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Anurag Singh Thakur Profile: अनुराग सिंह ठाकुर जिनके पिता रह चुके हैं हिमाचल के 2 बार CM

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Mar 13, 2024, 8:41 PM IST

Updated : Mar 13, 2024, 8:55 PM IST

Anurag Thakur Hindi News
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Anurag Singh Thakur, Lok Sabha Elections 2024, BJP 2nd List: लोकसभा चुनाव के लिए BJP ने अपनी दूसरी लिस्ट जारी कर दी है. जिसमें हमीरपुर से अनुराग सिंह ठाकुर को उम्मीदवार बनाया गया है. कौन हैं अनुराग सिंह ठाकुर और कहां से शुरू हुआ इनका राजनीति का सफर जानें सब कुछ...

हमीरपुर (Himachal Pradesh: हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से लगातार चौथी बार सांसद चुने गए अनुराग सिंह ठाकुर इस बार फिर से चुनाव मैदान में उतारा है. हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में लगातार चार बार जीत पर जीत दर्ज करवा कर अनुराग सिंह ठाकुर ने न केवल संसदीय क्षेत्र बल्कि देश भर में भी अलग पहचान बनाई है. हमीरपुर से सांसद अनुराग ठाकुर ने प्रधानमंत्री मोदी की कैबिनेट में वित्त राज्य मंत्री के पदभार पर भी काबिज रहे हैं तो वर्तमान में बतौर केंद्रीय सूचना प्रसारण, युवा एवं खेल मंत्री के पद पर बखूबी से निर्वाहन कर रहे है.

अनुराग ठाकुर के पिता प्रो. प्रेम कुमार धूमल 2 बार रह चुके हैं हिमाचल के मुख्यमंत्री

अनुराग ठाकुर की छवि संसदीय क्षेत्र के अलावा पूरे प्रदेश भर में इस कदर बनी है और अनुराग ठाकुर की फैन फॉलोइंग बहुत ज्यादा होने के चलते पूरे संसदीय क्षेत्र में पकड़ बनी है. हालांकि लोकसभा चुनावों की चुनावी जंग में इस बार मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के साथ साथ उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की साख भी जुड़ी है और दोनों का ही वास्ता हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से है. हमीरपुर जिले के समीरपुर गांव से संबंध रखने वाले केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के पिता प्रो. प्रेम कुमार धूमल भी दो बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के पद पर आसीन रह चुके हैं.

छोटे भाई अरुण धूमल BCCI के कोषाध्यक्ष साथ में IPL के चेयरमैन भी

वहीं, छोटे भाई अरुण धूमल भी बीसीसीआई में कोषाध्यक्ष के पद के साथ साथ आईपीएल के चेयरमैन भी हैं. राजनीति की बात करें तो दो बार हिमाचल प्रदेश में सकुशल नेतृत्व करने वाले प्रो. प्रेम कुमार धूमल के समय में हिमाचल में विकास को लेकर काम हुआ है और तभी तो पूर्व मुख्यमंत्री धूमल को सड़कों वाला मुख्यमंत्री के नाम से भी आज भी जाना जाता है, क्योंकि उनके कार्यकाल में हिमाचल प्रदेश में सड़कों का जाल बिछा है. वहीं, नजर दौड़ाई जाए तो सांसद अनुराग ठाकुर के पहले चुनाव से लेकर चौथे लोकसभा चुनावों तक पूर्व मुख्यमंत्री धूमल ने भी पूरा सहयोग दिया. जिसके बलबूते पर ही अनुराग ठाकुर लगातार चौथी बार संसद में पहुंचे हैं.

कितनी है अनुराग ठाकुर की संपत्ति?

