कोरोना के नए स्वरूप 'ओमीक्रॉन' के डर से दुनिया भर के देशों ने लगाईं यात्रा पाबंदियां

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Published : Nov 27, 2021, 10:42 PM IST

Countries around the world imposed travel restrictions
दुनिया भर के देशों ने लगाईं यात्रा पाबंदियां ()

कोविड-19 महामारी फैलने के तकरीबन दो साल बाद दुनिया बीते दिनों सामने आए वायरस के नए स्वरूपों से जूझती नजर आ रही है. वायरस का यह 'ओमीक्रॉन' स्वरूप (Omicron form of corona virus) टीके के जरिये मुहैया कराई जा रही सुरक्षा को विफल करने की संभावना रखता है.

द हेग : विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) की एक समिति ने कोरोना वायरस के नये स्वरूप को ओमीक्रॉन नाम दिया है और इसे बेहद संक्रामक चिंताजनक स्वरूप (Highly contagious worrisome form) करार दिया है. इससे पहले इस श्रेणी में कोरोना वायरस का डेल्टा स्वरूप था जिससे यूरोप और अमेरिका के कई हिस्सों में लोगों ने बड़े पैमाने पर जान गंवाई.

कोरोना वायरस के नए स्वरूप (New forms of corona virus) के सामने आने के बाद से दुनिया के विभिन्न देश दक्षिण अफ्रीकी देशों से यात्रा पाबंदियां लगा रहे हैं ताकि नए स्वरूप के प्रसार पर रोक लगाई जा सके. विश्व स्वास्थ्य संगठन की सलाह पर ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, ईरान, जापान, थाईलैंड, अमेरिका, यूरोपीय संघ के देशों और ब्रिटेन सहित कई देशों ने दक्षिण अफ्रीकी देशों से यात्रा पर पाबंदियां लगाई हैं.

विमानों का परिचालन बंद होने के बावजूद इस तरह के साक्ष्य हैं कि यह स्वरूप फैलता जा रहा है. बेल्जियम, इजराइल और हांगकांग के यात्रियों में नए मामले सामने आए हैं. जर्मनी में भी संभवत: एक मामला सामने आया है. हॉलैंड के अधिकारी दक्षिण अफ्रीका से आने वाले दो विमानों में 61 यात्रियों के कोविड-19 से संक्रमित पाए जाने के बाद नए स्वरूप की जांच कर रहे हैं.

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (US President Joe Biden) ने नए स्वरूप के बारे में कहा कि ऐसा लगता है कि यह तेजी से फैलता है. नई यात्रा पाबंदियों की घोषणा करते हुए उन्होंने पत्रकारों से कहा कि मैंने फैसला किया है कि हम सतर्कता बरतेंगे.

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि ओमीक्रॉन के वास्तविक खतरों को अभी समझा नहीं गया है लेकिन शुरुआती सबूतों से पता चलता है कि अन्य अत्यधिक संक्रामक स्वरूपों के मुकाबले इससे फिर से संक्रमित होने का जोखिम अधिक है. इसका मतलब है कि जो लोग कोविड-19 से संक्रमित हो चुके हैं और उससे उबर गए हैं, वे फिर से संक्रमित हो सकते हैं.

हालांकि यह जानने में हफ्तों का वक्त लगेगा कि क्या मौजूदा टीके इसके खिलाफ कम प्रभावी हैं. व्हाइट हाउस ने कहा कि अमेरिका सोमवार से दक्षिण अफ्रीका और क्षेत्र में सात अन्य देशों से आने वाले लोगों पर प्रतिबंध लगाएगा. बाइडेन ने कहा कि इसका मतलब है कि देश लौट रहे अमेरिकी नागरिकों और स्थायी निवासियों के अलावा इन देशों से न कोई आएगा और न ही कोई वहां जाएगा.

डब्ल्यूएचओ समेत चिकित्सा विशेषज्ञों ने इस स्वरूप के बारे में विस्तारपूर्वक अध्ययन किए जाने से पहले जरूरत से ज्यादा प्रतिक्रिया देने के खिलाफ आगाह किया है. लेकिन इस वायरस से दुनियाभर में 50 लाख से अधिक लोगों की मौत के बाद लोग डरे हुए हैं.

ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद (UK Health Minister Sajid Javid) ने सांसदों से कहा कि हमें जल्द से जल्द हर संभव कदम उठाने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए. दक्षिणी अफ्रीका के साथ ही बेल्जियम, हांगकांग और इजराइल आने वाले यात्रियों में भी ओमीक्रॉन स्वरूप के मामले देखे गए हैं.

दक्षिण अफ्रीकी विशेषज्ञों ने कहा कि अभी ऐसे कोई संकेत नहीं है कि क्या इस स्वरूप से अधिक गंभीर रूप से बीमार पड़़ सकते हैं. अन्य स्वरूपों की तरह कुछ संक्रमित लोगों में कोई लक्षण नहीं देखे गए हैं. हालांकि, कुछ आनुवांशिक बदलाव चिंताजनक लगते हैं लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इससे जन स्वास्थ्य को कितना खतरा है.

पहले कुछ स्वरूपों जैसे कि बीटा स्वरूप ने शुरुआत में वैज्ञानिकों को चिंता में डाला था लेकिन यह इतना ज्यादा नहीं फैला था. नए स्वरूप ने दुनियाभर के शेयर बाजारों को तुरंत प्रभावित किया. एशिया, यूरोप और अमेरिका में प्रमुख सूचकांक गिर गये.

