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बिहार में महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत बढ़ा, उठ रहे सवाल-2019 की तरह एनडीए को होगा फायदा? - lok sabha election 2024

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : May 26, 2024, 7:40 PM IST

2019 के लोकसभा चुनाव में बिहार में महिलाओं ने बढ़-चढ़ कर भागीदारी दिखाई थी. कुल 57.33 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि महिलाओं ने 59.58 प्रतिशत वोट डाले थे. उस समय एनडीए को 40 में से 39 सीटों पर जीत मिली थी. 2024 लोकसभा चुनाव में भी महिलाओं की भागीदारी उच्च स्तर पर है. महिला मतदाताओं के उत्साह ने चुनावी विश्लेषकों का ध्यान फिर से आकर्षित किया है. देखना दिलचस्प होगा कि महिला वोटरों का उत्साह चुनाव परिणामों पर क्या प्रभाव डालेगा. पढ़ें, विस्तार से.

महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत बढ़ा
महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत बढ़ा (ETV Bharat)

महिला वोटरों की भागीदारी बढ़ी. (ETV Bharat)

पटना: लोकसभा चुनाव 2024 में बिहार की महिला मतदाता एक बार फिर से बढ़-चढ़ कर भाग ले रही हैं, जिससे चुनावी माहौल गरमाया हुआ है. 2019 के चुनावों में जहां कुल मतदान प्रतिशत 57.33% था, वहीं महिलाओं ने 59.58% वोट डाले थे, जो पुरुषों के मुकाबले अधिक था. महिला वोटरों के उत्साह ने एनडीए को 40 में से 39 सीटों पर विजय दिलाई थी. अब, 2024 में भी महिलाओं की इसी तरह की सक्रियता देखने को मिल रही है.

महिला वोटरों की बढ़ रही भागीदारीः कई बूथों पर महिला मतदान का प्रतिशत 90% तक पहुंच गया है. चुनावी विश्लेषक इस बढ़ती भागीदारी को गंभीरता से ले रहे हैं, यह देखते हुए कि महिलाओं का यह समर्थन किस तरह से चुनाव परिणामों को प्रभावित कर सकता है. 2019 में बिहार में महिलाओं ने पुरुषों के मुकाबले अधिक वोट किया था तब एनडीए को 40 में से 39 सीट मिली थी. 2014 में भी महिलाओं ने अधिक वोट डाला था हालांकि उस समय नीतीश कुमार एनडीए के साथ नहीं थे, बावजूद एनडीए को 31 सीट मिली थी. अब 2024 में फिर से महिलाएं अधिक वोट कर रही हैं. राजनीतिक विश्लेषक महिला सशक्तीकरण से जोड़कर इसका आंकलन कर रहे हैं.

ETV GFX.
ETV GFX. (ETV Bharat)

2014 में किन सीटों पर महिला वोटर पड़ी थी भारी: बिहार में 2014 में 26 लोकसभा सीटों में महिलाओं ने पुरुषों से अधिक वोट किया था. कटिहार में जहां पुरुषों ने 64.5 % वोट डाला था तो महिलाओं ने 71.2 % वोट डाला था. सुपौल में 58.8 प्रतिशत वोट पुरुषों ने डाला था तो महिलाओं ने 69% वोट डाले थे. इसी तरह किशनगंज, पूर्णिया, अररिया, उजियारपुर, बेगूसराय, खगड़िया, मुजफ्फरपुर, मधेपुर, झंझारपुर, बाल्मीकि नगर, समस्तीपुर, वैशाली, सिवान , सीतामढ़ी, बांका, दरभंगा, मधुबनी, शिवहर, गोपालगंज, सारण, पूर्वी चंपारण, हाजीपुर, सासाराम और महाराजगंज में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं ने अधिक वोट डाले थे.

एनडीए को 39 सीट पर मिली थी जीतः 2019 में पटना साहिब, पाटलिपुत्र, आरा, बक्सर, सासाराम, काराकाट, जहानाबाद और गया को छोड़कर शेष सभी 32 सीटों पर महिलाओं ने अधिक मतदान किया था. 2019 में महिलाओं ने 4. 66% अधिक मतदान किया था. पुरुषों ने 55.26% जबकि महिलाओं ने 59.92% वोट डाला था. इसका नतीजा यह हुआ की 2019 में एनडीए को बिहार में 40 में से 39 लोकसभा सीट पर जीत हासिल हुई थी.