सांसद अनुराग ठाकुर की संपत्ति की बात की जाए तो अनुराग ठाकुर के पास कुल संपत्ति दो करोड़ 36 लाख 25 हजार 2328 रुपये हैं और उनकी पत्नी के पास 45 लाख 34 हजार 430 रुपये की संपत्ति है. अगर पिछले चार चुनावों की चर्चा की जाए तो चारों चुनावों में सांसद अनुराग ठाकुर के मुकाबले कांग्रेस के पास कोई सशक्त उम्मीदवार न होने के चलते हर बार बाजी बीजेपी के खेमे में रही है. चाहे बात 2014 की हो या फिर साल 2019 की हो हर बार सांसद अनुराग ठाकुर ने भारी मतों से पटखनी दी है. वह पहली बार मई 2008 में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में एक उपचुनाव में लोकसभा के लिए चुने गए थे.

साल 2010 में रहे BJYM के राष्ट्रीय अध्यक्ष

हिमाचल प्रदेश के एक राजनीतिक परिवार से आने वाले अनुराग ठाकुर लंबे समय से चार बार संसद सदस्य रहे. 14वीं, 15वीं, 16वीं और 17वीं लोकसभा के सदस्य रहे. मई 2008 में अनुराग ठाकुर अपने पिता पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के उत्तराधिकारी बने जब उन्हें भारत की 14वीं लोकसभा के लिए हमीरपुर निर्वाचन क्षेत्र से संसद सदस्य के रूप में चुना गया. वह 2009 में 15वीं लोकसभा, 2014 में 16वीं लोकसभा और 2019 में 17वीं लोकसभा के लिए फिर से चुने गए. बाद में 2010 में अनुराग ठाकुर को भारतीय जनता युवा मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया था.

संसद रत्न पुरस्कार से हो चुके हैं सम्मानित

वहीं, 19 जनवरी, 2019 को वह संसद रत्न पुरस्कार से सम्मानित होने वाले पहले भारतीय जनता पार्टी सांसद बने. यह पुरस्कार सांसदों के योगदान को मान्यता देने के लिए 2010 में स्थापित किया गया था. आपको बता दें कि हमीरपुर संसदीय सीट में हमीरपुर, बिलासपुर, ऊना के अलावा कांगड़ा जिले के देहरा क्षेत्र और मंडी जिले के धर्मपुर क्षेत्र भी आता है. हमीरपुर सीट 17 विधानसभा विधानसभा क्षेत्र में ऊना जिला जहां पर पंजाब का ज्यादा प्रभाव है वह क्षेत्र भी आता है तो दूर दराज क्षेत्र धर्मपुर और देहरा भी इसमें शामिल है. हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में धार्मिक स्थलों में प्रमुखता से हमीरपुर जिला में उत्तरी भारत के प्रसिद्ध सिद्घ पीठ बाबा बालक नाथ मंदिर के अलावा ऊना जिला में चिंतपूर्णी माता का मंदिर भी शामिल है.

पिता के बाद बेटे ने संभाला था मोर्चा

1989 से भारतीय जनता पार्टी के प्रेम कुमार धूमल ने लगातार दो बार संसदीय सीट पर जीत हासिल की है तो उसके साथ ही 1998 से वर्ष 2004 तक लगातार तीन बार भाजपा पार्टी के ही प्रत्याशी सुरेश चंदेल ने भी संसदीय सीट पर जीत हासिल की है. हालांकि भाजपा के सुरेश चंदेल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने पर साल 2007 में लोकसभा की सीट पर उपचुनाव करवाए गए थे. जिसमें फिर से प्रेम कुमार धूमल ने जीत हासिल की थी, लेकिन साल 2008 में विधानसभा चुनाव नजदीक होने के चलते प्रेम कुमार धूमल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था और दोबारा से उपचुनाव करवाए जाने पर अनुराग सिंह ठाकुर ने जीत हासिल की थी.

हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में क्या हैं जातीय समीकरण

2009, 2014, 2019 के लोकसभा चुनाव में वर्तमान में केंद्रीय सूचना प्रसारण एवं खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर की हमीरपुर संसदीय सीट पर काबिज हैं. हिमाचल प्रदेश की चार संसदीय सीटों में हमीरपुर संसदीय सीट का राजनीति में अपना अलग कद है और हमीरपुर संसदीय सीट हॉट सीट मानी जाती रही है. हमीरपुर संसदीय सीट पर मतदाताओं का जातिगत समीकरण पर बात की जाए तो हमीरपुर संसदीय सीट में 17 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. हमीरपुर लोकसभा सीट पर राजूपत वोट बड़ी संख्या में है. वहीं, जातीय समीकरण को लेकर जिला ऊना में राजपूतों की संख्या ज्यादा है तो वहीं, बिलासपुर में ब्राहमण समुदाय चुनावों में हावी रहता है इसके साथ ही हमीरपुर की बात की जाए तो हमीरपुर में ब्राह्मण, राजपूत जातिगत समीकरण चुनावों में अहम भूमिका निभाते नजर आते हैं.

अगर पिछले कुछ लोकसभा चुनावों की बात करें तो सूबे के पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल ने तब यहां से जीत हासिल कर पहली बार बीजेपी का परचम लहराया था. इसके बाद धूमल 1991 में भी जीते. फिर 1996 के चुनावों में बीजेपी के उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल को हरा कर कांग्रेस के विक्रम सिंह बाजी मारी, लेकिन 1998 के बाद फिर से बीजेपी के ही सुरेश चंदेल ने कांग्रेस के उम्मीदवार विक्रम सिंह को हरा कर जीत हासिल की है.

2014 के आम चुनावों में अनुराग ने राजेंद्र राणा को हराया

वहीं, 1999 के चुनावों में भाजपा के सुरेश चंदेल ने एक बार फिर से कांग्रेस के प्रत्याशी राम लाल को शिकस्त दी थी और साल 2004 में भी सुरेश चंदेल ने फिर से कांग्रेस के राम लाल को हराया है. इसके बाद 2007 में उनके इस्तीफे के बाद पूर्व सांसद प्रेम कुमार धूमल यहां से सांसद बने, लेकिन प्रदेश के सीएम बनने के बाद उन्होंने सीट खाली कर दी. इसके बाद 2009 के उपचुनाव में भाजपा के उम्मीदवार अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस के उम्मीदवार नरेंद्र ठाकुर को हराया और 2014 के आम चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी राजेंद्र राणा को अनुराग ठाकुर ने पराजित किया था.

2019 में ठाकुर राम लाल को हराया

वहीं, साल 2019 में कांग्रेस के उम्मीदवार बिलासपुर से ठाकुर राम लाल को भी अनुराग ठाकुर ने हराया है. हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में दिग्गजों की बात की जाए तो वर्ष 1999 से लेकर 2007 तक लगातार तीन बार बिलासपुर से सांसद रहे सुरेश चंदेल ने जीत की हैट्रिक लगाई थी, लेकिन वर्ष 2007 में एक रिश्वत मामले में सुरेश चंदेल को पद से इस्तीफा देना पड़ा था. वहीं, इसके बाद अब लगातार हमीरपुर लोकसभा सीट से सांसद अनुराग ठाकुर ने अपना दबदबा बनाया है और इस बार पांचवी बार भी अनुराग ठाकुर चुनाव मैदान में ताल ठोकने के लिए तैयार बैठे हैं.

बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए हमीरपुर हॉट सीट

पूरे हिमाचल प्रदेश में हॉट सीट माने जाने वाली हमीरपुर संसदीय सीट पर इस बार सभी की नजरें टिकी हुई हैं, क्योंकि हमीरपुर संसदीय सीट में जीत के लिए इन लोकसभा चुनावों में दोनों पार्टियों कोई कोई कसर नहीं छोड़ेंगी, क्योंकि हमीरपुर जिले से ही सूबे के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू का गृह जिला है तो ऊना जिले के हरोली से ही उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री का क्षेत्र है. ऐसे में हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में लोकसभा चुनावों के लिए चुनावी जंग कितनी जोरदार होगी इसका अंदाजा अभी चुनावों से पहले ही सहज ही लगाया जा सकता है.

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Last Updated :Mar 13, 2024, 8:55 PM IST
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