जर्मनी के स्वास्थ्य मंत्री जेन्स स्पैन (German Health Minister Jens Spahn) ने कहा कि यह नया स्वरूप कई समस्याएं पैदा करेगा. 27 देशों वाले यूरोपीय संघ के सदस्य हाल में संक्रमण के मामलों में वृद्धि का सामना कर रहे हैं. ब्रिटेन, यूरोपीय संघ के देशों और कुछ अन्य देशों ने नई यात्रा पाबंदियां लगाईं और इनमें से कुछ देशों ने नए स्वरूप का पता चलने के कुछ घंटों के भीतर पाबंदियां लगा दी.

यह पूछे जाने पर कि अमेरिका ने सोमवार तक का इंतजार क्यों किया, इस पर बाइडेन ने कहा कि केवल इसलिए कि मेरे चिकित्सा दल ने यही सिफारिश की है. यूरोपीय संघ आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि उड़ानों को तब तक स्थगित किया जाना चाहिए जब तक कि हमें इस नए स्वरूप से उत्पन्न खतरे के बारे में स्पष्ट समझ न हो और इस क्षेत्र से लौटने वाले यात्रियों को सख्त पृथक-वास नियमों का पालन करना चाहिए.

उन्होंने आगाह किया कि उत्परिवर्तन से संक्रमण कुछ ही महीनों में दुनियाभर में फैल सकता है. बेल्जियम के स्वास्थ्य मंत्री फ्रैंक वैंडेनब्रुक (Belgian Health Minister Frank Vandenbrücke) ने कहा कि यह एक संदिग्ध स्वरूप है. हम नहीं जानते कि क्या यह बहुत खतरनाक स्वरूप है. अमेरिकी सरकार के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. एंथनी फाउची (Dr. Anthony Fauci) ने कहा कि ओमीक्रॉन का अभी अमेरिका में कोई मामला नहीं आया है.

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उन्होंने कहा कि हालांकि हो सकता है कि यह अन्य स्वरूप के मुकाबले अधिक संक्रामक हो और इस पर टीके का उतना असर न हो लेकिन हमें अभी निश्चित रूप से कुछ नहीं पता है. बाइडेन ने कहा कि नया स्वरूप गंभीर चिंता का विषय है और यह स्पष्ट होना चाहिए कि जब तक दुनियाभर में टीकाकरण नहीं हो जाता तब तक महामारी खत्म नहीं होगी.

दुनिया के सबसे अधिक टीकाकरण करने वाले देशों में से एक इजराइल ने एलान किया कि उसके यहां मलावी से लौटे एक यात्री में कोरोना वायरस के नए स्वरूप का पहला मामला आया है. यात्री और दो अन्य संदिग्ध लोगों को पृथक-वास में रखा गया है. इजराइल ने बताया कि तीनों ने टीके की खुराक ले रखी है लेकिन अधिकारी उनके टीकाकरण की वास्तविक स्थिति का पता लगा रहे हैं.

रात भर 10 घंटे की उड़ान के बाद दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन से एम्सटर्डम की केएलएम फ्लाइट 598 में सवार यात्रियों को सुबह विशेष जांच के लिए चार घंटों तक शिफॉल हवाई अड्डे के रनवे पर रोक कर रखा गया. ब्रिटेन ने दक्षिण अफ्रीका और पांच अन्य दक्षिणी अफ्रीकी देशों से उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया और घोषणा की कि जो कोई भी हाल में उन देशों से आया था, उसे कोरोना वायरस जांच कराने के लिए कहा जाएगा.

ब्रिटेन ने दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना, लेसोथो, इस्वातिनी, जिम्बाब्वे और नामीबिया से आने वाले लोगों पर प्रतिबंध लागू कर दिया है. हालांकि सरकार ने दोहराया कि देश में अब तक वायरस के नए स्वरूप के किसी भी मामले का पता नहीं चला है. जर्मनी, फ्रांस, इटली, नीदरलैंड, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, माल्टा और चेक गणराज्य, यूरोप के उन देशों में शामिल है जिन्होंने यात्रा पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं और पहले से ही कोविड-19 मामलों के चिंताजनक वृद्धि के बीच लॉकडाउन लगाया है.

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एस्ट्राजेनेका, मॉडर्ना, नोवावैक्स और फाइजर सहित कई दवा कंपनियों ने कहा कि ओमीक्रॉन के सामने आने के बाद उनके पास ऐसी योजनाएं हैं कि टीके नए स्वरूप के अनुकूल होंगे. ऑक्सफोर्ड टीका समूह के निदेशक प्रोफेसर एंड्रयू पोलार्ड (Professor Andrew Pollard, Director of the Oxford Vaccine Group) ने उम्मीद जताई कि ओमीक्रॉन से होने वाली गंभीर बीमारियों को रोकने में वर्तमान टीके प्रभावी हो सकते हैं. ऑक्सफोर्ड टीका समूह ने ही एस्ट्राजेनेका टीका का विकास किया है.

उन्होंने कहा कि अधिकतर उत्परिवर्तन उन्हीं क्षेत्रों में हुए हैं जहां दूसरे स्वरूप हुए थे. अफ्रीका में छह फीसदी से भी कम लोगों को कोविड-19 का पूर्ण टीकाकरण हुआ है और लाखों स्वास्थ्यकर्मी तथा बड़ी आबादी को अभी तक टीके की एक भी खुराक नहीं दी गई है.

(पीटीआई-भाषा)

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