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बिहार में 32 सीटों पर चुनाव संपन्नः बिहार में लोकसभा की 32 सीटों पर चुनाव हो चुका है. 32 सीटों में से चुनाव आयोग के आंकड़ों को देखें तो नवादा, गया और औरंगाबाद को छोड़कर अधिकांश जगहों पर महिलाओं ने पुरुषों के मुकाबले अधिक वोट दिया है. पहले चरण को छोड़ दें तो दूसरे और तीसरे चरण में महिलाओं ने पुरुषों के मुकाबले अधिक वोट किया. चौथे चरण में पुरुषों ने 54.3 9% वोट किया तो महिलाओं ने 62.57%, पांचवे चरण में 52.4% पुरुषों ने वोट किया तो 61.51% महिलाओं ने किया. छठे चरण में भी महिलाओं ने पुरुषों से अधिक वोट किया है. हालांकि, चुनाव आयोग की तरफ से अंतिम आंकड़ा आना अभी बाकी है.

महिला वोटर ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लियाः बिहार में 3.64 करोड़ महिला मतदाता है. 6 चरणों में से पांच चरणों में महिलाओं में बढ़-चढ़कर वोट डाला है. कई लोकसभा क्षेत्र में महिलाओं ने तो वोट डाले में रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है. हाजीपुर, सारण, सीतामढ़ी, मधुबनी के 9 बूथ पर महिलाओं ने 90% से अधिक वोट डाले हैं. राजनीतिक विश्लेषक महिला सशक्तीकरण से जोड़कर इसका आंकलन कर रहे हैं. वरिष्ठ पत्रकार सुनील पांडे का कहना है महिला सशक्तीकरण को लेकर किए गए कार्य के कारण ही महिलाएं सबसे अधिक वोटिंग बीजेपी को ही करती रही है.

"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 साल के कार्यकाल में महिला सशक्तीकरण पर सबसे ज्यादा काम किया है. उज्ज्वला योजना, शौचालय सहित कई योजना कारगर रही है. महिलाओं को काफी लाभ मिल रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी महिला सशक्तीकरण पर काफी जोर दिया है. नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार दोनों का महिला वोटरों में काफी पैठ है. चुनाव में इसका लाभ भी मिला है."- प्रोफेसर चंद्रभूषण राय, राजनीति शास्त्र, पटना विश्वविद्यालय

महिलाओं के लिए कई काम कियेः जदयू प्रवक्ता प्रोफेसर परिमल कुमार का कहना है कि मुख्यमंत्री ने साइकिल योजना, पोशाक योजना से लेकर पंचायत में आरक्षण, नौकरियों में आरक्षण, इंजीनियरिंग कॉलेज मेडिकल कॉलेज में नामांकन में आरक्षण, महिलाओं को ग्रेजुएशन करने तक प्रोत्साहन राशि देने जैसे कई बड़े फैसले लिए हैं. महिलाओं पर उसका असर है. वहीं आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी का कहना है कि तेजस्वी यादव इस चुनाव में सबसे ज्यादा लोकप्रिय नेताओं से हैं, क्योंकि नौकरी और रोजगार तेजस्वी ही दे सकते हैं. इसलिए तेजस्वी पर हर वर्ग चाहे पुरुष हो चाहे महिला सबका भरोसा है.

चुनाव परिणाम पर सबकी नजर: बिहार में 2014 में 26 सीटों पर महिलाओं ने पुरुषों से अधिक वोट डाला था तो वहीं 2019 में 32 विधानसभा में महिलाओं ने पुरुषों के मुकाबले अधिक वोट डाला था. 2024 लोकसभा चुनाव में क्योंकि 8 सीटों पर अभी अंतिम चरण का चुनाव बच गया है. लेकिन 6 चरणों में से पांच चरणों में महिलाओं ने पुरुषों के मुकाबले अधिक वोट डाला है. केवल पहले चरण में तीन लोकसभा क्षेत्र में ही महिलाओं ने पुरुषों से कम वोट डाला है. 2014 और 2019 में रिजल्ट एनडीए के पक्ष में गया था. लेकिन दोनों लोकसभा चुनाव से इस बार कुल वोटिंग कम हुई है. ऐसे में देखना है 2024 में महिलाओं ने जो अधिक वोट डाला है उसका किसे लाभ मिलता है.

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