नई दिल्ली: दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा अतिक्रमण अभियान के दौरान वकील हसन का घर ध्वस्त कर दिया था. वकील सिल्कयारा सुरंग बचाव अभियान के हीरो और रैट माइनर है. इस घटना को लेकर मीडिया में सवाल उठने के बाद डीडीए ने वकील हसन को नरेला में ईडब्ल्यूएस फ्लैट देने की पेशकश की. लेकिन सिल्कयारा हीरो ने डीडीए की पेशकश ठुकरा दिया.
वकील ने उसी जमीन पर अपना घर बनाने की मांग की है. उनका कहाना है, ''अगर उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वह भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे.'' वकील हसन ने गुरुवार को ये भी बताया कि डीडीए के अधिकारियों ने बुधवार देर रात अस्थायी आवास की पेशकश की थी. उन्होंने इस प्रस्ताव को मना कर दिया, क्योंकि डीडीए की ओर से यह केवल "मौखिक आश्वासन" था.
बता दें कि उपराजपाल वी.के सक्सेना और उत्तर पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी ने वकील हसन को मकान देने का भरोसा जताया. इसके बाद डीडीए की तरफ से वकील हसन से संपर्क किया गया और उन्हें नरेला में ईडब्ल्यूएस फ्लैट देने का ऑफर दिया गया. इस ऑफर को वकील हसन ने ठुकरा दिया. उनका कहना है की वह अपने ही मकान में रहना चाहते हैं, ऐसे में जहां पर उनका मकान था वहीं पर उन्हें घर बना कर दिया जाए.
आपको बता दे कि, 12 नवंबर को उत्तरकाशी चार धाम प्रोजेक्ट के तहत बन रही सिल्कियारा टनल निर्माण के दौरान हादसा हो गया था, हादसे में 41 मजदूर फंस गए थे मजदूरों को निकालने के लिए काफी प्रयास किया गया, लेकिन पूरी सफलता नहीं मिली, आखिर में रैट माइनर्स वकील हसन अपने साथियों के उत्तरकाशी पहुंचे और टनल में फंसे मजदूरों को निकालने में जुट गए, तकरीबन 21 घंटे के अंदर हाथ से 10 से 12 मीटर की खुदाई कर रैट माइनर्स सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने में सफल हो गए.