सीतामढ़ीः जिले में अवैध रूप से रह रहे नेपाली नागरिकों का मामला बढ़ता ही जा रहा है, लेकिन ताजा मामला तो हैरान ही करनेवाला है, क्योंकि सीतामढ़ी जिले में रह रहे इस नेपाली परिवार के पास न सिर्फ बिहार का राशन कार्ड है बल्कि सभी सरकारी दस्तावेजों में अपना नाम शामिल करा चुका है और योजनाओं का लाभ उठा रहा है. इसको लेकर एक ग्रामीण ने डीएम से शिकायत की है.
दोनों देशों की योजनाओं का लाभ उठा रहा हैः मामला सीतामढ़ी जिले के मेजरगंज प्रखंड का है. प्रखंड के कुआरी मदन गांव में रह रहा नेपाली परिवार भारत का आधार कार्ड और राशन कार्ड बनवाकर नेपाल और भारत, दोनों देशों की योजनाओं का लाभ उठा रहा है. हद तो ये कि प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी.
ग्रामीण ने की डीएम से शिकायतः कुआरी मदन गांव के जयबिंद सिंह ने डीएम को जानकारी दी है कि "नेपाली परिवार का उनके गांव से कुछ लेना-देना नही है. गांव में एक इंच जमीन भी नही है, लेकिन गांव के वार्ड नंबर एक से उसका राशन कार्ड और आधार कार्ड बना हुआ है." जयबिंद सिंह के मुताबिक "स्व. युगल किशोर सिंह की पत्नी मंजू देवी के नाम से राशन कार्ड निर्गत है."
नेपाल की रहनेवाली है मंजू देवीः जयबिंद सिंह के मुताबिक "मंजू देवी नेपाल के सरलाही जिले के मलंगवा प्रतिनिधि सभा क्षेत्र संख्या- चार की निवासी है. आरोप है कि मंजू देवी हर माह कुआरी गांव से राशन उठाव करती है. इसके अलावा वो कौन -कौन सी योजनाओं का लाभ उठाती है ये पता नहीं है."
राशन कार्ड में बच्चों के भी नामः जयबिंद सिंह ने बताया कि "मंजू देवी के राशन कार्ड में पुत्र रमोध कुमार सिंह, उसकी पत्नी प्रीति सिंह और बच्चे निक्की कुमारी और विक्की कुमार का भी नाम शामिल है. ये सभी नेपाल के बेलवा गांव के निवासी हैं और बिहार में अवैध रूप से राशन कार्ड और आधार कार्ड बनवाकर योजनाओं का लाभ ले रहे हैं."
बराबर आते हैं ऐसे मामलेः सीतामढ़ी जिले में नेपाली नागरिक के अवैध रूप से रहने का ये कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी कई मामले सामने आ चुके हैं. जानकारी के मुताबिक ऐसे एक दर्जन से भी अधिक मामले जिला प्रशासन के पास लंबित हैं. कुछ शिकायतों के आधार पर कागजी कार्रवाई शुरू हुई है.
नेपाली नागरिकता के आरोप में गई थी मुखिया की कुर्सीः पिछले दिनों तो नेपाली नागरिकता के आरोप में सोनबरसा प्रखंड के एक मुखिया को कुर्सी गंवानी पड़ी थी. इधर, नगर परिषद, बैरगनिया की मुख्य पार्षद के खिलाफ भी नेपाली नागरिक होने और भारतीय नागरिकता प्राप्त नहीं करने की शिकायत जिला प्रशासन को मिली हुई है और जांच जारी है.