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भेड़ियों की मांद में लगाए गए ट्रैकिंग कैमरा, एशिया के एक मात्र वुल्फ सेंचुरी में हो रहा व्यवहार का आकलन - बेतला पार्क में ट्रैकिंग कैमरा

Palamu Wolf Sanctuary. पलामू टाइगर रिजर्व के क्षेत्र में स्थित वुल्फ सेंचुरी में भेड़ियों की गिनती और उनके व्यवहार के आकलन के लिए ट्रैकिंग कैमरे लगाए गए हैं. इलाके में वाइल्ड लाइफ इंस्टिट्यूट की टीम कैम्प कर रही है.

Palamu Wolf Sanctuary
Palamu Wolf Sanctuary
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 20, 2024, 6:57 PM IST

पलामू: भेड़ियों की मांद में ट्रैकिंग कैमरे लगाए गए हैं ताकि उनके व्यवहार का आकलन किया जा सके. दरअसल, पलामू टाइगर रिजर्व के महुआडांड के इलाके में एशिया का एकमात्र वुल्फ सेंचुरी मौजूद है. पिछले कुछ दिनों से वुल्फ सेंचुरी के इलाके में भेड़ियों के व्यवहार के आकलन के साथ उनकी गिनती की जा रही है. गिनती और उनके व्यवहार के आकलन के लिए दो दर्जन के करीब ट्रैकिंग कैमरे लगाए गए हैं.

कोर एरिया समेत पूरे इलाके पर नजर: ट्रैकिंग कैमरे में रिकॉर्ड वीडियो के आधार पर उनके व्यवहार का आकलन किया जाएगा और उनकी संख्या का भी पता चलेगा. एक्सपर्ट कोर एरिया समेत पूरे इलाके में नजर बनाए हुए हैं. पलामू टाइगर रिजर्व के निर्देशक कुमार आशुतोष ने बताया कि भेड़ियों की गिनती और उनके व्यवहार के आकलन के लिए उनकी मांद में कैमरे लगाए गए हैं. पूरे इलाके में एक्सपर्ट कई बिंदुओं पर कार्य कर रहे हैं.

वाइल्ड लाइफ इंस्टिट्यूट की टीम कर रही कैम्प: महुआडांड वुल्फ सेंचुरी में वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट की एक टीम कैम्प कर रही है. यह टीम भेड़ियों की घटती संख्या, उनके व्यवहार का आकलन कर रही है.

63 स्क्वायर किलोमीटर में फैला है वुल्फ सेंचुरी: वुल्फ सेंचुरी करीब 63 स्क्वायर किलोमीटर में फैला हुआ है. यह इलाका पलामू टाइगर रिजर्व का हिस्सा है और छत्तीसगढ़ सीमा से सटा हुआ है. बेतला नेशनल पार्क में दुर्लभ इंडियन ग्रे वुल्फ हैं. जिनकी संख्या पूरे विश्व में बेहद कम है. ठंड के दौरान भेड़ियों की ब्रीडिंग होती है. इसी वजह से सेंचुरी में गिनती की जा रही है.

पलामू: भेड़ियों की मांद में ट्रैकिंग कैमरे लगाए गए हैं ताकि उनके व्यवहार का आकलन किया जा सके. दरअसल, पलामू टाइगर रिजर्व के महुआडांड के इलाके में एशिया का एकमात्र वुल्फ सेंचुरी मौजूद है. पिछले कुछ दिनों से वुल्फ सेंचुरी के इलाके में भेड़ियों के व्यवहार के आकलन के साथ उनकी गिनती की जा रही है. गिनती और उनके व्यवहार के आकलन के लिए दो दर्जन के करीब ट्रैकिंग कैमरे लगाए गए हैं.

कोर एरिया समेत पूरे इलाके पर नजर: ट्रैकिंग कैमरे में रिकॉर्ड वीडियो के आधार पर उनके व्यवहार का आकलन किया जाएगा और उनकी संख्या का भी पता चलेगा. एक्सपर्ट कोर एरिया समेत पूरे इलाके में नजर बनाए हुए हैं. पलामू टाइगर रिजर्व के निर्देशक कुमार आशुतोष ने बताया कि भेड़ियों की गिनती और उनके व्यवहार के आकलन के लिए उनकी मांद में कैमरे लगाए गए हैं. पूरे इलाके में एक्सपर्ट कई बिंदुओं पर कार्य कर रहे हैं.

वाइल्ड लाइफ इंस्टिट्यूट की टीम कर रही कैम्प: महुआडांड वुल्फ सेंचुरी में वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट की एक टीम कैम्प कर रही है. यह टीम भेड़ियों की घटती संख्या, उनके व्यवहार का आकलन कर रही है.

63 स्क्वायर किलोमीटर में फैला है वुल्फ सेंचुरी: वुल्फ सेंचुरी करीब 63 स्क्वायर किलोमीटर में फैला हुआ है. यह इलाका पलामू टाइगर रिजर्व का हिस्सा है और छत्तीसगढ़ सीमा से सटा हुआ है. बेतला नेशनल पार्क में दुर्लभ इंडियन ग्रे वुल्फ हैं. जिनकी संख्या पूरे विश्व में बेहद कम है. ठंड के दौरान भेड़ियों की ब्रीडिंग होती है. इसी वजह से सेंचुरी में गिनती की जा रही है.

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