लातेहार: एसपी अंजनी अंजन के नेतृत्व में पुलिस के द्वारा चलाए जा रहे नक्सलियों के खिलाफ अभियान से नक्सली संगठन काफी कमजोर हो गए हैं. खुद को कमजोर होता देख नक्सली संगठन से जुड़े या तो गिरफ्तार हो जा रहे हैं या फिर पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर रहे हैं. इसी कड़ी में लालदीप ने पलामू आईजी राजकुमार लकड़ा और लातेहार पुलिस अधीक्षक अंजनी अंजन के समक्ष आत्मसमर्पण किया. लालदीप मुख्य रूप से लातेहार जिले के बरियातू थाना क्षेत्र अंतर्गत बालूभांग के लेवदही गांव का रहने वाला है. इस पर लातेहार और आसपास के जिलों में 15 से अधिक नक्सली कांड के मामले दर्ज हैं. इसके अलावा बिहार में भी लालदीप पर कई नक्सली हिंसा के मामले दर्ज हैं.
आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठाएं नक्सली
जानकारी देते हुए लातेहार एसपी अंजनी अंजन ने बताया कि लालदीप पिछले 20 वर्षों से माओवादी संगठन में सक्रिय था. यह मुख्य रूप से लातेहार के आसपास के जिलों के अलावे बिहार के विभिन्न जिलों में सक्रिय रहा था. माओवादी के बड़े-बड़े नक्सलियों के संपर्क में रहकर इसने काम किया था. उन्होंने बताया कि पुलिस के कुछ अधिकारियों ने इससे संपर्क साधा और आत्म समर्पण के प्रति प्रेरित किया. सरकार के आत्मसमर्पण नीति से प्रेरित होकर इसने पुलिस के समक्ष आत्म समर्पण किया है. एसपी ने कहा कि समाज में भटके हुए अन्य नक्सली भी सरकार के महत्वाकांक्षी आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठाएं और समाज के मुख्य धारा में जुड़े. एसपी ने कहा कि आत्म समर्पण करने वाले नक्सलियों को पुलिस प्रावधान के तहत सभी प्रकार की सहायता उपलब्ध कराएगी.
12 वर्ष की उम्र से था नक्सली संगठन में
आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी लालदीप ने बताया कि वह 12 वर्ष की उम्र में ही नक्सलियों के संपर्क में आ गया था. माओवादी संगठन के लोग उसे गांव में आकर अपने साथ ले गए थे और तब से वह नक्सलियों के साथ ही रह रहा था. उसने बताया कि संगठन में रहने में अब घुटन हो रही थी. इसी कारण उसने अपराध का रास्ता छोड़कर अब मुख्य धारा में जुड़ने का निर्णय लिया. मौके पर प्रशिक्षु आईपीएस ललित मीणा, लातेहार डीएसपी, बालूमाथ डीएसपी, पुलिस इंस्पेक्टर शशि रंजन कुमार समेत अन्य पुलिस के अधिकारियों ने भी आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली को माला पहनाकर स्वागत किया.
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