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आउटसोर्स बिजली कर्मियों का लखनऊ में बड़ा प्रदर्शन; सैलरी बढ़ाने और बर्खास्त कर्मचारियों को वापस लेने की मांग

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 5, 2024, 7:09 PM IST

Updated : Feb 6, 2024, 11:25 AM IST

आउटसोर्स कर्मी
आउटसोर्स कर्मी

लखनऊ के बिजली विभाग में कार्यरत हजारों आउटसोर्स कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर शक्ति भवन में विरोध प्रदर्शन (Protest at Shakti Bhawan) किया.

लखनऊ में शक्ति भवन पर आउटसोर्स कर्मियों का प्रदर्शन

लखनऊ: उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के संविदा कर्मचारी संघ के नेतृत्व में बिजली विभाग में कार्यरत हजारों आउटसोर्स कर्मी अपनी मांगों को लेकर सोमवार को शक्ति भवन में प्रदर्शन करने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने जमकर प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी भी की. प्रबंधन पर मांगें न मानने का आरोप लगाया. आउटसोर्स कर्मियों का कहना है कि पिछले काफी समय से अपनी मांगों को लेकर सांकेतिक प्रदर्शन किया जा रहा है. कई बार प्रबंधन के साथ इसको लेकर बातचीत भी हुई. आश्वासन भी मिला. लेकिन, समस्या का समाधान नहीं हुआ. ऐसे में मजबूरन शक्ति भवन पर आकर प्रदर्शन करना पड़ रहा है. लखनऊ समेत प्रदेश से आउटसोर्स कर्मी शक्ति भवन पर प्रदर्शन करने पहुंचे.

कर्मचारियों की मुख्य मांगें: आउटसोर्सिंग के माध्यम से कार्य कर रहे संविदा कर्मचारियों का कार्य के अनुरूप अनुबंध करने. वेतन 18000 निर्धारित करने. मार्च 2023 में हटाए गए कर्मचारियों को कार्य पर वापस लेने. 13000 रुपये के अनुबंध पर कार्य कर रहे प्रशिक्षित और अनुभवी कर्मचारियों के स्थान पर 30,000 रुपये के अनुबंध पर पूर्व सैनिक कल्याण निगम से कर्मचारियों को तैनात न करने. शक्ति भवन लखनऊ से हटाए गए कर्मचारियों को कार्य पर वापस लेने. घायल कर्मचारियों का कैशलेश उपचार कराने. मृतक कर्मचारियों के परिजनों को 10 लाख रुपये दुर्घटना हित लाभ देने. ईपीएफ घोटाले की जांच कराने. 60 वर्ष की अवस्था तक कार्य करने की अनुमति देने. महिला कर्मचारियों को मातृत्व अवकाश देने.

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क्या कहते हैं संगठन के महामंत्री: उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री देवेन्द्र कुमार पाण्डेय का कहना है कि आउटसोर्स कर्मियों की कई मांगें पिछले काफी सालों से लंबित हैं. कर्मचारियों की समस्या का निस्तारण किया जाना चाहिए. लेकिन, पावर कॉरपोरेशन के अधिकारी हीलाहवाली कर रहे हैं. विरोध करने पर वार्ता के लिए बुला भी लेते हैं, आश्वासन भी देते हैं कि सभी समस्याओं का समाधान करेंगे. लेकिन, वार्ता की टेबल से हटते ही फिर से अपनी ही बात से पीछे हट जाते हैं. इससे आउटसोर्स कर्मचारी का मनोबल टूट रहा है. कर्मचारी बेवजह काम छोड़कर विरोध प्रदर्शन नहीं करना चाहते हैं. लेकिन, जब अधिकारी सुनवाई ही नहीं करते हैं और उनकी समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं तो उन्हें मजबूरन विरोध जताने आना पड़ रहा है. संगठन की अपील है कि जल्द से जल्द कर्मचारियों की समस्या का समाधान किया जाए.

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Last Updated :Feb 6, 2024, 11:25 AM IST
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