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सुशासन बाबू के 'जनता दरबार' पहुंचे अयांश के माता-पिता, 16 करोड़ का एक इंजेक्‍शन बचा सकता है जान

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार (Janta Darbar) में अयांश (Ayansh) के माता पिता अपने बच्चे के साथ मदद की गुहार लगाने के लिए पहुंचे हैं. दुर्लभ बीमारी से जूझ रहे अयांश के पिता का कहना है कि सरकार को दुर्लभ बीमारी के इलाज के लिए विशेष प्रावधान करना चाहिए.

सुशासन बाबू के 'जनता दरबार' पहुंचे अयांश के माता-पिता
सुशासन बाबू के 'जनता दरबार' पहुंचे अयांश के माता-पिता
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Published : Aug 16, 2021, 2:09 PM IST

पटना: दुर्लभ बीमारी (Rare Disease) से जूझ रहे पटना के अयांश (Ayansh) को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने पहले ही कह दिया है कि सरकारी खजाने से बच्चे की मदद करना संभव नहीं है. फिर भी अयांश के माता पिता अपने बच्चे की जिंदगी बचाने के लिए सीएम से मदद मांगने के लिए जनता दरबार (Janta Darbar) पहुंचे हैं.

यह भी पढ़ें- अयांश को लेकर बोले CM नीतीश- सरकारी खजाने से मदद देना संभव नहीं

सोमवार को जनता के दरबार में मुख्यमंत्री का कार्यक्रम चल रहा है. जनता दरबार के बाहर दुर्लभ बीमारी से पीड़ित अयांश के माता-पिता इलाज के लिए गुहार लगाने पहुंचे हैं. अयांश के इलाज के लिए 16 करोड़ रुपये की जरूरत है और अब तक छह करोड़ से कुछ अधिक राशि ही जमा हो पाई है. अयांश की मां नेहा सिंह और पिता आलोक सिंह का कहना है कि सरकार को दुर्लभ बीमारी के इलाज के लिए विशेष प्रावधान करना चाहिए.

सुशासन बाबू के 'जनता दरबार' पहुंचे अयांश के माता-पिता

यह दुर्लभ बीमारी है. बहुत कम बच्चों में यह बीमारी होती है. मैं माननीय मुख्यमंत्री से हाथ जोड़कर विनती करती हूं कि अगर प्रावधान नहीं है तो ऐसे बच्चों के इलाज के लिए प्रावधान बनाइये. डॉक्टर ने कहा है कि 2 महीने के अंदर इसे इंजेक्शन लगवा लें.- नेहा सिंह, अयांश की मां

अयांश दुर्लभ बीमारी से पीड़ित है और उसके इलाज के लिए डॉक्टरों ने 16 करोड़ का टीका लगाने की जरूरत बताई है, तभी उसकी जान बच सकती है. अयांश को बचाने के लिए कई स्तर पर अभियान भी चल रहा है. आज अयांश की मां नेहा सिंह और पिता आलोक सिंह मुख्यमंत्री से गुहार लगाने जनता दरबार पहुंचे हैं. जुलाई में ही रजिस्ट्रेशन हो चुका है लेकिन अब तक मुख्यमंत्री से मिलने का बुलावा नहीं आया है.

हम अपनी फरियाद लेकर आए हैं कि रेयरेस्ट ऑफ रेयर यह बीमारी है इसलिए सरकार प्रावधान बनाए. हम पहले भी सीएम से मिलने की कोशिश कर चुके हैं. एक महीने पहले भी हमने रजिस्ट्रेशन किया था लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई . हमारा आवेदन पेंडिंग शो कर रहा है. मुख्यमंत्री आवास में हम 15 दिन से फोन कर रहे हैं. रोज आश्वासन दिया जाता है कि सीएम से मिलवा देंगें. हम रोज इंतजार करते हैं लेकिन आज तक कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला.- आलोक सिंह, अयांश के पिता

पिछले कई दिनों से अयांश के माता-पिता मुख्यमंत्री से मिलने के लिए प्रयास कर रहे हैं. अब ये दोनों अपने बच्चे अयांश के साथ जनता दरबार के बाहर गुहार लगाने पहुंचे हैं. माता पिता को उम्मीद है कि सूबे की मुखिया उनके बच्चे को बचाने के लिए कुछ करेंगे तो उनका लाल बच सकता है. अब देखना होगा कि सीएम इस परिवार की गुहार सुनते हैं या नहीं.

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज एक बार फिर जनता दरबार (Janta Darbar) में लोगों की शिकायत सुन रहे हैं. मुख्यमंत्री आज ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य विभाग, पंचायती राज, ऊर्जा विभाग, पथ निर्माण विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग की शिकायतें सुन रहे हैं

बता दें कि इस बीमारी के लक्षण के साथ जन्म लेने वाले बच्चे अधिक से अधिक 2 साल तक जिंदा रह पाते हैं. फिर भी इसका अगर ठीक ढंग से ट्रीटमेंट हो जाए, तो बच्चे को नया जीवन मिल सकता है. राजधानी पटना के रूपसपुर (Rupaspur) इलाके में रहने वाले आलोक सिंह और नेहा सिंह के 10 महीने के बेटे अयांश को दुर्लभ बीमारी स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी है. इसके इलाज के लिए जिस इंजेक्शन की जरूरत होती है उसकी कीमत 16 करोड़ रुपए (Injection worth rupees 16 crores) है. इस बीमारी में बच्चे के शरीर के अंग धीरे-धीरे काम करना बंद कर देते हैं.

