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आईसीएमआर ने कोरोना से जुड़े तथ्य छिपाए, आपराधिक जांच होनी चाहिए : कांग्रेस

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Published : Sep 16, 2021, 7:40 PM IST

Updated : Sep 16, 2021, 7:53 PM IST

कांग्रेस पार्टी ने आईसीएमआर द्वारा कथित राजनीतिक हस्तक्षेप और डेटा की हेराफेरी के मामले में आपराधिक जांच की मांग की. पढ़ें पूरी खबर...

माकन
माकन

नई दिल्ली : कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) पर उनके राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए कोरोना महामारी से जुड़े तथ्यों को छिपाने का आरोप लगाया और मांग की कि इस मामले में आपराधिक जांच होनी चाहिए.

पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता अजय माकन ने यह भी कहा कि इस जांच के दायरे में आईसीएमआर के शीर्ष पदाधिकारियों के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को भी लाया जाना चाहिए.

अजय माकन का बयान

उन्होंने एक अंतरराष्ट्रीय पत्रिका 'इकोनॉमिस्ट' की रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया कि इस पत्रिका के आकलन के अनुसार, भारत में कोरोना के कारण होने वाली मौतों का आंकड़ा 43 लाख से 68 लाख के बीच हो सकता है.

माकन ने यह दावा किया, 'आईसीएमआर के कुछ प्रमुख वैज्ञानिकों को हटना पड़ा क्योंकि सरकार की ओर से दबाव बनाया जा रहा था. इन लोगों ने जो बातें सामने रखी हैं वो बहुत गंभीर हैं. उनका कहना है कि राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए बातें छिपाई गईं जिस कारण कोरोना की दूसरी लहर से पहले सावधानी नहीं बरती गई और तैयारी भी नहीं हुई.'

उनके मुताबिक, 'इन वैज्ञानिकों ने कहा है कि लॉकडाउन के मामूली असर से जुड़े अध्ययन को दबाव बनाकर वापस करवाया गया. आईसीएमआर पर दबाव बनाकर कहलवाया गया कि भारत में कोविड तेजी से नहीं फैल रहा है. आईसीएमआर के अध्ययन में यह स्पष्ट हो गया था कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन और ब्लड प्लाज्मा से कोई फायदा नहीं है, लेकिन इस तथ्य को भी छिपाया गया है. इस तरह के तथ्यों को छिपाने का जनता को नुकसान हुआ.'

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कांग्रेस महासचिव ने आरोप लगाया, 'आईसीएमआर अपने काम में विफल रहा. यदि उचित समय पर सही कदम उठाया गया होता तो लाखों लोगों की जान नहीं जाती. प्रधानमंत्री ने इस साल की शुरुआत में कहा कि कोरोना के खिलाफ जंग जीत ली गई. उस समय के स्वास्थ्य मंत्री (हर्षवर्धन) ने भी कहा कि कोरोना को हरा दिया गया. इस कारण लोगों ने लापरवाही बरती.'

माकन ने कहा, 'इन वैज्ञानिकों ने जो कहा है कि उससे लगता है कि इसमें आईसीएमआर की आपराधिक संलिप्तता है. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उस समय के स्वास्थ्य मंत्री की भी संलिप्तता है. आईसीएमआर के प्रमुख लोगों, प्रधानमंत्री और उस वक्त के स्वास्थ्य मंत्री के विरूद्ध आपराधिक जांच होनी चाहिए.'

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated :Sep 16, 2021, 7:53 PM IST
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