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CBSE Results: जानें, सीबीएसई बोर्ड ने किस मार्क‍िंग स्कीम से दिए टर्म 1, टर्म 2 के नंबर

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Published : Jul 23, 2022, 7:06 AM IST

सीबीएसई ने कोविड -19 महामारी के कारण सत्र 2021-22 के लिए एक विशेष तरीके से परीक्षा आयोजित की थी. जिसमें परीक्षा को दो हिस्सों में बांटा गया था. टर्म -1 और टर्म -2 के तहत दो बार परीक्षा ली गई थी. टर्म 1 थ्योरी के लिए वेटेज क्रमश: 30 प्रतिशत और टर्म 2 थ्योरी के लिए 70 प्रत‍िशत तय किया गया था.

CBSE Results
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नई दिल्ली : सीबीएसई ने कोविड -19 महामारी के कारण सत्र 2021-22 के लिए एक विशेष तरीके से परीक्षा आयोजित की थी. जिसमें परीक्षा को दो हिस्सों में बांटा गया था. टर्म -1 और टर्म -2 के तहत दो बार परीक्षा ली गई थी. टर्म 1 थ्योरी के लिए वेटेज क्रमश: 30 प्रतिशत और टर्म 2 थ्योरी के लिए 70 प्रत‍िशत तय किया गया था. प्रैक्ट‍िकल में टर्म 1 टर्म 2 दोनों के बराबर वेटेज थे. यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि सत्र 2021-22 के लिए परीक्षा प्रणाली को सीबीएसई द्वारा विभाजित किया गया था. उन्हें कोविड से संबंधित स्थिति को ध्यान में रखते हुए दो हिस्सों में आयोजित किया गया था. छात्रों को दोनों हिस्सों में 90 मिनट की परीक्षा में शामिल होना था. कक्षा 12वीं के लिए वस्तुनिष्ठ प्रकार के प्रश्नों के साथ पहली बार परीक्षा 16 नवंबर से 30 दिसंबर के बीच आयोजित की गई थी.

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कक्षा 10 वीं के लिए 17 नवंबर से 11 दिसंबर के बीच देश भर में 13350 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की गई थी. यह परीक्षा भारत के अलावा 26 अन्य देशों में भी आयोजित की गई थी. कक्षा 12 के लिए टर्म-2 की परीक्षा 26 अप्रैल से 15 जून तक और 10वीं की परीक्षा 26 अप्रैल से 24 मई तक 7405 केंद्रों पर आयोजित की गई थी. सत्र 2021-22 के पाठ्यक्रम को भी युक्तिसंगत बनाया गया था. शुक्रवार को आये परिणाम के मुताबिक, 10वीं कक्षा में 94.4 प्रतिशत विद्यार्थी, जबकि 12वीं कक्षा में 92.71 प्रतिशत विद्यार्थी उत्तीर्ण रहे. इस साल सीबीएसई की कक्षा 12 वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले कुल विद्यार्थियों की संख्या में कोरोना काल से पहले के शैक्षणिक सत्रों के मुकाबले नौ फीसदी से अधिक का इजाफा दर्ज किया गया है. वहीं, 90 प्रतिशत और 95 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल करने वाले विद्यार्थियों की संख्या में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिली है.

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सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने कहा कि कोविड-19, कक्षाओं का संचालन न हो पाना, दो चरणों में परीक्षाएं आयोजित करना, वस्तुनिष्ठ प्रश्नों पर आधारित परीक्षा लेना, ओएमआर पर उत्तर देना, स्कूलों द्वारा मूल्यांकन आदि ने इस सत्र को विशेष बना दिया. ऐसे में इसकी तुलना पिछले किसी भी सत्र से नहीं की जा सकती है. वहीं, सीबीएसई छात्रों के बीच कि अहितकर प्रतिस्पर्धा से बचने के लिए 10वीं और 12वीं कक्षाओं की परीक्षाओं के लिए मेधा सूची घोषित नहीं करेगा. सीबीएसई ने 2020 और 2021 में मेधा सूची की घोषणा नहीं की थी, क्योंकि कोविड-19 महामारी के कारण परीक्षा आयोजित नहीं कर पाने से नतीजे वैकल्पिक मूल्यांकन योजना के आधार पर घोषित किए गए थे.

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भारद्वाज ने कहा कि बोर्ड के पूर्व के फैसले के अनुसार छात्रों के बीच अहितकर प्रतिस्पर्धा से बचने के लिए कोई मेधा सूची घोषित नहीं की जाएगी. बोर्ड अपने छात्रों को प्रथम, द्वितीय और तृतीय श्रेणी भी नहीं दे रहा है. उन्होंने कहा कि बोर्ड उन 0.1 प्रतिशत छात्रों को मेरिट सर्टिफिकेट जारी करेगा, जिन्होंने विषयों में सबसे ज्यादा अंक हासिल किए हैं. इस साल 12वीं कक्षा में 92.71 प्रतिशत विद्यार्थी उत्तीर्ण रहे. कुल 33,432 छात्रों ने 95 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल किए है जबकि 1,34,797 छात्रों ने 90 फीसदी अंक हासिल किए. साथ ही कुल 67,000 छात्रों को पूरक आया है.

भारद्वाज ने कहा कि दुनियाभर में कोविड महामारी का प्रभाव कम होने के मद्देनजर, बोर्ड ने 2023 की परीक्षा 15 फरवरी, 2023 से आयोजित करने का निर्णय लिया है. उन्होंने इससे पूर्व कहा था कि सीबीएसई ने साल में एक बार बोर्ड परीक्षा आयोजित करने की पारंपरिक व्यवस्था को फिर से अपनाने का फैसला किया है. वर्ष 2022 में, कोविड-19 को देखते हुए इन परीक्षाओं को दो टर्म में आयोजित किया गया था.

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