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सीता सोरेन के झामुमो छोड़ने के साइड इफेक्ट, सीएम चंपाई सोरेन ने होटवार जेल में पूर्व सीएम हेमंत से की मुलाकात, क्या हुई बात

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Mar 19, 2024, 4:17 PM IST

Updated : Mar 19, 2024, 8:18 PM IST

Sita Soren joins BJP
Sita Soren joins BJP

Sita Soren joins BJP. झारखंड की राजनीति में हलचल तेज हो गई है. शिबू सोरेन की बड़ी बहू और दुर्गा सोरेन की पत्नी सीता सोरेन ने बीजेपी का दामन थाम लिया है. सीता सोरेन ने मंगलवार को पहले पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दिया उसके बाद विधायकी छोड़ी फिर बीजेपी में शामिल हो गईं. कल्पना सोरेन की एंट्री और सीता सोरेन के पार्टी छोड़ने पर क्या असर होगा, अब इस बात पर चर्चा शुरू हो गई है.

रांची: झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन की बड़ी बहू सीता सोरेन ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने विधायक पद से भी इस्तीफा दे दिया है. इस्तीफा देने के कुछ घंटे के भीतर ही सीता सोरेन ने दिल्ली में भाजपा की सदस्यता ले ली है. उनको झारखंड के भाजपा प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने सदस्यता दिलायी. सीता सोरेन के पार्टी छोड़ने का साइड इफेक्ट दिखने लगा है.

ईमेल पर पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा देने की पेशकश होते ही झामुमो में खलबली मच गई. जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन सुबह करीब 10 बजे सीधे होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा पहुंचे और वहां न्यायिक हिरासत में चल रहे पूर्व सीएम सह पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन से मुलाकात की. सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन की करीब 40 मिनट तक हेमंत सोरेन के साथ गुफ्तगू हुई. इससे पहले 11 मार्च को भी खेलगांव में गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड और मानकी मुंडा छात्रवृति योजना के शुभारंभ से ठीक पहले मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन होटवार जेल जाकर हेमंत सोरेन से मिले थे.

माना जा रहा है कि सीता सोरेन के पार्टी छोड़ने से लोकसभा चुनाव पर पड़ने वाले प्रभाव से निपटने के बिंदु पर चर्चा हुई है. दरअसल, हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद उनकी पत्नी कल्पना सोरेन राजनीति में सक्रिय हो गई हैं. वह जगह-जगह सभाएं कर रही हैं. पिछलों दिनों मुंबई में राहुल गांधी की न्याय यात्रा के समापन कार्यक्रम में भी पार्टी की ओर से कल्पना सोरेन शामिल हुई थी. उनकी सक्रियता की वजह से झारखंड में इस बात की जोरशोर से चर्चा हो रही थी कि उनको सहानुभूति मिल सकती है. इससे गठबंधन को फायदा होगा.

लेकिन इसी बीच सीता सोरेन के पार्टी बदलने के फैसले से एक नयी बहस छिड़ गयी है. दरअसल, पूर्व में भी सीता सोरेन कह चुकी हैं कि उनकी उपेक्षा हो रही है. 30 जनवरी को ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान उन्होंने इस बात पर आपत्ति जतायी थी कि हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद अगर कल्पना सोरेन को सीएम बनाया जाता है तो वह इस फैसले को स्वीकार नहीं करेंगी. चर्चा है कि ताजा राजनीतिक हालात में अब सीता सोरेन जब जनता के बीच पार्टी में हुई उपेक्षा की बात उठाएंगी तो कल्पना सोरेन को मिलने वाली सहानुभूति प्रभावित होगी. क्योंकि खासकर संथाल में गुरुजी के बाद सीता सोरेन के दिवंगत पति दुर्गा सोरेन का ही प्रभाव रहा है. वह गुरुजी के साथ पार्टी की हर गतिविधि में शामिल हुआ करते थे.

सीता सोरेन भी कह चुकी हैं कि पार्टी के कई लोग उनके साथ हैं लेकिन मौजूदा हालात की वजह से खुलकर सामने नहीं आ पाते. जानकारों का कहना है कि सोरेन परिवार में दो फाड़ होने से भाजपा को फायदा होने की संभावना है. क्योंकि अबतक जो बातें भाजपा के नेता कहा करते थे, उसे अब सीता सोरेन कहेंगी.

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Last Updated :Mar 19, 2024, 8:18 PM IST
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