नई दिल्ली: दिल्ली की सात लोकसभा सीटों पर छठे चरण के तहत 25 मई को मतदान होना है. दिल्ली के मुख्य निर्वाचन कार्यालय की ओर से फाइनल वोटर लिस्ट जारी कर दी गई है. इस बार चुनाव में 1.52 करोड़ से ज्यादा मतदाता अपने वोट का प्रयोग करेंगे. खास बात है कि दिल्ली लोकसभा चुनाव में इस बार ट्रांसजेंडर मतदाताओं की संख्या भागीदारी पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले ज्यादा होगी. दिल्ली में ट्रांसजेंडर्स वोटरों की संख्या 5 साल में डबल हो गई है.
दिल्ली सीईओ कार्यालय के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो पूरी दिल्ली में इस बार ट्रांसजेंडर्स वोटरों की कुल संख्या 1228 रिकॉर्ड की गई है. जबकि, पिछले 2019 के चुनाव में इनकी संख्या मात्र 669 थी. थर्ड जेंडर कैटेगरी में वोटर संख्या में बढ़ोत्तरी होने की एक बड़ी वजह यह भी है कि चुनाव कार्यालय की तरफ से जिला स्तर पर इनको इस दिशा में जागरूक करने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहते हैं. इसके अलावा कई स्वयंसेवी संस्थाएं भी इस वर्ग को समाज की मुख्य धारा में जोड़ने का काम करती हैं.
दिल्ली की सात लोकसभा में से सबसे ज्यादा ट्रांसजेंडर वोटरों की संख्या दक्षिणी दिल्ली संसदीय क्षेत्र में है. इसके बाद फिर नॉर्थ वेस्ट (एससी) और तीसरे नंबर पर चांदनी चौक लोकसभा सीट है. चौथे नंबर पर नॉर्थ ईस्ट, पांचवें पर वेस्ट दिल्ली, छठे पर ईस्ट दिल्ली और सातवें नंबर पर नई दिल्ली सीट है. अहम बात यह है कि सभी सीटों पर ट्रांसजेंडर मतदाताओं की संख्या में दोगुनी या तिगुनी वृद्धि हुई है.
दिल्ली में ट्रांसजेंडर मतदाताओं की संख्या:
लोकसभा सीट | ट्रांसजेंडर मतदाता 2019 | ट्रांसजेंडर मतदाता 2024 |
दक्षिणी दिल्ली | 130 | 336 |
नॉर्थ वेस्ट (एससी) | 158 | 262 |
चांदनी चौक | 132 | 168 |
नॉर्थ ईस्ट | 86 | 149 |
वेस्ट दिल्ली | 60 | 131 |
ईस्ट दिल्ली | 79 | 104 |
नई दिल्ली | 24 | 78 |
अप्रैल, 2015 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ट्रांसजेंडर के लिए भी अलग से वोटर आईडी कार्ड बनाने को आदेश दिया गया था. इसके बाद ट्रांसजेंडर के वोटर आईडी कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई थी. 2019 में पहली बार दिल्ली में 669 ट्रांसजेंडर के स्वतंत्र रूप से वोटर कार्ड बनाए गए थे. पिछले 2019 के आम चुनाव में ट्रांसजेंडर को स्वतंत्र रूप से मतदाता पहचान जारी किए गए थे.
2019 में ट्रांसजेंडर्स की आबादी 10 हजार: साल 2019 के आम चुनाव के दौरान दिल्ली में ट्रांसजेंडर्स की संख्या करीब 10 हजार थी. इनमें से कुछ के महिला या पुरुष कैटेगरी में रजिस्टर्ड होने की बात भी सामने आई थी. वहीं, कुछ ट्रांसजेंडर ऐसे हैं जो पारिवारिक समस्याओं की वजह से खुलकर सामने नहीं आना चाहते हैं. इस बार ट्रांसजेंडर्स वोटरों की संख्या में हुई डबल बढ़ोतरी से इनकी आबादी भी 2024 में करीब 18 से 20 हजार होने का अनुमान लगाया गया है. हालांकि, 2011 की केंद्र सरकार की जनगणना में दिल्ली में इनकी आबादी को 4213 दर्शाया गया था.
2014 में 18 फीसदी किन्नरों ने किया था वोट: साल 2014 के आम चुनाव भी इनको वोटिंग करने का पूरा अधिकार था, लेकिन उस वक्त इनको स्वतंत्र रूप से ट्रांसजेंडर आईडी कार्ड जारी करने के बजाय 'अन्य श्रेणी' में रखा जाता था. 2014 में कुल 839 ट्रांसजेंडर रजिस्टर्ड थे. जिनमें से सिर्फ 154 ट्रांसजेंडर ने ही अपने वोट का इस्तेमाल किया था यानी सिर्फ 18 फीसदी किन्नरों ने ही वोट किया था.
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दिल्ली में इस बार वोटर्स की संख्या 1.52 करोड़: दिल्ली में इस बार 1,52,01,936 वोटर अपने मत का प्रयोग करेंगे. इसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 82,12,794 है. जबकि महिला वोटरों की संख्या 69,87,914 है. इसके अलावा ट्रांसजेंडर वोटरों की कुल संख्या इस बार 1228 है.