यह भी पढ़ें- अयांश की मदद के लिए बगहा के युवाओं ने जुटाए 52000 रु, 16 करोड़ के इंजेक्शन से ही बचेगी जान

यह भी पढ़ें- ईटीवी भारत की मुहिम के साथ आई RJD, 10 महीने के अयांश को बचाने के लिए जुटा रही फंड

पटना: दुर्लभ बीमारी (Rare Disease) से जूझ रहे पटना के अयांश (Ayansh) को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने पहले ही कह दिया है कि सरकारी खजाने से बच्चे की मदद करना संभव नहीं है. फिर भी अयांश के माता पिता अपने बच्चे की जिंदगी बचाने के लिए सीएम से मदद मांगने के लिए जनता दरबार (Janta Darbar) पहुंचे हैं.

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सोमवार को जनता के दरबार में मुख्यमंत्री का कार्यक्रम चल रहा है. जनता दरबार के बाहर दुर्लभ बीमारी से पीड़ित अयांश के माता-पिता इलाज के लिए गुहार लगाने पहुंचे हैं. अयांश के इलाज के लिए 16 करोड़ रुपये की जरूरत है और अब तक छह करोड़ से कुछ अधिक राशि ही जमा हो पाई है. अयांश की मां नेहा सिंह और पिता आलोक सिंह का कहना है कि सरकार को दुर्लभ बीमारी के इलाज के लिए विशेष प्रावधान करना चाहिए.

सुशासन बाबू के 'जनता दरबार' पहुंचे अयांश के माता-पिता

यह दुर्लभ बीमारी है. बहुत कम बच्चों में यह बीमारी होती है. मैं माननीय मुख्यमंत्री से हाथ जोड़कर विनती करती हूं कि अगर प्रावधान नहीं है तो ऐसे बच्चों के इलाज के लिए प्रावधान बनाइये. डॉक्टर ने कहा है कि 2 महीने के अंदर इसे इंजेक्शन लगवा लें.- नेहा सिंह, अयांश की मां

अयांश दुर्लभ बीमारी से पीड़ित है और उसके इलाज के लिए डॉक्टरों ने 16 करोड़ का टीका लगाने की जरूरत बताई है, तभी उसकी जान बच सकती है. अयांश को बचाने के लिए कई स्तर पर अभियान भी चल रहा है. आज अयांश की मां नेहा सिंह और पिता आलोक सिंह मुख्यमंत्री से गुहार लगाने जनता दरबार पहुंचे हैं. जुलाई में ही रजिस्ट्रेशन हो चुका है लेकिन अब तक मुख्यमंत्री से मिलने का बुलावा नहीं आया है.

हम अपनी फरियाद लेकर आए हैं कि रेयरेस्ट ऑफ रेयर यह बीमारी है इसलिए सरकार प्रावधान बनाए. हम पहले भी सीएम से मिलने की कोशिश कर चुके हैं. एक महीने पहले भी हमने रजिस्ट्रेशन किया था लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई . हमारा आवेदन पेंडिंग शो कर रहा है. मुख्यमंत्री आवास में हम 15 दिन से फोन कर रहे हैं. रोज आश्वासन दिया जाता है कि सीएम से मिलवा देंगें. हम रोज इंतजार करते हैं लेकिन आज तक कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला.- आलोक सिंह, अयांश के पिता

पिछले कई दिनों से अयांश के माता-पिता मुख्यमंत्री से मिलने के लिए प्रयास कर रहे हैं. अब ये दोनों अपने बच्चे अयांश के साथ जनता दरबार के बाहर गुहार लगाने पहुंचे हैं. माता पिता को उम्मीद है कि सूबे की मुखिया उनके बच्चे को बचाने के लिए कुछ करेंगे तो उनका लाल बच सकता है. अब देखना होगा कि सीएम इस परिवार की गुहार सुनते हैं या नहीं.

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज एक बार फिर जनता दरबार (Janta Darbar) में लोगों की शिकायत सुन रहे हैं. मुख्यमंत्री आज ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य विभाग, पंचायती राज, ऊर्जा विभाग, पथ निर्माण विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग की शिकायतें सुन रहे हैं

बता दें कि इस बीमारी के लक्षण के साथ जन्म लेने वाले बच्चे अधिक से अधिक 2 साल तक जिंदा रह पाते हैं. फिर भी इसका अगर ठीक ढंग से ट्रीटमेंट हो जाए, तो बच्चे को नया जीवन मिल सकता है. राजधानी पटना के रूपसपुर (Rupaspur) इलाके में रहने वाले आलोक सिंह और नेहा सिंह के 10 महीने के बेटे अयांश को दुर्लभ बीमारी स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी है. इसके इलाज के लिए जिस इंजेक्शन की जरूरत होती है उसकी कीमत 16 करोड़ रुपए (Injection worth rupees 16 crores) है. इस बीमारी में बच्चे के शरीर के अंग धीरे-धीरे काम करना बंद कर देते हैं.

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