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क्या है 5 हत्याओं के पीछे की कहानी, पुलिस की थ्यौरी से कितने अलग हैं रिश्तेदारों के आरोप, पढ़िए डिटेल - Sitapur Murder

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 12, 2024, 9:01 AM IST

सीतापुर में अपने ही परिवार के 5 लोगों की हत्या के बाद एक किसान ने खुद की भी जान ले ली. वारदात को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. पुलिस इनकी गुत्थी सुलझाने में जुटी है.

अनुराग, उसकी पत्नी और बच्चों की पुरानी तस्वीर.
अनुराग, उसकी पत्नी और बच्चों की पुरानी तस्वीर. (Photo credit; ETV Bharat)

चेचरे भाई ने घटना पर उठाए सवाल. (VIDEO credit; ETV Bharat)

सीतापुर : रामपुर मथुरा इलाके के पाल्हापुर गांव में एक साथ हुई 5 हत्याओं ने अपने पीछे कई अनसुलझे सवाल छोड़ दिए हैं. सनसनीखेज वारदात के पीछे की पुलिस की थ्यौरी बेहद आसान है, लेकिन पड़ोसी और रिश्तेदार के दावे इससे इतर है. उनका कहना है कि अनुराग परिवार के किसी सदस्य को मार सकता है लेकिन वह बच्चों की हत्या नहीं कर सकता है. वहीं अनुराग के साले के अनुसार यह सुनियोजित नरसंहार है. प्रॉपर्टी के लिए ऐसा किया गया. करीबी ही इस घटना के लिए जिम्मदार हैं.

पाल्हापुर के रहने वाले अनुराग ने शनिवार की तड़के मां सावित्री (62), पत्नी प्रियंका (40) और बेटी अश्विनी (12), बेटा आद्विक (8) और छोटी बेटी अश्वी (10) की हत्या कर दी थी. पुलिस के अनुसार घटना के पीछे का कारण पारिवारिक विवाद है. अनुराग ने पांच हत्याओं के बाद खुद की भी जान ले ली थी.

साले ने जताई प्रॉपर्टी विवाद में हत्या की आशंका : अनुराग के साले अंकित का कहना है आशंका है कि प्रापर्टी के चलते अनुराग के परिवार के करीबी ने ही ये हत्याएं की हैं. लखनऊ के गोमतीनगर विस्तार के रहने वाले अंकित का कहना है कि घटना को प्लानिंग के साथ अंजाम दिया गया है. अनुराग खरबूज और तरबूज के बहुत बड़े व्यापारी थे. वह 100 बीघा जमीन पर खेती करते थे.

पड़ोसियों को भनक न लगना बड़ा सवाल : अंकित का कहना है कि घटना के बारे में बताया जा रहा है कि अनुराग गोली मारकर हत्या कर रहे थे. बच्चों को छत से बारी-बारी से नीचे फेंक रहे थे, लेकिन पड़ोस में रहने वालों को इसकी भनक तक नहीं लगी. ऐसा कैसे हो सकता है?. अनुराग के परिवार के सदस्य ने ही कुछ लोगों के साथ मिलकर ये हत्याएं कीं हैं. एक के बाद इतने लोगों की हत्याएं केवल एक आदमी नहीं कर सकता है.

रात में प्रॉपर्टी को लेकर हुआ था विवाद : अंकित सिंह ने पुलिस की जांच पर भी कई सवाल खड़े किए हैं. कहा कि पुलिस बहनोई अनुराग को मानसिक विछिप्त बताकर घटना को दूसरा रूप देना चाहती है. जबकि शुक्रवार रात आठ बजे प्रॉपर्टी को लेकर विवाद हुआ था. अनुराग शरीफ इंसान थे. घटना के दौरान अगर वह नशे में थे तो परिवार के लोग तो नशे में नहीं थे. वे शोर मचा सकते थे.

वहीं शनिवार भोर ही घटनास्थल पर रामपुर मथुरा पुलिस पहुंच गई थी लेकिन मौके से असलहा नहीं मिला. नौ बजे के बाद एसपी चक्रेश मिश्र घटनास्थल पर पहुंचे तो बेड के नीचे से असलहा बरामद हो गया. हालांकि पुलिस दो खोखा मिलने की बात कह रही है जबकि गोली कई चली थीं.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट के इंतजार में पुलिस. (VIDEO credit; ETV Bharat)

आधे घंटे तक नहीं मिली कार की चाबी : घर के सामने रहने वाले अनुराग के करीबी प्रभाकर प्रताप सिंह का कहना है कि घटना की जानकारी पर वह मौके पर पहुंचे. बच्चों की सांसें चलने का हवाला देकर उन्होंने अनुराग के भाई अजीत से चाबी मांगी लेकिन आधे घंटे तक चाबी नहीं मिली. बाद में अनुराग की गाड़ी की चाबी मिल गई. वह गांव के अमरेंद्र सिंह, निर्मल व राजू के साथ तीनों बच्चों को लेकर महमूदाबाद सीएचसी गए थे. यहां से लखनऊ ले गए, लेकिन बच्चों की जान नहीं बची.

