ETV Bharat / bharat

झारखंड के पिठोरिया में मिले पैंगोलिन, ग्रामीणों ने वन विभाग को सौंपा

author img

By

Published : Sep 5, 2020, 10:37 PM IST

Updated : Sep 6, 2020, 7:31 AM IST

पैंगोलिन
पैंगोलिन

रांची के पिठोरिया में शुक्रवार रात पैंगोलिन देखा गया. गांव वाले उसे विचित्र जीव समझकर घर ले आए. हालांकि वन विभाग की टीम को जानकारी होने के बाद ग्रामीणों ने पैंगोलिन को सौंप दिया.

रांची : देशभर में सबसे ज्यादा तस्करी किए जाने वाले वन्यजीव पैंगोलिन को राजधानी रांची के पिठोरिया थाना क्षेत्र के जीतू गांव में बीती रात देखा गया. ग्रामीण पैंगोलिन को विचित्र जंतु समझकर गांव ले आए. इसकी सूचना पूरे गांव के लोगों तक पहुंच गई. इसके बाद वन्यजीव संरक्षणवादी रमेश कुमार महतो को इसकी सूचना मिली जिसके बाद उन्होंने वन विभाग की टीम को यह बात बताई.

वन विभाग की टीम गांव पहुंची लेकिन, गांव के लोगों को भरोसा नहीं हुआ कि यह लोग वन विभाग के कर्मचारी हैं. ग्रामीणों का डर था कि फर्जी वन विभाग की टीम गांव पहुंची है क्योंकि पैंगोलिन का सबसे ज्यादा तस्करी भी किया जाता है. इस डर से ग्रामीणों ने पैंगोलिन सुबह देने की बात कही. सुबह होते ही गांव के लोगों ने पैंगोलिन को वन विभाग को सौंप दिया.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

पहले कभी नहीं देखा

स्थानीय ग्रामीण ने बताया कि सड़क से आ रहे थे उसी दौरान अजीब सा जीव दिखा. उसके बाद उसे उठाकर घर लेकर आए. यह बात पूरे गांव में आग की तरह फैल गई. लोगों की भीड़ इसे देखने के लिए जमा हो गई. पैंगोलिन को रात भर घर में रखा गया, उसके बाद सुबह होते ही वन विभाग को सौंप दिया गया. वहीं स्थानीय युवती ने बताया कि इस तरह का जीव पहले उन लोगों ने कभी नहीं देखा था.

सबसे अधिक तस्करी

वहीं वन्यजीव संरक्षणवादी रमेश कुमार महतो ने कहा कि इस जीव का पैंगोलिन नाम है और इसे वज्रकिट के नाम से भी जाना जाता है. यह काफी शांत स्वभाव का वन्य जीव है और उसका सबसे ज्यादा मूवमेंट रात को होता है. उन्होंने कहा कि इस जीव की सबसे ज्यादा तस्करी की जाती है. इसी के कारण यह प्रजाति धीरे-धीरे विलुप्त होने के कगार पर है. हालांकि झारखंड के कई इलाकों में अभी भी यह पाया जाता है. वहीं वन विभाग के फॉरेस्टर चंद्रशेखर आजाद ने बताया कि स्थानीय लोग इसे वज्रकिट कहते हैं, इसका वास्तविक नाम पैंगोलिन है. यह जीव ज्यादातर अफ्रीका और एशिया के कुछ हिस्सों में पाया जाता है. यह एक स्तनधारी जानवर है और कहा जाता है कि इस जीव का सबसे अधिक तस्करी की जाती है.

और पढ़ें- भारतीयों के लिए PUBG का विकल्प है मेड इन इंडिया FAU-G

जानकारी के अनुसार पैंगोलिन के कई क्षेत्र में विलुप्त होने के कारण इस प्रजाति की सबसे ज्यादा तस्करी की जाती है. इसकी खाल केरोटिन की बनी होती है और इसकी लंबाई करीब 4 फिट तक होती है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत 50 लाख रुपए से एक करोड़ रुपये तक होती है. यह स्तनधारी और सांप छिपकली जैसे जानवरों के बीच की कड़ी है. यह एशिया और अफ्रीका के कई देशों में पाए जाते हैं. इसकी खाल के ऊपर बलेड नुमा प्लेट की एक परत होती है. यह इतनी मजबूत होती है कि इस पर शेर जैसे जानवरों के दांतों का भी असर नहीं होता है.

Last Updated :Sep 6, 2020, 7:31 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.