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नोएडा में अब नहीं होंगे पावर कट्स, यमुना प्राधिकरण ने 15 साल के लिए बनाया ये प्लान - Power Supply in Greater Noida

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 23, 2024, 11:35 AM IST

Power Supply in Greater Noida: नोएडा में बिजली का कोई संकट ना हो, इसके लिए प्राधिकरण ने कई इंतजाम किये हैं. यमुना प्राधिकरण ने आने वाले 15 सालों के लिए बिजली का किया उचित प्रबंध कर लिया है.

15 साल के लिए बिजली का उचित प्रबंध
15 साल के लिए बिजली का उचित प्रबंध (SOURCE: ETV BHARAT)

नई दिल्ली/नोएडा: गर्मी के मौसम में ग्रेटर नोएडा में बढ़ती बिजली की मांग को पूरा करने में विभाग का दम फूल रहा है. ऐसे में यमुना प्राधिकरण ने आने वाले 15 सालों के लिए बिजली का उचित प्रबंध किया है. जिससे कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की जरूरत को पूरा करने के अलावा रेजिडेंशियल और इंडस्ट्रियल एरिया में भी बिजली की कमी नहीं होगी. इस संबंध में जब यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉक्टर अरुण वीर सिंह से बात की गई तो उन्होंने पूरे विस्तार से बताया कि किस प्रकार यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में विद्युत की कमी ना हो इसके लिए प्रबंध किया गया है, और इसके लिए 700 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं.

यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ अरुणवीर सिंह कहते हैं कि बिजली का प्रबंधन इस प्रकार से किया गया है, कि आने वाले 15 सालों तक बिजली की कमी महसूस नहीं होगी. वह कहते हैं कि हमारे पास एक अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट आ रहा है, जिसको बिजली दी जानी है, इसके अलावा 32000 रेसिडेंशियल के और हाउसिंग के अलॉटी हैं, उनको बिजली दी जानी है. इसके अलावा 3061 इंडस्ट्रियल प्लांट है, जिनको बिजली दी जानी है. इसके लिए हमने मास्टर प्लान बनाया है. यूपी ट्रांसमिशन और यूपी पावर कॉरपोरेशन से असेसमेंट कराया है, उसके अनुसार हमको 1000 मेगावाट बिजली अगले 15 सालों के लिए इस क्षेत्र में देनी है. अभी अभी तीन सब स्टेशन चालू कर दिए हैं, एक सब स्टेशन सेक्टर 32 में यूपी पावर कारपोरेशन ने बनाया है, वह चालू हो गया है. पिछले महीने सेक्टर 18 में 220 कब का सबस्टेशन वह भी चालू हो गया है. सेक्टर 24 में एक और सब स्टेशन और भी डेढ़ महीने पहले बनाया गया था, वो भी चालू हो गया है. इस प्रकार तीन सब स्टेशन चालू हो गए हैं. जिसमें 940 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है.

डॉ.अरुणवीर सिंह ने बताया कि इससे पहले यमुना प्राधिकरण में 765 केवी का सब स्टेशन बनवाया था. वह 3000 मेगावाट क्षमता का था, उसमें 1000 मेगा बिजली औद्योगिक और रेजिडेंशियल सेक्टर के लिए और गांव वालों के लिए रिजर्व की गई थी. अगर हम इसको अलग करके भी देखें 1000 मेगावाट बिजली की जो अगले 15 साल की डिमांड है, 940 मेगावाट बिजली मिलने लगी है. इसके अलावा सेक्टर 28 में 50 हजार जमीन दी है, जो डाटा पार्क, मेडिकल डिवाइस पार्क और सेमीकंडक्टर पार्क में डेडीकेटेड बिजली देगी. उसका अभी अलॉटमेंट हुआ है एस्टीमेट का हम वेट कर रहे हैं, जिसका भुगतान हम कर देंगे.

इसके अलावा विभाग की ओर से ये भी कहा गया कि अभी 30 मेगावाट बिजली यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में कंज्यूम हो रही है. जो अगले 1 साल में 270 से 320 मेगावाट हो जायेगी, जबकि हमें 940 मेगावाट बिजली उपलब्ध है. 300 मेगावाट बिजली और आ जाएगी, तो 1240 मेगावाट अगले एक से डेढ़ साल के बीच हमारे पास उपलब्ध हो जायेगी. जहांगीरपुर के 1000 मेगावाट को छोड़कर क्योंकि वह पहले से ही रिजर्व बिजली है. इसके अलावा सेक्टर 28 में हमने बिजली घर बनाने के लिए 50 हजार मीटर जमीन दी है, यूपी पावर कॉरपोरेशन और यूपी ट्रांसमिशन लाइन को असेसमेंट देना हैं. इसमें हमने 700 करोड़ रुपए खर्च किए हैं.

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