पिता की मौत के बाद दोनों भाइयों में हुआ बंटवारा : अनुराग के पिता वीरेंद्र सिंह प्रगतिशील किसान थे. उनकी अब मौत हो चुकी है. अनुराग के छोटे भाई का नाम अजीत सिंह है. वीरेंद्र सिंह की मौत के बाद दोनों भाइयों में बंटवारा हो गया. वे अलग-अलग रहने लगे. अजीत सिंह सरकारी शिक्षक हैं. वह रामपुर मथुरा ब्लॉक के बरीजगतपुर प्राथमिक विद्यालय में तैनात हैं . महमूदाबाद कस्बे के शहजानी वार्ड में मकान बनाकर वह परिवार समेत रहते हैं.

शुक्रवार को लखनऊ से सीतापुर पहुंचा था परिवार : अनुराग सिंह अपनी मां सावित्री देवी के साथ पाल्हापुर स्थित घर में रहते थे. पत्नी और बच्चे लखनऊ के गुडम्बा स्थित सरगम अपार्टमेंट में रहते थे. तीनों बच्चे लखनऊ के सीएमएस स्कूल में पढ़ाई करते थे. प्रियंका सिंह एक फाइनेंस कंपनी में कैशियर थीं. शुक्रवार सुबह करीब 11 बजे प्रियंका सिंह अपने तीनों बच्चों के साथ गांव आई थी. आरोप है कि शाम को प्रियंका सिंह और अनुराग सिंह में शराब पीने को लेकर कहासुनी हुई थी. इसके बाद शनिवार की तड़के वारदात को अंजाम दिया गया.

चचेरा भाई बोला-अनुराग बच्चों की हत्या नहीं कर सकता : अनुराग के चचेरे भाई भानु प्रताप ने बताया कि 4.45 बजे मेरे छोटे भाई पीपी को फोन आया कि गोली चलने की सूचना मिल रही. इसके बाद हम लोग बाइक से निकले, अनुराग शराब पीते थे, लेकिन वह बच्चों को गोली नहीं मार सकते हैं. बेड पर बैठे हुए गोली चलने की बात कही जा रही है, ऐसे हाल में गोली लगने वह अनुराग पीछे गिरता या औंधे मुंह गिरता लेकिन वह लेटा हुआ था, दीवार पर खून के छींटे हैं जो कि बैठने की अवस्था में एक से दो फीट ऊपर है.

अनुराग ने की थी आईएएस की तैयारी : अनुराग का एसी रूम था. वह खेत में कड़ी मेहनत करने के बाद वह इसी रातभर इसी कमरे में सोता था. उस रूम में कोई घटना नहीं हुई. कमरे के बाहर एक चारपाई रहती है, उस पर बर्तन धुलकर रखे जाते हैं, अनुराग पढ़ने में होनहार था, उसने आईएस की तैयारी भी की थी, बस कुछ कसर के कारण वह अफसर नहीं बन पाया. पत्नी भी सर्विस करती थी. सारे बच्चे लखनऊ रहते थे. शनिवार को खेत से तरबूज टूटने थे, इसलिए सारे लोग गांव आए थे, यह घटना संदिग्ध है.

अलग-अलग शवों पर अलग-अलग चोट के निशान : एसपी चक्रेश मिश्रा ने बताया कि जानकारी पर पुलिस मौके पर पहुंची थी. पड़ोसी और अन्य साथियों ने बताया कि अनुराग शराब के आदी थे. शाम को भी अनुराग का परिवार में झगड़ा हुआ था. रात में फिर झगड़ा हो रहा था. इसके बाद अनुराग ने पत्नी, मां और तीन बच्चों की हत्या की. इसके बाद खुद की भी जान ले ली. पुलिस ने मौके से तमंचा और हथौड़ा बरामद किया. अलग-अलग शव पर अलग निशान है. दो शवों में अभी गोली के निशान अभी दिख रहे हैं, बाकी पोस्टमार्टम में जो निकल कर सामने आएगा, उसके हिसाब से कार्रवाई की जाएगी. प्राथमिक जांच में घटना के पीछे का कारण पारिवारिक विवाद ही सामने आ रहा है.

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