पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने आरजेडी सांसद मनोज झा का समर्थन किया है. 'ठाकुर' विवाद पर पटना में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि न तो ठाकुर कोई जाति है और न ही सिर्फ राजपूत समाज के लोग यह टाइटल लगाते हैं. कर्पूरी ठाकुर इसका उदाहरण है. डिप्टी सीएम ने कहा कि मनोज झा कॉलेज में प्रोफेसर के साथ-साथ सर्वश्रेष्ठ सांसद भी चुने जा चुके हैं. वह कभी हल्की बातें नहीं करते हैं. महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान उन्होंने केवल कवि ओमप्रकाश वाल्मीकि की कविता को दोहराया था. जिस पर अब बेवजह विवाद पैदा किया जा रहा है.
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चेतन आंनद पर भड़के तेजस्वी यादव: डॉ. मनोज झा को लेकर ट्वीट करने वाले अपने विधायक चेतन आनंद पर तेजस्वी यादव ने तल्खी दिखाई है. उन्होंने कहा कि अगर किसी को किसी बात को लेकर आपत्ति है तो पहले पार्टी फोरम में रखना चाहिए न कि ट्वीट करना चाहिए. क्या चेतन आनंद के खिलाफ कार्रवाई को लेकर पूछे गए सवाल पर डिप्टी सीएम ने कहा कि पार्टी फोरम में इस पर चर्चा जरूर होगी.
"अगर किसी को किसी बात को लेकर आपत्ति है तो पहले पार्टी फोरम में रखना चाहिए न कि ट्वीट करना चाहिए. जहां तक मनोज झा की बात है तो वह प्रोफेसर के साथ-साथ सर्वश्रेष्ठ सांसद चुने गए हैं. पिछड़े और अति पिछड़े समाज की महिलाओं को आरक्षण का लाभ कैसे मिले, उसी को लेकर उन्होंने ओमप्रकाश वाल्मीकि की कविता को पढ़ा. ठाकुर तो कर्पूरी ठाकुर भी लिखते थे. बीजेपी से भी अधिक राजपूत विधायक आरजेडी में हैं. सब समझते हैं कि राजनीति लाभ लेने के लिए लोग ऐसी बातें कर रहे हैं"- तेजस्वी यादव, उपमुख्यमंत्री, बिहार
आरजेडी के पास सबसे अधिक राजपूत एमएलए: तेजस्वी यादव ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल ए टू जेड की पार्टी है. जितने राजपूत एमएलए हमारे पास हैं, उतने बीजेपी के पास भी नहीं हैं. हमलोग तो वीपी सिंह, अर्जुन सिंह और रघुवंश प्रसाद सिंह को मानने वाले हैं. वीपी सिंह ने मंडल कमीशन को लागू किया. अर्जुन सिंह ने शिक्षा में 27 प्रतिशत आरक्षण दिया. रघुवंश बाबू ने मनरेगा और ग्रामीण सड़कें दी. इन तीनों से बड़ा कोई आज उस समाज में है क्या.
जीभ काटने की धमकी दुखद: बिहार के उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कितना दुखद है कि एक सांसद की जीभ काटने और गला काटने की धमकी दी जा रही है. अगर कोई मेरी पार्टी से भी कोई नेता किसी के लिए ऐसी बातें कहता तो वह उसकी आलोचना करते. जो कुछ इन दिनों राजनीतिक लाभ लेने के किया जा रहा है, वह न केवल दुखद है बल्कि बेहद चिंताजनक भी है.
चेतन आनंद ने क्या कहा था?: मनोज झा के कविता पाठ पर शिवहर से आरजेडी विधायक चेतन आनंद ने अपने एक्स (ट्विटर) अकांउट पर पोस्ट कर लिखा था, "हम 'ठाकुर' हैं. सबको साथ लेकर चलते हैं. समाजवाद में किसी एक जाति को टार्गेट करना समाजवाद के नाम पर दोगलापन के अलावा कुछ नही. जब हम दूसरों के बारे में गलत नही सुन सकते तो अपने (ठाकुरों) पर अभद्र टिप्पणी बिल्कुल नही बर्दाश्त करेंगे. माननीय सांसद मनोज झा के विचारों का पुरजोर विरोध." वहीं आनंद मोहन ने कहा था कि अगर वह उस वक्त संसद में होते तो मनोज झा की जीभ खींचकर आसन की तरफ उछाल देते.
किस कविता पर मचा है बवाल?: दरअसल राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान 21 सितंबर को आरजेडी सांसद मनोज झा ने मशहूर साहित्यकार ओमप्रकाश वाल्मीकि की कविता 'ठाकुर का कुआं' पढ़ी थी, जिसके आखिर में उन्होंने कहा था कि हम सब के अंदर एक ठाकुर है, जिसे मार देना चाहिए. इसी को लेकर चेतन आनंद और आनंद मोहन समेत कई राजपूत नेता विरोध कर रहे हैं. आपको बताएं कि राजपूत समाज के नेता 'ठाकुर' को अपने से जोड़कर विरोध कर रहे हैं. हालांकि इस मामले में आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव भी मनोज झा के समर्थन में बयान दे चुके हैं.
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