प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार, एयरफोर्स और सिविल एविएशन के डायरेक्टर जनरल से पूछा है कि प्रयागराज एयरपोर्ट से देश के अन्य प्रमुख शहरों की फ्लाइट्स की कनेक्टिविटी दिनोंदिन क्यों कम की जा रही हैं. यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति अरुण भंसाली एवं न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ ने हाईकोर्ट में अधिवक्ता विनीत पांडेय की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर दिया है. कोर्ट ने उक्त सभी पक्षकारों से जनहित याचिका में उठाए गए मुद्दे पर अपने विभाग से जरूरी जानकारी प्राप्त कर अगली सुनवाई पर बताने को कहा है.
जनहित याचिका में प्रयागराज से अन्य प्रमुख शहरों को जाने वाली फ्लाइट्स की सेवाएं दिनोंदिन कम करने का मुद्दा उठाया गया है. कहा गया है कि सरकार को प्रयागराज जैसे महत्वपूर्ण शहर में हवाई सेवाएं और ज्यादा बढ़ानी चाहिए लेकिन इन्हें कम किया जा रहा है. राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने याचिका का समर्थन करते हुए कहा कि प्रयागराज से हवाई यात्रियों की संख्या बहुत अधिक है. इस मामले में लखनऊ और वाराणसी के बाद प्रयागराज का तीसरा स्थान है, लेकिन इसके बाद भी दिनों दिन अन्य शहरों को जाने वाली फ्लाइट्स स्थाई तौर पर निरस्त की जा रही हैं.
याची अधिवक्ता का कहना है कि प्रयागराज से हैदराबाद, बेंगलुरु, पुणे, चेन्नई आदि प्रमुख शहरों के लिए सीधी उड़ान होनी चाहिए. इन शहरों के लिए हवाई यात्रियों की संख्या काफी है लेकिन सेवाएं देना तो दूर, पहले से मिल रही हवाई सेवा भी खत्म की जा रही हैं. याचिका में मांग की गई है कि पूर्व में जारी सेवा बहाल की जाएं और हैदराबाद, चेन्नई, जयपुर आदि प्रमुख शहरी की भी नियमित सीधी उड़ान शुरू की जाए. याचिका में यह भी कहा गया है कि प्रयागराज में महाकुंभ होने वाला है. ऐसे में यहां लाखों-करोड़ों की संख्या में लोग आएंगे. इस कारण प्रयागराज को देश के प्रत्येक प्रमुख शहर को हवाई सेवा से जोड़ना जरूरी है.