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झारखंड राज्यसभा चुनाव: बाहरी कैंडिडेट्स को खड़ा करने पर सामाजिक संगठनों ने जताया विरोध, कहा- बाहरी लोग सदन में नहीं उठा सकते स्थानीय मुद्दे!

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Mar 12, 2024, 8:37 PM IST

Rajya Sabha election in Jharkhand. झारखंड की दो सीटों के लिए होने वाले राज्यसभा चुनाव में बाहरी लोगों को प्रत्याशी बनाए जाने पर कई सामाजिक और राजनीतिक संगठनों ने ऐतराज जताया है और प्रत्याशियों के चयन पर सवाल उठाए हैं.

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Rajya Sabha Election In Jharkhand

रांची: इन दिनों झारखंड में राज्यसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज है. दो सीटों पर होने वाले राज्यसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियां अपनी-अपनी जीत सुनिश्चित करने में जुटी हैं. वहीं इन सबके बीच कई सामाजिक और राजनीतिक संगठन राज्यसभा चुनाव में प्रत्याशियों को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं. सोमवार को झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा ने राज्यसभा चुनाव में गैर झारखंडियों को उम्मीदवार बनाने का कड़ा विरोध जताया है.

झारखंड को नहीं बनने देंगे लूट का चारागाह

सामाजिक संगठन से जुड़े लोगों ने कहा कि झारखंड को राजनीतिक उपनिवेशवाद और लूट का चारागाह नहीं बनने दिया जाएगा. झारखंड की राजनीतिक पार्टियां केवल धन कुबेरों को राज्यसभा चुनाव में खड़ा कर झारखंडी विशिष्टता को खत्म करने की साजिश करेगी तो आने वाले दिनों में राजनीतिक दलों को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी. झारखंड के लोग यदि राज्यसभा से जीत कर सदन में जाएंगे तो यहां के मूलवासियों और स्थानीय लोगों की समस्याओं को सदन में रख पाएंगे.

बाहरी लोग सदन में नहीं उठा सकते स्थानीय मुद्देः भुवनेश्वर केवट

वहीं सामाजिक संगठनों के विरोध का समर्थन करते हुए भाकपा माले के नेता और झारखंड आंदोलनकारी भुवनेश्वर केवट ने कहा कि यदि राज्यसभा जैसे बड़े सदन में इस तरह से प्रत्याशियों का चयन होगा तो निश्चित रूप से स्थानीय मुद्दों को सदन तक नहीं पहुंचाया जा सकेगा. झारखंड में कई ऐसे बुद्धिजीवी, समाजसेवी या राजनीतिज्ञ हैं जिन्हें राज्यसभा के लिए टिकट दिया जा सकता है, लेकिन झारखंड में भाजपा और अन्य राजनीतिक दल बाहर के राज्यों के कारोबारी को कैंडिडेट बनाकर सदन भेज रहे हैं. जो कहीं ना कहीं झारखंड की परंपराओं और सभ्यताओं को नुकसान पहुंचाता है.

उन्होंने कहा कि जब बाहर के लोग किसी दूसरे प्रदेश से जीत कर सदन जाएंगे तो वह वहां की मूल समस्याओं और महत्वपूर्ण मुद्दों को महसूस नहीं कर पाएंगे. इसलिए झारखंड आंदोलन संघर्ष मोर्चा और वाम दल की तरफ से विरोध किया जा रहा है.

भाजपा और जेएमएम के प्रत्याशी कर चुके हैं नामांकन

बता दें कि झारखंड में धीरज साहू और समीर उरांव का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. इसको लेकर भारतीय जनता पार्टी और झारखंड मुक्ति मोर्चा अपने-अपने प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करने की रणनीति बनाने में जुटे हैं. भारतीय जनता पार्टी की तरफ से प्रदीप वर्मा को तो वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा की तरफ से पूर्व विधायक सरफराज अहमद को राज्यसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी बनाया गया है.

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