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Anand Mohan: 'जी कृष्णैया की हत्या का हमें भी दर्द.. आनंद मोहन के सामने ऐसा होता तो जान पर खेलकर बचाते'- लवली आनंद

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Published : Apr 27, 2023, 12:39 PM IST

पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई पर उनकी पत्नी लवली आनंद ने खुशी जाहिर की है. लवली आनंद ने कहा कि हम ईश्वर, बिहार सरकार और अपने समर्थकों का आभार व्यक्त करते हैं. साथ ही हम सीएम नीतीश को भी बहुत बहुत धन्यवाद देते हैं. जी कृष्णैया की हत्या किए जाने पर हमें भी काफी दर्द है. अगर यह घटना आनंद मोहन के सामने होती तो वे कभी ऐसा होने नहीं देते, हम जी.कृष्णैया की अपनी जान पर खेलकर रक्षा करने की पूरी कोशिश करते. लेकिन यह घटना आनंद मोहन के सामने नहीं हुई थी.

lovely anand on anand mohan release
lovely anand on Anand Mohan Released

आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद

सहरसा: गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया हत्याकांड में सजायाफ्ता पूर्व सांसद आनंद मोहन गुरुवार की सुबह सहरसा जेल से रिहा हो गए हैं. इसपर उनकी पत्नी व पूर्व सांसद लवली आनंद ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि आज हमारे लिए बहुत बड़ा दिन है. अपनी खुशी को शब्दों में बयां नहीं कर सकते हैं. जी. कृष्णैया की हत्या ने दो परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. सभी जानते हैं कि आनंद मोहन निर्दोष हैं, स्वतंत्रता सेनानी परिवार से आते हैं और हमेशा गलत का विरोध करते हैं. हमनें कानून का सम्मान किया और कोर्ट के आदेश पर वे जेल चले गए.

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बोलीं लवली आनंद- 'जी कृष्णैया की हत्या का हमें भी दर्द है': लवली आनंदा ने कहा कि जी. कृष्णैया ईमानदार अफसर थे. उनकी हत्या किए जाने पर हमें भी काफी दर्द है. अगर यह घटना आनंद मोहन के सामने होती तो वे कभी ऐसा होने नहीं देते, हम जी.कृष्णैया की अपनी जान पर खेलकर रक्षा करने की पूरी कोशिश करते. लेकिन यह घटना आनंद मोहन के सामने नहीं हुई थी. 15 साल का समय कम नहीं होता है. हमारे बच्चों ने होली, दीवाली, दशहरा 15 सालों से नहीं मनाया है, अब मनाएंगे. आनंद मोहन के जेल से रिहाई के बाद मेरी उनसे कोई बात नहीं हुई है. मीडिया से ही मुझे पता चला है कि वे जेल से निकल गए हैं. मेरे घर में मांगलिक कार्य है, बेटे की शादी है. इसलिए सहरसा में कुलदेवी भगवती की पूजा करने आए हैं.आनंद मोहन अपने पैतृक आवास आएंगे.

आनंद मोहन को अपराधी प्रवृत्ति का मत कहिए, वे कभी अपराधी थे ही नहीं. जो जेपी आंदोलन की उपज रहे हैं, स्वतंत्रता सेनानी परिवार से आते हैं, अन्याय के खिलाफ अवाज उठाने वाले को अपराधी कहना गलत है. पक्ष हो या विपक्ष हो सभी ने इच्छा प्रकट की थी कि उन्हें जेल से निकलना चाहिए. अगर आज सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेश पर अगर बिहार सरकार ने कानून में बदलाव किया है तो इसका स्वागत करना चाहिए. यह स्वागत योग्य कदम है. क्या यूपी और गुजरात का कानून अलग है. अगर बिहार में ऐसा हुआ तो कौन सा गलत हुआ. यह तो सुप्रीम कोर्ट का आदेश था कि जो कानून यूपी, गुजरात दिल्ली में है उसे बिहार में भी लागू किया जाए. उसी के तहत 27 बंदी की रिहाई हुई, उसमें आनंद मोहन भी है.- लवली आनंद, आनंद मोहन की पत्नी

'उमा कृष्णैया अगर मिलना चाहेंगी तो मैं जरूर मिलूंगी': उन्होंने आगे कहा कि जी कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया के प्रति हमारी पूरी सहानुभूति है. उन्होंने अपना सुहाग खोया है. मैं सुहागिन होते हुए भी 15 साल तक बिना पति के रही हूं. उमा कृष्णैया को शायद मामले की ज्यादा जानकारी नहीं है. अगर वो मिलना चाहेंगी तो हम जरूर मिलेंगे. उनको एक बार अपने लोगों को घटनास्थल पर भेजकर पता लगाना चाहिए कि आखिर क्या हुआ था? सच्चाई क्या है बच्चा-बच्चा जानता है. हमारे लौटने के बाद यह घटना हुई थी.

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