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सड़क निर्माण के नाम पर दर्जन भर ग्रामीणों के तोड़े घर, मुआवजा के नाम पर दिए मात्र 10 हजार रुपए, बेबस ग्रामीण भटक रहे दर-दर

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 8, 2024, 3:26 PM IST

Villagers houses demolished in Kudo Village
Villagers houses demolished in Kudo Village

Villagers houses demolished in Kudo Village. लातेहार में सड़क निर्माण के नाम पर दर्जनों ग्रामीणों की जमीन अधिग्रहण कर लिए गए, मगर उन्हें मुआवजा नहीं दिया गया. कइयों के घर तक तोड़ दिए गए. जब मुआवजा मांगा गया तो मुआवजे के रूप में ग्रामीणों को 10-10 हजार रुपए पकड़ा दिए गए. अब ग्रामीण दर-दर भटकने को मजबूर हैं.

जानकारी देते संवाददाता राजीव कुमार

लातेहार: एक तरफ सरकार ग्रामीणों को आवास उपलब्ध कराने के लिए तरह-तरह की योजनाएं चला रही है. लेकिन लातेहार जिले के महुआडांड़ प्रखंड में सड़क निर्माण के नाम पर ग्रामीणों के घर तोड़ दिये गये. घर उजड़ जाने से ग्रामीण बेबस होकर दर-दर भटकने को मजबूर हो गये हैं.

दरअसल, लातेहार जिले के महुआडांड़ प्रखंड के बसकरचा से कूडो गांव तक पक्की सड़क का निर्माण कराया जा रहा है. सड़क को चौड़ा करने के लिए ग्रामीणों की निजी जमीन का भी अधिग्रहण करना पड़ा. सरकारी प्रावधान के तहत जमीन अधिग्रहण के बाद ग्रामीणों को उचित मुआवजा दिया जाना था. सड़क निर्माण के दौरान यदि किसी ग्रामीण का घर अधिग्रहीत हो जाता था तो उसके लिए भी अलग से मुआवजा राशि तय की जाती है. लेकिन सड़क निर्माण कार्य में सरकार के इस प्रावधान की जमकर धज्जियां उड़ायी गयीं.

मुआवजे के तौर पर दिए गए मात्र 10 हजार रुपए: संवेदक द्वारा आनन-फानन में ग्रामीणों की जमीन और मकान का मुआवजा दिये बिना ही जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया. प्रखंड के केवरकी केनाटोली गांव में करीब एक दर्जन ग्रामीणों के घर तोड़ दिये गये और उनकी जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया. जब ग्रामीणों ने मुआवजे की मांग की तो उन्हें मात्र 10-10 हजार रुपये दिये गये और मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. ग्राम प्रधान साइमन एक्का, मनोहर, मिखाइल कुजूर आदि ग्रामीणों ने बताया कि सड़क निर्माण के नाम पर उनके घर व जमीन को जबरन अधिग्रहण कर लिया गया है. लेकिन बदले में न तो उचित मुआवजा दिया गया और न ही उन्हें कहीं आवास मुहैया कराया गया. मजबूरी में उन्हें अपने जर्जर मकान के बरामदे में रहना पड़ रहा है.

गंधुर उरांव का 6 स्थान पर ले लिया गया जमीन: इधर, ग्रामीण गंधुर उरांव ने बताया कि सड़क निर्माण के नाम पर छह जगहों पर उनकी जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया है. लेकिन मात्र 10 हजार रुपये ही दिये गये. उन्होंने कहा कि जब भी मुआवजे की मांग की जाती है तो ठेकेदार व कार्य करा रहे लिपिक द्वारा कोई सकारात्मक जवाब नहीं दिया जाता है. सरकार के इस रवैये से ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

ग्रामीणों के मुआवजे के लिए किया जाएगा आंदोलन: इधर, जिला परिषद सदस्य इस्तेला नगेसिया ने कहा कि ग्रामीणों को बिना मुआवजा दिये जमीन अधिग्रहण करना काफी निंदनीय कार्य है. उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर सरकारी अधिकारियों को भी चेतावनी दी गयी है. यदि ग्रामीणों को मुआवजा नहीं मिला तो वे सड़क पर उतर कर आंदोलन करेंगे. उन्होंने कहा कि अगर इस मामले में शीघ्र कार्रवाई नहीं की गयी तो सड़क निर्माण कार्य बंद करा दिया जायेगा. बिना मुआवजा दिए ग्रामीणों की जमीन पर कब्जा करना और उनके मकानों को तोड़ना पूरी तरह से असंवैधानिक है. यह जरूर है कि ऐसे मामलों में सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों को तुरंत संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि ग्रामीणों को उनका हक और अधिकार मिल सके.

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