उज्जैन। उज्जैन में बनाए गए स्नेक पार्क में मध्यप्रदेश में पाए जाने वाले सांपों की 46 प्रजातियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है. यहां पर सांपों का महत्व बारीकी से बताया गया है. अलग-अलग देशो के सांपों के चिह्न व भगवान महाकाल के गले में आभूषण तक में सांप को यहां दर्शाया गया है. देश का ये अपनी तरह का पहला स्नेक पार्क है. यहां सांपों से जुड़ी सारी इंफोर्मेशन्स रोचक तरीके से पेश की गई है. मल्टीमीडिया के प्रोग्राम्स का इस्तेमाल करके इसे बनाया गया है.
पार्क बनाने का मकसद सांपों का संरक्षण
स्नेक इन्फोटेंटमेंट पार्क के संस्थापक संचालक डॉ.मुकेश इंग्ले का कहना है "आमतौर पर लोग सांपों से डरते हैं. लोग सांपों को मारते भी हैं. सांपों की संख्या भी कम हो रही है. स्नेक बाइट के केस भी बढ़ रहे हैं. इसलिए लोगों को सांपों के बारे में पूरी जानकारी देना जरूरी है. स्टूडेंट्स, टीचर्स हैं और हेल्थ वर्कर्स के साथ ही सामान्य लोगों को ध्यान में रखते हुए यहां अलग-अलग प्रोग्राम बनाये गए हैं, ताकि हरेक आदमी सांपों के बारे में सारी जानकारी ले सकें. उज्जैन में इसे बनाने का मकसद ये है कि यह महाकाल की नगरी है और बाबा महाकाल की नगरी में शिव के प्रिय आभूषण सांप हैं. यहां से पूरी दुनिया में मैसेज जाना चाहिए कि सापों का संरक्षण जरूरी है."
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स्नेक पार्क में दूसरे चरण में बनेगा रेप्टाइल हाउस
डॉ. मुकेश इंग्ले बताते हैं "लोग समझें कि सांप एक जीव मात्र नहीं है. उसमें बहुत सारी चीजें हैं जो अन्य जीवों में नहीं हैं. सांपों की खौफनाक और खतरनाक छवि को बदलने की कोशिश इस पार्के के माध्यम से की गई है. हम अगर सांपों के साथ फैमिलियर होंगे तो जानेंगे कि सांप उतने बुरे नही हैं, जितना हम उनको मानते हैं. पार्क का ये पहला चरण है. दूसरे चरण में हम इसमें रेप्टाइल हाउस बनाने जा रहे हैं. इसमें सेंट्रल जुहू अथॉरिटी केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण से सैद्धांतिक स्वीकृति हो चुकी है. यहां हम यहां 18 प्रजाति के सांपों को रख पाएंगे. इसी के साथ ही विदेश में पाए जाने वाले सांपों को भी यहां रखा जाएगा."