फ्रीस्टाइल फुटबॉलर संदीप सिंह को सरकारी मदद की दरकार

लगभग 7 साल की प्रैक्टिस के बाद संदीप फुटबॉल को गजब तरीके से बैलेंस करते हैं और वह काफी देर तक फुटबॉल को जमीन पर नहीं गिरने देते. फुटबॉल को अपने इशारों पर इस कदर नचाते हैं कि मानो संदीप ने फुटबॉल को हिप्नोटाइज कर लिया हो.

अपने इसी टैलेंट के बदौलत संदीप ने कई अवार्ड्स भी हासिल किए हैं. उन्हें ग्रीन गैलेक्सी भारत की शान (Green Galaxy Pride of India) और रेड बुल स्ट्रेट स्टाइल वर्ल्ड चैंपियनशिप 2020 (Red Bull Straight Style World Championship 2020) में 200वां और नेशनल चैंपियनशिप 2020 (National Championship 2020) में चौथा स्थान प्राप्त हुआ है. हाल ही में मुंबई में होने वाले हुनरबाज प्रतियोगिता के मंच पर इन्हें अपना करतब दिखाने का मौका भी मिला.

संदीप सिंह पहले फुटबॉल के ही खिलाड़ी थे. लेकिन उन्होंने जब विदेशी फुटबॉल खिलाड़ियों को उंगली फुटबाल पर घुमाते देखा. तभी से उन्होंने ठान लिया कि उन्हें भी फुटबॉल को शरीर पर नचाने में माहिर होना है. बचपन में संदीप सिंह के पिता की मौत होने की वजह से वो शुरू से ही रांची में रहते हैं. वो मूल रूप से बिहार के सीवान जिला के रहने वाले हैं.

संदीप के करतब को देखने के बाद स्थानीय अभिजीत कुमार ने बताया कि इनके हुनर को अगर आम लोग भी अपनाए तो शारीरिक रूप से काफी लाभ होगा. लोग बताते हैं कि संदीप के हुनर को अगर आज के बच्चों को सिखाया जाए तो कई तरह के लाभ हैं. फ्रीस्टाइल फुटबॉल कम जगह में भी खेला जा सकता है. ऐसे में जो बच्चे आज जगह और मैदान के अभाव में मोबाइल पर अपना समय बिताने को मजबूर हैं. वैसे बच्चों को अगर संदीप के हुनर को सिखा दिया जाए तो बच्चे शारीरिक रूप से स्वस्थ और एकाग्रचित्त होंगे.

संदीप के हुनर को देखकर भाजपा सांसद दीपक प्रकाश (BJP MP Deepak Prakash) कहते हैं कि ऐसे कला के धनी लोगों के लिए जरूरी है कि राज्य सरकार सहायता करे. वो बताते हैं कि संदीप सिंह के हुनर को अगर करीब से देखा जाए तो इस हुनर का लाभ सभी को हो सकता है, बस स्पेशल ट्रेनिंग की जरूरत है. लोग अगर संदीप सिंह के हुनर को सीख लें तो घर में भी वह फिजिकल एक्सरसाइज कर सकते हैं. कांग्रेस के प्रवक्ता डॉ. तौसीफ कहते हैं कि संदीप सिंह के हुनर को लेकर वर्तमान सरकार निश्चित ही बेहतर विकल्प निकालेगी. ताकि ऐसे प्रतिभाशाली लोग राज्य और देश का नाम विश्व पटल पर लिख सके.

संदीप के परिजन रजनीश सिंह ने कहा कि झारखंड खिलाड़ियों की धरती है, यहां पर सभी खिलाड़ियों को सम्मान मिला है. इसीलिए उम्मीद करते हैं कि अगर सरकार चाहे तो संदीप सिंह को भी रोजगार मिल पाएगा. जैसे आईपीएल और बड़े-बड़े क्रिकेट मैचों में चीयर लीडर गर्ल नृत्यकर लोगों का मनोरंजन करती हैं. उसी प्रकार अगर खेल विभाग और शासन के लोग उनके करतब को बड़े-बड़े आयोजन के इंटरवल में दिखाएं या फिर स्कूल में बच्चे को ट्रेनिंग देने का काम करवाएं तो बच्चे भी शारीरिक रूप से स्वस्थ होंगे और कम जगह में ही उनका फिजिकल एक्सरसाइज हो जाएगा.

संदीप सिंह और उनके परिवार ने राज्य के खेल मंत्री और सरकार से ये अनुरोध किया कि उनके इस हुनर को दिशा दी जाए तो वो आने वाले समय में इसके कई लाभ लोगों को बताएंगे और उनके जैसे लोगों को रोजगार भी मिल पाएगा. संदीप सिंह और उनके परिजन का कहना है कि अगर उनके इस हुनर को सरकार मौका दे तो निश्चित रूप से उनका यह हुनर उनके और पूरे समाज के लिए काम आएगा. अगर सरकारी मदद नहीं मिलेगी तो फिर मजबूरी में उन्हें अपना हुनर को दबाना पड़ेगा.

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